
क्या आपका बच्चा भी दिनभर फोन से रहता है चिपका, तो इन 6 तरीकों से छुड़ा सकते हैं मोबाइल की लत
बच्चों की फोन लत छुड़ाना अब आसान है! इस लेख में जानें कैसे आप अपने बच्चे को मोबाइल गेम्स, कार्टून और स्क्रीन टाइम की आदत से दूर कर सकते हैं। यहां दिए गए आसान टिप्स जैसे – बाहर खेलना, कहानियां सुनाना, स्क्रीन टाइम तय करना और क्रिएटिव एक्टिविटीज – से आप अपने बच्चे को स्वस्थ और एक्टिव बना सकते हैं।
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Baby Health, Baby care
बच्चों को 1 दिन में कितने डायपर पहनाने चाहिए? यहां जाने पूरी जानकरी विस्तार से
Baby Care

बच्चों को 1 दिन में कितने डायपर पहनाने चाहिए? यहां जाने पूरी जानकरी विस्तार से
“बच्चों को एक दिन में कितने डायपर पहनाने चाहिए? जानें उम्र के अनुसार सही संख्या, डायपर बदलने का समय, और उनकी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी सावधानियां

क्या दांत निकलने के कारण दस्त भी हो सकता है?
दांत निकलने के दौरान बच्चों की लार बढ़ जाती है। यह अतिरिक्त लार बच्चों के पेट में जाकर पाचन को प्रभावित कर सकती है, जिससे हल्के दस्त हो सकते हैं।

Breast milk kaise badhaye: क्या डिलीवरी के बाद आपका भी ब्रेस्टमिल्क नहीं बन रहा है? इसे खाने से बनने लगेगा आपके शिशु के लिए ढेर सारा दूध
यदि माँ का दूध कम बनता है तो इससे आपका बच्चा भूखा रह जाता है और उसे जरूर पोषक तत्व नहीं मिल पाते। न्यू मॉम्स ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के लिए करें ये उपाय

Navjaat shishu ka sir con shape mai kyu hota hai: यहाँ जाने कारण
इस लेख के माध्यम से हम आपको बेबी कोनहेड क्या है? इसके आकर का कारण और किस तरह शंकु आकर को ठीक किया जा सकता है, इसक सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जिसके लिए आप लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

Bacho ke der se chlane ke piche ka karan: शिशुओं में देर से चलने के क्या कारण हैं?
बच्चों के चलने में देरी के कई कारण हो सकते हैं, और ये सामान्य रूप से अलग-अलग बच्चों में भिन्न हो सकते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि हर बच्चा अपनी गति से विकसित होता है और कुछ बच्चे दूसरों की तुलना में थोड़े अधिक समय ले सकते हैं।

शिशु को सुलाते समय किन बातों का ध्यान रखें? माता पिता अपनाएं ये सभी ट्रिक्स
शिशु की नींद उनके विकास का आधार है। सही स्थिति, शांत माहौल, और उपयुक्त सावधानियां अपनाकर आप उनकी नींद को सुरक्षित और आरामदायक बना सकते हैं। जानें शिशु को सुलाने के सही तरीके और जरूरी टिप्स।”
Pregnancy Care

प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता है? जानिए आपके बच्चे की गर्भ में सोने की सही पोजीशन को क्या कहते है?
गर्भावस्था में बच्चे की स्थिति दाईं या बाईं ओर हो सकती है, जो बच्चे की गतिविधियों और गर्भाशय की जगह पर निर्भर करती है। यह स्थिति प्रसव के समय की जटिलताओं को प्रभावित कर सकती है।

आखिर प्रेगनेंसी में फोलिक एसिड और फोलेट क्यों जरूरी? ये 7 सुपरफूड्स बढ़ाएंगे आपके शरीर में इसका लेवल
इस लेख में प्रेगनेंसी के दौरान फोलिक एसिड के महत्व, फायदे और फूड सोर्सेज़ पर विस्तार से चर्चा की गई है। गर्भवती महिलाओं के लिए 400-800 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड प्रतिदिन आवश्यक है, जिससे न्यूरल ट्यूब डिसऑर्डर, एनीमिया और अन्य जटिलताओं से बचाव होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, चुकंदर, ड्राई फ्रूट्स, एवोकाडो, अंडे और पपीता इस पोषक तत्व के प्रमुख स्रोत हैं। स्वस्थ आहार और नियमित डाक्टरी जांच के माध्यम से प्रेगनेंसी को सुरक्षित और सुखद बनाया जा सकता है।

प्रेगनेंसी के 9 महीने में कैसे सोना चाहिए
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में बाईं करवट सोना सबसे सही माना जाता है। इससे शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, और माँ को कमर दर्द से राहत मिलती है। पीठ के बल सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।

प्रेगनेंसी में कौनसी सब्जी नही खाना चाहिए
प्रेगनेंसी के दौरान बैंगन, करेला, कटहल, अदरक, और बेमौसमी सब्जियों का सेवन हानिकारक हो सकता है। इनसे गर्भाशय उत्तेजित हो सकता है या गैस्ट्रिक समस्याएँ हो सकती हैं, जो माँ और बच्चे के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।

प्रेगनेंसी में मिर्गी का असर शिशु पर होता है? डॉक्टर की राय जानें
क्या मिर्गी की बीमारी से गर्भस्थ शिशु को खतरा हो सकता है? क्या दवाएँ शिशु को नुकसान पहुँचा सकती हैं? डॉक्टरों की राय के साथ जानें वे ज़रूरी सावधानियाँ, जो मिर्गी से ग्रसित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बरतनी चाहिए।

शारीरिक संबंध बनाने के कितने दिन बाद प्रेग्नेंट हो सकते है?
ओवुलेशन पीरियड पर शारीरिक संबंध बनाने के तुरंत बाद भी गर्भ धारण हो सकता है।पीरियड के बाद ओवुलशन पीरियड चल रहा है तो एग रिलीज़ के 24 घंटे के अंदर आपका संबंध बनाना आवश्यक होगा।
मेरे बारे में
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया।
मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें।
मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।
जब आप गर्भावस्था और मातृत्व की यात्रा पर निकलते हैं, तो आपको एक ऐसे साथी की आवश्यकता होती है जो न केवल जानकारी दे, बल्कि आपको समझे भी। mumbabysparh.com पर हम आपको उसी सहानुभूति और समर्थन के साथ प्रदान करते हैं जिसकी आपको सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
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हमारा उद्देश्य है कि ममबेबीस्पर्श आपके लिए एक ऐसा स्थान बने, जहाँ आप न केवल जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकें, बल्कि एक सहायक समुदाय का हिस्सा भी बन सकें। हम आपके साथ इस खूबसूरत यात्रा में साथ चलने के लिए तत्पर हैं।
शिशु के पालन-पोषण के चरण
नीचे दिए गए विकल्पों में से अपने वर्तमान चरण का चयन करें
गर्भावस्था की यात्रा (Pregnancy Journey)
इस खंड में, हम गर्भावस्था के प्रत्येक चरण को विस्तार से देखेंगे – प्रारंभिक लक्षणों से लेकर प्रसव पूर्व देखभाल तक। सप्ताह-दर-सप्ताह गाइड, पोषण सलाह, और स्वास्थ्य टिप्स के साथ, यह खंड आपको एक स्वस्थ और खुशहाल गर्भावस्था सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
शिशु की देखभाल
(Baby Care)
नवजात शिशु की देखभाल से जुड़ी हर जानकारी यहाँ मिलेगी। चाहे वो स्तनपान के टिप्स हों, नींद के पैटर्न, या रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय, हम आपके छोटे से चमत्कार की सही देखभाल के लिए सम्पूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
पालन-पोषण और विकास (Parenting & Development)
इस श्रेणी में, हम बच्चे के विकास और पालन-पोषण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। व्यवहारिक सलाह, शिक्षण तकनीकें, और बच्चे के सामाजिक, भावनात्मक विकास को समर्थन देने वाले उपाय इस खंड का हिस्सा होंगे।
स्वास्थ्य और पोषण (Health & Nutrition)
माँ और शिशु दोनों के लिए स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी आवश्यक जानकारी। इसमें गर्भावस्था के दौरान और बाद में स्वस्थ रहने के लिए आहार संबंधी टिप्स, सुपरफूड्स, और शारीरिक व्यायाम शामिल हैं।
मातृत्व की चुनौतियाँ (Maternity Challenges)
स्तनपान की चुनौतियों और सफलता की कहानियों पर केंद्रित, यह श्रेणी माताओं को स्तनपान के दौरान समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करती है। यहाँ स्तनपान की तकनीकों, दूध बढ़ाने के उपायों, और सामान्य समस्याओं के समाधान पर चर्चा की गई है।
माता-पिता की भलाई
(parents Health)
इस आखिरी श्रेणी में, हम माता-पिता की मानसिक और शारीरिक भलाई पर जोर देते हैं। यहाँ आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट, सेल्फ-केयर रूटीन, और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने के उपाय मिलेंगे।