
ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के तरीके | Breast milk kaise badhaye
ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के साथ माँ के बीच एक साथी, भावनात्मक, और सामाजिक अनुभव भी होती है, जो उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।
ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के साथ माँ के बीच एक साथी, भावनात्मक, और सामाजिक अनुभव भी होती है, जो उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।
बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, और मखाना जैसे ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो बच्चों के दिमागी विकास के लिए जरूरी हैं।
प्रेगनेंसी के पहले दो महीने माता-पिता के लिए अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इसी दौरान भ्रूण का विकास तेज़ी से होता है और हर प्रकार के आहार का उसके स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है।
नई मांएं अक्सर बच्चे को ज्यादा गोद में रखने, सही समय पर स्तनपान न कराने, नींद के पैटर्न को नजरअंदाज करने और गीले डायपर देर तक छोड़े रखने जैसी गलतियां कर सकती हैं।
क्या आप चाहते हैं कि आपका बच्चा तेज-तर्रार, स्मार्ट और आत्मविश्वासी बने? जानिए ऐसे सरल लेकिन प्रभावी टिप्स, जो आपके बच्चे की सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाएंगे और उन्हें हर चुनौती के लिए तैयार करेंगे।
सर्दियों में छोटे बच्चों की देखभाल करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और ठंड के कारण बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों के लिए स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) सबसे स्वाभाविक और पोषक रूप है, लेकिन कई माताएँ ऐसे हालात में होती हैं जब उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के बजाय पंप किया हुआ दूध (expressed milk) देना पड़ता है।
अन्नप्राशन संस्कार में बच्चे को चांदी के बर्तन में खाना खिलाने की परंपरा का वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दोनों ही महत्व है। चांदी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो खाने को लंबे समय तक सुरक्ष
ब्रेस्टफीडिंग के बाद मां और बच्चे दोनों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, बच्चे को सही तरीके से डकार दिलाएं ताकि पेट में गैस न बने। इसके बाद, अगर बच्चा सो जाए तो उसे सीधे न लिटाएं, बल्कि
प्रेगनेंसी के दौरान कटहल खाना सुरक्षित होता है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए। कटहल में कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे विटामिन ए, सी, पोटैशियम और फाइबर, जो प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद हो सकते है