Parenting Tips: बच्चों से कभी न छीनें इन चीजों की आजादी, जीवन के हर कदम पर मिलेगी कामियाबी

बच्चों को खुलकर अपनी बात कहने, खुद फैसले लेने और दोस्त बनाने की आजादी देना बहुत जरूरी है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे भविष्य में जिम्मेदार बनते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों का मार्गदर्शन करें, न कि उन पर बेवजह पाबंदियां लगाएं। सही परवरिश से ही बच्चे एक अच्छा इंसान बन सकते हैं

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By Nutan Bhatt

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Parenting Tips: हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देना चाहते हैं, ताकि वे बड़े होकर एक खुशहाल, आत्मनिर्भर और सफल इंसान बन सकें। लेकिन कई बार, पेरेंट्स जरूरत से ज्यादा पाबंदियां लगा देते हैं, जिससे बच्चों का आत्मविश्वास और सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

बच्चों को कुछ जरूरी चीजों की आजादी देना न सिर्फ उनकी व्यक्तित्व (Personality) को निखारता है, बल्कि उन्हें आगे चलकर जिम्मेदार भी बनाता है। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी तीन महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बताएंगे, जिनकी आजादी आपको अपने बच्चों से कभी नहीं छीननी चाहिए।

1. अपने मन की बात खुलकर कहने की आजादी दें

छोटे बच्चे स्वभाव से बहुत ही जिज्ञासु (Curious) होते हैं। उनके मन में कई सवाल होते हैं, जिन्हें वे अपने माता-पिता से पूछना चाहते हैं। अगर आप अपने बच्चे को अपनी बात खुलकर कहने की आजादी नहीं देंगे, तो वह धीरे-धीरे अपने मन की बातों को छिपाने लगेगा

क्या करें?

बच्चे की बातों को ध्यान से सुनें और उसे समझने की कोशिश करें।
उसके सवालों का सही और धैर्यपूर्वक जवाब दें, ताकि वह नए-नए चीजों को सीख सके।
अगर बच्चा किसी डर, परेशानी या समस्या को शेयर करता है, तो उसे डांटें नहीं, बल्कि उसे सहज महसूस कराएं।
“यह सवाल मत पूछो” जैसी बातें न कहें। इससे बच्चे का आत्मविश्वास कम हो सकता है।

फायदे:

✔️ बच्चा बेहतर तरीके से कम्युनिकेशन करना सीखता है
✔️ आत्मविश्वास बढ़ता है और डर खत्म होता है
✔️ वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीखता है, जिससे भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

2. खुद फैसले लेने की आजादी दें

बच्चों को छोटे-छोटे फैसले लेने की आजादी देना बहुत जरूरी है। जब वे अपने फैसले खुद लेते हैं, तो उनके सोचने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है

क्या करें?

✅ बच्चों को छोटे-छोटे निर्णय खुद लेने दें, जैसे- कौन-से कपड़े पहनने हैं, कौन-सा गेम खेलना है, स्कूल में कौन-सी एक्टिविटी करनी है आदि।
उनके फैसलों में गाइड करें, लेकिन उन पर अपनी मर्जी न थोपें
✅ अगर बच्चा कोई गलत फैसला लेता है, तो उसे डांटने की बजाय समझाने की कोशिश करें

फायदे:

✔️ बच्चा आत्मनिर्भर बनता है और हर बात के लिए माता-पिता पर निर्भर नहीं रहता।
✔️ प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल विकसित होती है।
✔️ आगे चलकर वह समझदारी से बड़े फैसले लेने के काबिल बनता है

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3. दोस्त बनाने की आजादी दें

कई माता-पिता अपने बच्चों को दूसरे बच्चों से मिलने या दोस्ती करने से रोकते हैं। वे सोचते हैं कि इससे उनका बच्चा बिगड़ सकता है या बुरी संगत में पड़ सकता है। हालांकि, यह सोच गलत है।

क्या करें?

✅ अपने बच्चे को स्कूल और पड़ोस में दोस्त बनाने की आजादी दें
सिर्फ दोस्ती पर रोक न लगाएं, बल्कि उन्हें अच्छे और बुरे दोस्तों में फर्क करना भी सिखाएं
✅ अगर कोई दोस्त गलत संगत में है, तो बच्चे को समझाकर सही दिशा दिखाएं

फायदे:

✔️ बच्चा सोशल स्किल्स (Social Skills) सीखता है और आत्मविश्वासी बनता है।
✔️ टीम वर्क और सहयोग की भावना विकसित होती है
✔️ अकेलापन महसूस नहीं करता और मानसिक रूप से खुश रहता है।

निष्कर्ष

बच्चों को सही परवरिश देने का मतलब यह नहीं है कि उन पर हर चीज़ के लिए पाबंदी लगा दी जाए। माता-पिता का काम बच्चों को समझाना और सही दिशा दिखाना है, न कि उन्हें दबाव में रखना।

अगर आप अपने बच्चे को मन की बात कहने, फैसले लेने और दोस्त बनाने की आजादी देंगे, तो वह न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि एक सफल और खुशहाल इंसान भी बनेगा।

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Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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