
न्यू बोर्न बेबी को खाँसी- जुकाम होने पर क्या करें
नवजात शिशु की खाँसी-जुकाम को लेकर माता-पिता का चिंता बढ़ जाता है। बच्चों की कमजोर इम्युनिटी के कारण यह समस्या आम होती है। इसके लक्षणों को पहचानना और सही उपाय करना महत्वपूर्ण होता है।
नवजात शिशु की खाँसी-जुकाम को लेकर माता-पिता का चिंता बढ़ जाता है। बच्चों की कमजोर इम्युनिटी के कारण यह समस्या आम होती है। इसके लक्षणों को पहचानना और सही उपाय करना महत्वपूर्ण होता है।
नवजात शिशु को दस्त (लूज मोशन) होने के कई कारण हो सकते हैं। नवजात शिशु के पाचन तंत्र कमजोर होते हैं, जिसके कारण वे बहुत अधिक संतुलित पोषण की आवश्यकता होती है। दस्त का मुख्य कारण संक्रमण हो सकता है, जैस
प्रेगनेंसी के दौरान नारियल पानी पीना माँ और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। यह न केवल हाइड्रेशन सुनिश्चित करता है, बल्कि आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
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शुरुवाती प्रेगनेंसी के लक्षणों में महिलाओं को अक्सर उल्टियाँ, सुस्ती, मूत्राघात की अधिकता, सीने में दर्द, बार-बार पेशाब आना, निप्पल में संवेदनशीलता बढ़ना, और योनि से खून आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
प्रेगनेंसी का समय मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है, इसलिए संतुलित और पौष्टिक आहार का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। आपको अपने खाने में सभी जरूरत की चीजों को शामिल करना बेहद जरुरी है।
नवजात शिशु का जन्म का पल खास होता है। उनके छोटे हाथ-पैर, नाजुक शरीर और आँखें हमें उनकी मासूमियत और नाजुकता का अनुभव कराती हैं। लेकिन कई बातें ऐसी है जो आपको जाननी जरुरी है ताकि आप घबराएं नहीं।
किशोरावस्था में डायबिटीज़ के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। अगर आपकी बेटी (13-19 वर्ष) में अचानक कुछ असामान्य लक्षण दिख रहे हैं, तो यह डायबिटीज़ की शुरुआत हो सकती है।
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12 साल की उम्र से पहले बच्चों में कुछ ऐसे गुण विकसित करना जरूरी होते हैं, जो उनके पूरे जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकें