छोटे बच्चों को इंग्लिश बोलना सिखाए? इन टिप्स के जरिए आपका बच्चा सीखेगा फराटेदार अंग्रेजी बोलना

क्या आपका बच्चा भी इंग्लिश बोलने में झिझकता है? इस आसान गाइड से बनाएं उसे एक कॉन्फिडेंट स्पीकर!

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By Nutan Bhatt

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Chote baccho ko english bolna kaise sikhaye

छोटे बच्चों को इंग्लिश बोलना सिखाना आज के समय में हर माता-पिता की प्राथमिकता बन चुका है। इंग्लिश एक ग्लोबल भाषा है, जो बच्चों के करियर और कम्युनिकेशन स्किल्स के लिए बेहद जरूरी है। यदि बचपन से ही बच्चों को इंग्लिश सिखाने की आदत डाल दी जाए, तो वे इसे सहज रूप से सीख सकते हैं। यह लेख आपको बताएगा कि किस तरह सरल और मजेदार तरीकों से बच्चों को इंग्लिश बोलना सिखाया (chote bacho ko english bolna kese sikhaye) जा सकता है।

छोटे बच्चों को इंग्लिश सिखाने के फायदे

बच्चे जिस भाषा को बचपन में सीखते हैं, वह उनके दिमाग में गहराई से बस जाती है। इंग्लिश सीखने के कई फायदे हैं, जैसे कि बेहतर करियर संभावनाएं, आत्मविश्वास में वृद्धि, वैश्विक स्तर पर संवाद करने की क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों का विस्तार। अगर आपका बच्चा छोटी उम्र में इंग्लिश सीखना शुरू कर देता है, तो आगे चलकर उसे इंटरनेशनल लेवल पर एडमिशन या जॉब पाने में भी आसानी होगी।

सही उम्र में इंग्लिश सिखाने की शुरुआत करें

इंग्लिश सिखाने की कोई निर्धारित उम्र नहीं होती, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि 2 से 5 वर्ष की उम्र सबसे उपयुक्त होती है। इस उम्र में बच्चों का दिमाग एक स्पंज की तरह होता है, जो जल्दी से नई चीजें सीख सकता है।

रोजमर्रा की बातचीत में इंग्लिश का उपयोग करें

बच्चों को इंग्लिश सिखाने का सबसे आसान तरीका है कि आप रोजमर्रा की बातचीत में इंग्लिश के छोटे-छोटे शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करें। जैसे:

  • “Good Morning! How are you today?”
  • “Let’s go to the park.”
  • “Please give me the toy.”

धीरे-धीरे बच्चे इन वाक्यों को समझने और दोहराने लगेंगे।

इंग्लिश कहानियां और गाने सुनाएं

बच्चों को कहानियां सुनना और गाने सुनना बहुत पसंद होता है। यदि आप उन्हें इंग्लिश में नर्सरी राइम्स और छोटी कहानियां सुनाते हैं, तो वे शब्दों और उच्चारण को बेहतर ढंग से सीख पाएंगे।

पिक्चर बुक्स और फ्लैशकार्ड्स का उपयोग करें

बच्चों के लिए विज़ुअल लर्निंग सबसे प्रभावी होती है। आप इंग्लिश पिक्चर बुक्स और फ्लैशकार्ड्स का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक चित्र दिखाकर उससे संबंधित इंग्लिश शब्द सिखाएं। जैसे:

  • Apple की तस्वीर दिखाकर “This is an apple” कहें।
  • Dog की तस्वीर दिखाकर “This is a dog” कहें।

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खेल-खेल में इंग्लिश सिखाएं

बच्चे खेल के माध्यम से जल्दी सीखते हैं। कुछ मजेदार इंग्लिश गेम्स खेलें, जैसे कि:

  • Word Matching Game
  • Memory Card Game
  • Guess the Object

ये खेल बच्चों को बिना किसी दबाव के इंग्लिश सीखने में मदद करेंगे।

इंग्लिश कार्टून्स और शोज दिखाएं

बच्चे जो देखते हैं, वे उसे जल्दी सीखते हैं। Peppa Pig, Dora the Explorer और Sesame Street जैसे इंग्लिश कार्टून्स बच्चों की इंग्लिश सुधारने में मदद करते हैं।

प्रैक्टिस और सब्र बनाए रखें

बच्चे तुरंत इंग्लिश नहीं बोल पाएंगे, लेकिन अगर आप धैर्य और निरंतरता बनाए रखेंगे, तो वे धीरे-धीरे इसमें सुधार करेंगे। उन्हें बार-बार सही उच्चारण और वाक्य बोलने के लिए प्रेरित करें।

विशेषज्ञों की राय

भाषा विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे बच्चों को इंग्लिश सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है उन्हें रोजमर्रा के माहौल में इंग्लिश के संपर्क में लाना। न्यूरोसाइंटिस्ट्स के अनुसार, शुरुआती उम्र में भाषा सीखने की क्षमता अधिक होती है, क्योंकि इस दौरान दिमाग की न्यूरोप्लास्टिसिटी अधिक सक्रिय होती है। शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. अमृता शर्मा का कहना है, “अगर माता-पिता घर पर इंग्लिश में बातचीत करते हैं और बच्चों को इंग्लिश किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, तो वे बहुत जल्दी भाषा में दक्ष हो जाते हैं।”

इसी तरह, प्रोफेसर राजीव मल्होत्रा, जो कि भाषा अधिग्रहण के विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि “बच्चों के साथ इंटरैक्टिव एक्टिविटीज, जैसे कि रोल-प्ले गेम्स और स्टोरीटेलिंग, इंग्लिश सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बना सकते हैं।” उनका सुझाव है कि बच्चों को दो भाषाओं के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए ताकि वे अपनी मातृभाषा के साथ-साथ इंग्लिश में भी कुशल बन सकें।

FAQs

1. क्या बच्चे बिना किसी ट्यूटर के इंग्लिश सीख सकते हैं?
हां, अगर माता-पिता सही तरीके अपनाएं तो बच्चे बिना किसी ट्यूटर के भी इंग्लिश सीख सकते हैं।

2. इंग्लिश सिखाने में कितना समय लगेगा?
यह बच्चे की रुचि और सीखने की गति पर निर्भर करता है। औसतन 6-12 महीनों में बच्चे इंग्लिश समझने लगते हैं।

3. क्या मोबाइल ऐप्स से इंग्लिश सिखाना फायदेमंद है?
हां, Duolingo, ABCmouse और Lingokids जैसे ऐप्स बच्चों के लिए मददगार हो सकते हैं।

4. अगर बच्चा इंग्लिश बोलने में झिझकता है तो क्या करें?
उसे ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस कराएं और पॉजिटिव माहौल दें ताकि वह आत्मविश्वास से इंग्लिश बोल सके।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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