
Parenting Tips : आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में बच्चों की परवरिश (Parenting Tips in Hindi) करना पहले से कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। माता-पिता को सिर्फ मां-बाप नहीं, बल्कि बच्चों के दोस्त भी बनना होता है। ऐसे में घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच Parenting का बैलेंस बनाना मुश्किल हो जाता है। इसी बीच कई बार पेरेंट्स जाने-अनजाने में ऐसी बातें कह देते हैं जो बच्चों के आत्मविश्वास को तोड़ सकती हैं। डॉक्टर मोनिका सिंह, जो हाल ही में गुंजन शॉट्स के शो में आईं थीं, उन्होंने बताया कि माता-पिता को कौन सी 3 बातें बच्चों से कभी नहीं कहनी चाहिए।
बच्चों से ये 3 बातें कभी न कहें
1. “तुम कुछ नहीं कर सकते हो”
डॉक्टर मोनिका बताती हैं कि यह वाक्य बच्चे की आत्मछवि और आत्मविश्वास को तोड़ देता है। जब पेरेंट्स बार-बार कहते हैं कि “तू कुछ नहीं कर सकता”, तो बच्चा खुद को कमजोर समझने लगता है। यह भावना उसे किसी भी चुनौती का सामना करने से पहले ही हरा देती है।
क्या करें: बच्चे को प्रेरित करें। उसके प्रयासों की सराहना करें, चाहे परिणाम कुछ भी हो।
2. “हम तुमसे प्यार नहीं करते हैं”
गुस्से में या भावनाओं में बहकर कुछ माता-पिता ऐसा कह देते हैं जो बच्चे के दिल को गहरा आघात पहुंचाता है। “हम तुमसे प्यार नहीं करते” जैसे शब्द बच्चे की मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्यार ही बच्चे की आत्मा की ऊर्जा है। यह वाक्य उसकी सुरक्षा की भावना को हिला देता है।
क्या करें: अगर आप नाराज़ हैं, तो शांत हो जाएं। बात बाद में समझाएं लेकिन बिना प्यार छीनने का एहसास दिलाए।
3. “तुम तो ये कर ही नहीं सकते”
यह वाक्य बच्चे के भविष्य की उड़ान से पहले ही उसके पंख काट देता है। ये शब्द बच्चे को ऐसा महसूस कराते हैं कि वह किसी काम के लायक नहीं है और प्रयास करने का कोई फायदा नहीं है।
क्या करें: उसे बताएं कि प्रयास ही सफलता की कुंजी है। अगर वह किसी काम में असफल हो भी जाए, तो उसे अगली बार बेहतर करने की प्रेरणा दें।
बच्चों की परवरिश में क्या करें?
बच्चों के स्वस्थ्य के मुताबिक, माता-पिता को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए, क्योंकि यही समय बच्चे के आत्मविश्वास और खुशी की नींव बनाता है।
करने योग्य बातें:
- रोज़ सुबह या शाम को बच्चे के साथ बैठें
- उससे पूछें उसका दिन कैसा गया
- उसके विचारों को गंभीरता से सुनें
- उसे अपनापन और भरोसा महसूस कराएं
बच्चों के लिए आपसे बेहतर श्रोता कोई नहीं हो सकता। जब आप सुनते हैं, समझते हैं और स्वीकार करते हैं — तो वही अच्छी परवरिश कहलाती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. क्या गुस्से में बच्चे को डांटना ठीक है?
Ans: डांटना ठीक है लेकिन शब्दों की सीमा होनी चाहिए। भावनात्मक चोट न पहुंचाएं।
Q2. अगर गलती से बोल दिया तो क्या करें?
Ans: माफ़ी मांगें। बच्चे को बताएं कि आपसे गलती हुई और आप उससे प्यार करते हैं।
Q3. बच्चों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं?
Ans: उन्हें सराहें, समय दें, उनके साथ खेलें और उन्हें खुद फैसले लेने का मौका दें।
निष्कर्ष
बच्चों से कही गई बातें उनके मन पर गहरा असर छोड़ती हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुश, आत्मविश्वासी और मजबूत बने, तो आपको अपने शब्दों का बहुत ध्यान रखना होगा। डॉक्टर मोनिका की यह सलाह हर पेरेंट को अपनानी चाहिए — बच्चों को तोड़िए नहीं, उन्हें उड़ने दीजिए।