Parenting Tips: जरूरत से ज्यादा सख्ती छीन लेती है बच्चों से उनकी Cuteness, पेरेंटिंग में जरूर रखें 5 बातों का ख्याल

बच्चों को खुशमिजाज और आत्मनिर्भर बनाने के लिए माता-पिता को जरूरत से ज्यादा सख्ती से बचना चाहिए। इस लेख में 5 जरूरी पेरेंटिंग टिप्स दिए गए हैं, जिनसे बच्चे न सिर्फ अनुशासित बनेंगे, बल्कि आत्मविश्वास से भी भरपूर होंगे। बच्चों की भावनाओं को समझना, उन्हें छोटे फैसले लेने देना और प्यार देना उनकी मानसिक और भावनात्मक वृद्धि के लिए बेहद जरूरी है।

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By Nutan Bhatt

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 Parenting Tips: बच्चे अपने मासूमियत, शरारतों और हंसी से घर में खुशियों की रौनक भर देते हैं। उनकी नटखट हरकतें और प्यारा व्यवहार ही उन्हें खास बनाता है। लेकिन कई बार माता-पिता अच्छी परवरिश देने के चक्कर में जरूरत से ज्यादा सख्त हो जाते हैं, जिससे बच्चे डरपोक, चिड़चिड़े और जिद्दी बन सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुशमिजाज, समझदार और आत्मविश्वासी बने, तो आपको कुछ जरूरी पेरेंटिंग टिप्स को अपनाना होगा। आइए जानते हैं 5 अहम बातें, जो हर माता-पिता को अपनानी चाहिए ताकि उनका बच्चा बेहतर भविष्य के लिए तैयार हो सके।

1. जरूरत से ज्यादा “ना” मत कहें (Don’t Say “No” Too Often)

क्या होता है जब बच्चे को हर चीज़ के लिए “ना” कहा जाता है?

  • जब माता-पिता बच्चे को बार-बार “ना” कहते हैं, तो बच्चा जिद्दी बन जाता है या फिर डरपोक हो सकता है।
  • बच्चे को हर चीज़ एक्सप्लोर करने का स्वाभाविक हक होता है, लेकिन जब बार-बार रोका जाता है, तो उनका आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है।

क्या करें?

✅ हर चीज़ पर “ना” कहने की बजाय, प्यार से समझाएं
✅ अगर कोई चीज़ हानिकारक है, तो बच्चे को उसका कारण बताएं
✅ “ना” की जगह “शायद बाद में” या “इसका दूसरा विकल्प ट्राय करें” जैसे वाक्य इस्तेमाल करें।

2. ज्यादा सख्ती न करें (Avoid Over-Strictness)

क्या होता है जब माता-पिता बहुत ज्यादा अनुशासन लागू करते हैं?

  • जरूरत से ज्यादा सख्ती बच्चे को भयभीत और असुरक्षित महसूस करा सकती है।
  • कई बार बच्चे अपनी भावनाओं को दबाने लगते हैं और डर के कारण खुलकर बात नहीं कर पाते।
  • कुछ बच्चे ज्यादा सख्ती की वजह से बगावती हो सकते हैं और माता-पिता की बातों को नजरअंदाज करने लगते हैं।

क्या करें?

✅ सख्ती करने से पहले बच्चे की गलती का कारण समझें
✅ प्यार से समझाकर सही और गलत का फर्क बताएं।
✅ डांटने की बजाय, बच्चे के साथ बातचीत करें और उसे सीखने का मौका दें

3. बच्चों की भावनाओं को नजरअंदाज न करें (Don’t Ignore Their Feelings)

क्या होता है जब बच्चे की भावनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता?

  • माता-पिता अक्सर कहते हैं, “अरे, यह तो छोटी बात है!” या “तुम अभी छोटे हो, तुम्हें क्या पता!”
  • इस तरह की बातें बच्चे को यह महसूस कराती हैं कि उनकी भावनाओं की कोई अहमियत नहीं है
  • इससे बच्चा धीरे-धीरे अपनी फीलिंग्स को छिपाने लगता है और आगे चलकर अपने इमोशंस को जाहिर करने में हिचकिचाता है।

क्या करें?

✅ जब बच्चा कुछ कहे, तो ध्यान से सुनें और उसे महसूस कराएं कि उसकी बात मायने रखती है
✅ अगर बच्चा उदास या गुस्से में हो, तो उसे गले लगाएं या उससे धीरे-धीरे बातचीत करें
✅ जब बच्चा खुश हो, तो उसकी खुशी में शामिल हों और उसे एक्सप्रेस करने के लिए प्रोत्साहित करें।

4. छोटे फैसले खुद लेने दें (Let Them Make Small Decisions)

क्या होता है जब माता-पिता हर फैसला खुद लेते हैं?

  • अगर बच्चे को हर चीज़ में निर्णय लेने का मौका नहीं दिया जाता, तो उनमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।
  • वे अपनी पसंद और नापसंद के बारे में खुलकर नहीं बोल पाते
  • आत्मनिर्भर बनने की बजाय, वे हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए माता-पिता पर निर्भर रहने लगते हैं

क्या करें?

✅ बच्चों को खुद चुनने का मौका दें। जैसे – “आज तुम कौन-सी ड्रेस पहनना चाहोगे?”
✅ छोटे फैसले लेने की आजादी दें, जिससे उनमें डिसीजन मेकिंग स्किल डेवलप होगी।
✅ अगर बच्चा कोई गलती करता है, तो उसे डांटने की बजाय सिखाने का मौका दें

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5. प्यार और दुलार है जरूरी (Give Them Love and Care)

बच्चों के लिए माता-पिता का प्यार क्यों जरूरी है?

  • जब बच्चे को प्यार और अपनापन मिलता है, तो वह खुश, आत्मविश्वासी और मानसिक रूप से मजबूत बनता है।
  • प्यार से भरे माहौल में बच्चे अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर पाते हैं
  • यह बच्चों में भावनात्मक स्थिरता और आत्मनिर्भरता विकसित करता है।

क्या करें?

बच्चे को गले लगाएं, प्यार करें और उससे बातें करें
✅ उसकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की तारीफ करें, इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा
✅ हर दिन बच्चे के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताएं, जैसे कहानी सुनाना, खेलना या साथ में कुछ नया सीखना

निष्कर्ष (Conclusion)

बच्चों की परवरिश में जरूरत से ज्यादा सख्ती और रोक-टोक करने से उनका बचपन प्रभावित हो सकता है। अगर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा खुशमिजाज, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बने, तो उन्हें इन 5 बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

हर बात पर “ना” कहने की बजाय, प्यार से समझाएं
अनुशासन जरूरी है, लेकिन ज्यादा सख्ती न करें
बच्चों की भावनाओं को समझें और उन्हें खुलकर एक्सप्रेस करने दें
बच्चों को छोटे-छोटे फैसले खुद लेने दें, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़े
बच्चे के साथ प्यार और अपनापन बनाए रखें, जिससे वे खुश और कॉन्फिडेंट बनें

अगर माता-पिता प्यार और समझदारी से बच्चों की परवरिश करें, तो वे न सिर्फ खुशहाल बचपन जी पाएंगे, बल्कि बड़े होकर एक सफल और आत्मनिर्भर इंसान भी बनेंगे।

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Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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