क्या ‘W’ बैठने की स्थिति सुरक्षित है: “डब्ल्यू” स्थिति, जिसे कुछ लोग इन-टोइंग के रूप में भी जानते हैं, बच्चों के बैठने की एक आम स्थिति है, जो आमतौर पर सामान्य लगती है। हालांकि कई मामलों में यह स्थिति बच्चों के शारीरिक विकास के संदर्भ में कई चिंताओं का कारण बन सकती है, लेकिन विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के अनुसार, इसके सम्बंध में कुछ मिथक भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में यदि आपका बच्चा भी ‘W’ सिटिंग में बैठता है तो यह स्थिति उसके लिए सही है या नही? ‘W’ बैठने की स्थिति (bache w ki position me kyu baithte hai) क्या है और इसका आपके बच्चे के शारीरिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
बच्चे डब्लू पोजीशन में क्यों बैठते हैं?
“डब्ल्यू” स्थिति एक बच्चे की आम बैठने की अवस्था है, जिसमें उसका नितंब ज़मीन पर होता है और उसके पैर और घुटने उसके सामने की ओर फैले होते हैं। इस अवस्था में बच्चे के पैर उसके कूल्हों पर होते हैं और उसकी पोज़िशन उसे एक ‘डब्ल्यू’ आकार देती है, जो योग में हीरो पोज़ या वीरासन से मिलता-जुलता है। जब बच्चे बैठना सीखते हैं, तो वे इस स्थिति के चरणों से गुजरते हैं। यह स्थिति सबसे अधिक छोटे बच्चों में देखी जाती है, हालांकि कुछ बच्चे 8 या 9 वर्ष की आयु में भी इस स्थिति में रहते हैं।
बच्चे अक्सर अन्य बैठने की अवस्थाओं में भी रहते हैं, जैसे कि क्रॉस-लेग, पैर सीधे बाहर की ओर, या पैर हीरे या तितली के आकार में मुड़े हुए। कुछ बच्चों के “W” आकार में बैठने का एक कारण शारीरिक होता है, (is bad for kid to sit in w position explain by doctor in hindi) जिसे फीमरल एंटेवर्सन कहते हैं। यह स्थिति उनके लिए अधिक आरामदायक होती है।
फ्लोरिडा के सेंट पीटर्सबर्ग में जॉन्स हॉपकिंस ऑल चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्रेग हैन ने बताया है, “अधिकांश लोगों में फीमरल एंटीवर्सन होता है, जिससे बच्चों को ‘डब्ल्यू’ स्थिति में बैठने की अनुमति मिलती है।” आमतौर पर, फीमरल एंटीवर्सन, “डब्ल्यू” सिटिंग, इन-टोइंग, और अन्य बच्चों की आसन और चाल संबंधी समस्याएं उनके विकास के साथ कम हो जाती हैं, हालांकि यदि ऐसा नहीं होता तो आपको बच्चे के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
क्या डब्ल्यू सिटिंग समस्या है?
आमतौर पर शिशु के “W” सिटिंग पोजिशन में बैठना कोई चिंता करने की बात नही होती। कई मामलों में यह बच्चों के खेलने या आराम करने के लिए आरामदायक तरीका होता है, जो 3 साल की उम्र में बच्चों में देखी जाती है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, यह स्वाभाविक रूप से अपने आप ठीक होने लगती है। हालांकि कई फिजिकल या ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट हैं जो बच्चे के इस पोजीशन में बैठने की आदत को लेकर चिंताएं सांझा करते हैं, क्योंकि इससे बच्चे के पैरों में कई तरह के समस्याएं विकसित हो सकती है तो चलिए जानते हैं क्या है “W” सिटिंग पोजिशन में बैठने के दुर्प्रभाव।
डब्लू (W) सिटिंग पोजिशन से होने वाले नुकसान (Side Effects Of Sitting W Position in Kids In Hindi)
हिप डिस्प्लासिया
कई बच्चों में जन्मजात या विकासात्मक हिप समस्या जैसी हिप डिस्प्लासिया (नवजात शिशु के कूल्हों की अस्थिरता को संदर्भित करता है) हो जाती है। यदि किसी बच्चे को यह समस्या है तो उन्हें डब्ल्यू सिटिंग से बचाना चाहिए, क्योंकि इस पोजीशन में कूल्हे अंदर की और इस हद तक घूम जाते हैं की यदि जोड़ों से जुड़ी कोई परेशानी है तो यह उन्हें जोड़ से बाहर की तरफ धकेल सकता है।
पैरों की कमजोरी
अक्सर बच्चे डब्ल्यू सिटिंग को इसलिए भी बेहतर मानते हैं क्योंकि उनके पैर या धड़ उन्हे खेलने या बैठने के दौरान स्थिर रखने के लिए पूरी तरह मजबूत नहीं होते हैं। ऐसे में पैर मांसपेशियों के भार को उठाते हैं और उन्हें सहारा देने में मदद करते हैं इससे बच्चों का धड़ उतना नही हिलता है, जो संतुलन में और भी अधिक मदद करता है। हालांकि लंबे समय तक इस पोजीशन में बैठने से बच्चों के पैर कमजोर पड़ सकते हैं।
ऑर्थोपेडिक समस्यासाएं
“W” सिटिंग के कारण कई बार पैरों और कूल्हों की मांसपेशियां तंग हो सकती है, छोटे बच्चों की पैर नाजुक होते हैं। ऐसे में तंग मांसपेशियां सामान्य गति को बाधित कर सकती है, जिससे आपके बच्चे के विकासशील समन्वय (Coordination) और संतुलन पर असर पड़ सकता है। डब्ल्यू सिटिंग से प्रभावित होने वाली मांसपेशियों में हिप एडकटर्स और एचिलिस टेंडन शामिल है।
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शोध के अनुसार
- क्या “डब्ल्यू” स्थिति सुरक्षित है?
- वैज्ञानिक अध्ययन ने देखा है कि इस स्थिति में बैठने से हिप डिस्प्लेसिया या अन्य शारीरिक समस्याएँ बच्चों में ज्यादा नहीं देखी गई हैं। 2020 का एक अध्ययन इसे साबित करता है।
- विकास में “डब्ल्यू” स्थिति का प्रभाव
- बच्चों में “डब्ल्यू” स्थिति एक सामान्य विकासात्मक चरण हो सकता है और इसे बिना उपचार के भी सुधारा जा सकता है। यह बच्चों की फीमरल एंटीवर्सन के साथ संबंधित हो सकता है, जो उन्हें “डब्ल्यू” स्थिति में आसानी से बैठने देता है।
- चिकित्सा रूप से देखें
- बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्रेग हैन के अनुसार, अधिकांश मामलों में बच्चों को डॉ. की सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती है, और इस स्थिति के लिए उपचार आमतौर पर अवश्यक नहीं होता।
डब्लू पोजीशन में बैठने से बच्चे को कैसे रोकें : माता-पिता के लिए सलाह
कई बच्चे डब्ल्यू सिटिंग के आदि हो जाते हैं, ऐसे में उन्हें ना करके या डांटकर उनके बैठने की पोजीशन को सही नही किया जा सकता है। उनके लिए कुछ ऐसे विकल्प उपलब्ध करवाए जा सकते हैं (How To Protect Child With Sitting W position In Hindi ), जिससे उन्हे बैठने में आराम मिले और वह उसमे अधिक सुरक्षित महसूस कर सकें।
- बच्चे को समय दें: बच्चों के विकास में धीरे-धीरे सुधार होता है, और उनकी चाल और बैठने की आदतें व्यक्तिगत होती हैं। अतः, “डब्ल्यू” स्थिति में बच्चे को अपनी पसंद के अनुसार बैठने देने में समय देना उचित हो सकता है।
- छोटे स्टूल में बैठने की आदत डालें: अगर बच्चा “W” सिटिंग में बैठना आरामदायक मानता है तो इसे बदलने के लिए आप उन्हे छोटे स्टूल में बैठाना शुरु करें जिससे वह जमीन के करीब रह सकें और खेलते समय दूसरे बच्चों या खिलौने के साथ आसानी से जुड़ सकें।
- बच्चे के पैरों को आगे की और फैलाकर बैठाएं: बच्चों को यह पता नही होता की पैर डब्ल्यू सीटिंग में रखने से उनके पैरों को नुकसान हो सकता है। हालांकि इसमें सुधार के लिए जब भी आपका बच्चा खेलने या पढ़ने में व्यस्थ रहें, तो यह सुनिश्चित करें की के वह अपने पैर आगे की और फैलाकर बैठे इससे वह अधिक समय तक बिना पैर मोड़ बैठना सीखने लगेगा।
- चिकित्सा सलाह: यदि आपको लगता है कि बच्चे की स्थिति विशेष रूप से विकास के संदर्भ में चिंता का कारण हो सकती है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना सबसे उत्तम होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अन्य शारीरिक समस्याएँ नहीं हैं और बच्चे का समय पर सही उपचार हो सकता है।
“डब्ल्यू” स्थिति के बारे में विशेषज्ञों की राय के अनुसार, इस स्थिति में बच्चे को कोई नुकसान होगा, एक मिथक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकांश मामलों में बच्चे के बैठने की आदतों में अपने आप सुधार हो जाते हैं और वह इस स्थिति से किसी भी दीर्घकालिक समस्या का सामना नहीं करते। इसलिए, माता-पिता को यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चे की स्थिति को ठीक से समझें और उसके विकास के साथ उचित रूप से संलग्न रहें।
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