सही तकनीक अपनाने पर ब्रेस्टफीडिंग आरामदायक होती है। यदि दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लें।
मां का दूध बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, जो फॉर्मूला मिल्क से संभव नहीं है।
यह एक मिथक है, गर्भावस्था और उम्र का असर ब्रेस्ट के आकार पर होता है, न कि ब्रेस्टफीडिंग का।
ब्रेस्टफीडिंग से कैलोरी बर्न होती है, जो वजन घटाने में मदद कर सकती है।
स्तन का दूध निकालकर स्टोर किया जा सकता है, ताकि बच्चे को बाद में दिया जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) 2 साल तक ब्रेस्टफीडिंग की सिफारिश करता है।
मां का दूध 6 महीने तक बच्चे की सभी पोषण जरूरतें पूरी करता है।