Parenting Tips: बच्चे नहीं कर रहे किसी की इज्जत? इस तरह से सिखाएं अच्छे से बर्ताव करना

बच्चों का जिद्दी और बदतमीज होना एक आम समस्या है, लेकिन इसे सही परवरिश से सुधारा जा सकता है। माता-पिता को खुद अच्छा व्यवहार अपनाना चाहिए, ताकि बच्चे उनसे सीख सकें। गुस्से के बजाय प्यार और धैर्य से बच्चों को सही और गलत में फर्क समझाना जरूरी है। उनके अच्छे व्यवहार की तारीफ करें और नेगेटिव बिहेवियर को नजरअंदाज न करें। अनुशासन, जिम्मेदारी और सकारात्मक माहौल बच्चों के सही विकास के लिए आवश्यक हैं।

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By Nutan Bhatt

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bacho ko ijjat karna kese sikhaye

Parenting Tips: बच्चे मासूम होते हैं, लेकिन कई बार वे अपनी जिद और मूडी स्वभाव के कारण गलत व्यवहार करने लगते हैं। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब वे किसी की बात नहीं मानते और बदतमीजी करने लगते हैं। कई माता-पिता इस स्थिति में गुस्से में आकर अपने बच्चों को डांटने लगते हैं, लेकिन इससे समस्या हल होने के बजाय बढ़ जाती है। डांटने और गुस्सा करने से बच्चा और ज्यादा जिद्दी और अड़ियल हो सकता है। अगर आप अपने बच्चे में अच्छे संस्कार और सही व्यवहार विकसित करना चाहते हैं, तो आपको धैर्य रखना होगा और सही तरीके अपनाने होंगे। सही परवरिश से ही बच्चे को अच्छे और बुरे व्यवहार में अंतर समझाया जा सकता है। यह लेख खास उन माता-पिता के लिए है जो अपने बच्चों के जिद्दी और बदतमीज स्वभाव से परेशान हैं। यहां कुछ असरदार तरीकों पर चर्चा की गई है, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को अच्छे संस्कार दे सकते हैं (bacho ko ijjat karna kese sikhaye) और उसका व्यवहार सुधार सकते हैं।

बच्चों के व्यवहार को सुधारने के असरदार तरीके

1. खुद भी अपनाएं अच्छी आदतें

बच्चे अपने माता-पिता और आसपास के लोगों से ही सीखते हैं। अगर आप अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद अपने व्यवहार पर ध्यान दें। जब बच्चे आपको दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए देखेंगे, तो वे भी ऐसा करना सीखेंगे। अगर माता-पिता अपने बच्चे के सामने अनुशासन, धैर्य और आदर का परिचय देंगे, तो बच्चा स्वतः ही इन गुणों को अपनाने लगेगा।

2. गुस्से से नहीं, प्यार से समझाएं

अगर बच्चा जिद कर रहा है या गलत व्यवहार कर रहा है, तो गुस्सा करने के बजाय उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें। जब आप शांत रहकर बच्चे को समझाएंगे कि उसका व्यवहार गलत है, तो वह जल्दी सीख पाएगा। बच्चे को यह बताएं कि जब वह दूसरों से अच्छा व्यवहार करेगा, तो उसे भी वैसा ही व्यवहार मिलेगा। इस तरह, वह धीरे-धीरे अच्छे संस्कार अपनाने लगेगा।

3. धैर्य रखें और बार-बार समझाएं

बच्चे एक बार में ही चीजों को नहीं सीखते। उन्हें बार-बार सही तरीके से समझाने की जरूरत होती है। अगर वे गलती करें, तो उन पर गुस्सा करने के बजाय धैर्य से उन्हें सही बात सिखाएं। अगर आप बार-बार डांटेंगे, तो वे आपकी बातों को नजरअंदाज करने लगेंगे। धैर्यपूर्वक समझाने से बच्चे धीरे-धीरे सही और गलत के बीच फर्क करना सीखेंगे।

4. अच्छे व्यवहार पर तारीफ करें

जब भी बच्चा अच्छा व्यवहार करे या किसी के साथ अच्छे से पेश आए, तो उसकी तारीफ करें। यह बच्चों को प्रोत्साहित करता है और उन्हें आगे भी अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है। बच्चे को सकारात्मक प्रतिक्रिया देने से उसमें आत्मविश्वास बढ़ता है और वह सही आदतें अपनाने लगता है।

5. सही और गलत के बीच अंतर सिखाएं

बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि अच्छा और बुरा व्यवहार क्या होता है। अगर वे गलत बर्ताव कर रहे हैं, तो उन्हें प्यार से सही रास्ता दिखाएं। उदाहरण देकर समझाएं कि दूसरों की इज्जत करना क्यों जरूरी है और गलत व्यवहार से किस तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

6. नेगेटिव बिहेवियर को न करें इग्नोर

अगर बच्चा बार-बार गलत व्यवहार कर रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत उसे सही दिशा दिखाएं। बच्चों को यह अहसास कराना जरूरी है कि गलत व्यवहार करना सही नहीं है। लेकिन इसके लिए मार-पीट या डांटने के बजाय सही तरीके अपनाएं।

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7. अनुशासन सिखाएं, लेकिन प्यार से

बच्चों में अनुशासन का विकास करना जरूरी है, लेकिन जबरदस्ती करने से वे और ज्यादा जिद्दी हो सकते हैं। अनुशासन सिखाने के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएं। एक रूटीन तय करें, जिसमें बच्चे को नियमों का पालन करने की आदत हो। अगर बच्चा कोई गलती करता है, तो उसे प्यार से समझाएं कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

8. बच्चों के साथ समय बिताएं

अक्सर माता-पिता की व्यस्तता के कारण बच्चे गलत व्यवहार करने लगते हैं। अगर आप अपने बच्चे के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताएंगे, तो वे ध्यान आकर्षित करने के लिए गलत तरीके अपनाने लगेंगे। बच्चों के साथ समय बिताने से उनका व्यवहार सुधारने में मदद मिलती है और वे माता-पिता के करीब आते हैं।

9. बच्चों को जिम्मेदारी सिखाएं

बच्चों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दें, जैसे अपना सामान खुद संभालना, खिलौने सही जगह रखना, दूसरों की मदद करना आदि। इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी और वे समझदारी से काम लेना सीखेंगे।

10. सकारात्मक माहौल बनाएं

घर का माहौल बच्चों के विकास पर गहरा प्रभाव डालता है। अगर घर में हर समय झगड़े और तनाव का माहौल रहेगा, तो बच्चे का व्यवहार भी वैसा ही बन सकता है। इसलिए घर में एक सकारात्मक माहौल बनाएं, जहां बच्चा सुरक्षित और खुश महसूस करे।

निष्कर्ष

बच्चों का जिद्दी और बदतमीज स्वभाव एक आम समस्या है, लेकिन सही परवरिश और धैर्य के साथ इसे ठीक किया जा सकता है। बच्चों को सही व्यवहार सिखाने के लिए माता-पिता को पहले खुद अनुशासित और संयमित रहना होगा। प्यार, धैर्य और सकारात्मक माहौल से बच्चों के व्यवहार को बेहतर बनाया जा सकता है। अगर आप बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाने के लिए सही तरीके अपनाएंगे, तो वे न सिर्फ अच्छे इंसान बनेंगे बल्कि जीवन में सफल भी होंगे।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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