Parenting Tips: हाइपर एक्टिव बच्चों ने घर पर मचा रखा है उत्पात? इस तरह करें उन्हें शांत

Parenting Tips: हाइपर एक्टिव बच्चों को संभालना चुनौती भरा हो सकता है, लेकिन सही रूटीन, फिजिकल एक्टिविटी और पेशेंस से उनकी एनर्जी को सही दिशा दी जा सकती है। इस लेख में जानिए आसान तरीके जिनसे आप अपने बच्चे को शांत और ध्यान केंद्रित बनाना सिखा सकते हैं।

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By Nutan Bhatt

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hyperactive bache ko shant kese kare

Parenting Tips: हर पैरेंट चाहता है कि उनका बच्चा अच्छे से व्यवहार करे, पढ़ाई में ध्यान दे और घर का माहौल शांत बना रहे। लेकिन कुछ बच्चे हाइपर एक्टिव (Hyperactive Kids) होते हैं — यानी वो ज़्यादा उर्जावान, हर वक्त एक्टिव और कभी-कभी ध्यान केंद्रित करने में कमजोर होते हैं। ऐसे बच्चों को संभालना थोड़ा मुश्किल होता है। अगर आप सोच रहे हैं कि हाइपर एक्टिव बच्चों को शांत कैसे करें (How to calm down hyperactive kids), तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कुछ आसान, असरदार और समझदारी भरे तरीके जिनसे आप अपने बच्चे की एनर्जी को सही दिशा में लगा सकते हैं।

हाइपर एक्टिव बच्चों को शांत कैसे करें?

1. एक तय डेली रूटीन बनाएं

नियमित दिनचर्या बच्चों के दिमाग को स्थिर रखने में मदद करती है। जब बच्चे को पता होता है कि किस समय क्या करना है, तो वे खुद-ब-खुद ज्यादा शांत और अनुशासित हो जाते हैं।

रूटीन में शामिल करें:

  • उठने और सोने का समय
  • खाने का समय
  • पढ़ाई और होमवर्क का समय
  • खेलने और आराम करने का समय

जब हर काम का समय तय होगा, तो बच्चे की एनर्जी इधर-उधर बर्बाद नहीं होगी।

2. पेशेंस रखें और व्यवहार को समझें

हाइपर एक्टिव बच्चे अक्सर ध्यान खींचने (hyperactive bache ko shant kese kare) के लिए शरारत करते हैं या बहुत एक्टिव हो जाते हैं। ऐसे में गुस्सा करने या डांटने से हालात और बिगड़ सकते हैं।

क्या करें:

  • शांत स्वर में बात करें
  • उनका ध्यान बांटें, लेकिन गुस्से से नहीं
  • हर छोटी बात पर डांटना बंद करें

जब आप धैर्य से बात करेंगे, तो बच्चा भी धीरे-धीरे बेहतर व्यवहार करना सीखेगा।

3. फिजिकल एक्टिविटीज में शामिल करें

हाइपर एक्टिव बच्चों के पास ज़रूरत से ज्यादा एनर्जी होती है, जिसे अगर सही दिशा न दी जाए तो वे चिड़चिड़े हो सकते हैं या गलत व्यवहार कर सकते हैं।

इन एक्टिविटीज को ट्राई करें:

  • स्विमिंग – शारीरिक और मानसिक ऊर्जा दोनों की खपत होती है
  • साइक्लिंग या आउटडोर गेम्स – मस्ती भी और व्यायाम भी
  • डांसिंग या म्यूजिक क्लासेस – ध्यान केंद्रित करने में मददगार

ये सब उन्हें शारीरिक रूप से व्यस्त रखेंगे और दिमाग को रिलैक्स करेंगे।

4. फोकस बढ़ाने वाले गेम्स दें

जब बच्चा कोई ऐसा काम करता है जिसमें उसे ध्यान लगाना पड़ता है, तो उसकी एकाग्रता बढ़ती है और वह धीरे-धीरे शांत रहना सीखता है।

उदाहरण:

  • पजल गेम्स
  • लेगो या ब्लॉक्स
  • रंग भरना या ड्राइंग
  • माइंडफुलनेस कार्ड्स या मेडिटेशन ऐप्स

छोटे-छोटे ऐसे एक्टिविटीज से बच्चा एक जगह बैठकर काम करना सीखता है।

5. स्क्रीन टाइम को करें कंट्रोल

अधिक समय तक मोबाइल, टीवी या टैबलेट का इस्तेमाल बच्चे के दिमाग को और ज़्यादा उत्तेजित करता है। इससे बच्चा ज्यादा चिड़चिड़ा हो सकता है।

क्या करें:

  • रोज़ाना 1 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम न दें
  • स्क्रीन टाइम के बाद फिजिकल एक्टिविटी करवाएं
  • शांत गेम्स या ऑडियो बुक्स पर स्विच करें

सही नींद और पोषण भी है जरूरी

हाइपर एक्टिव बच्चों को पूरी नींद और संतुलित आहार मिलना बहुत जरूरी होता है। जब बच्चा भूखा होता है या थका हुआ होता है, तो उसका व्यवहार और ज्यादा बिगड़ सकता है।

ध्यान दें:

  • रोज़ाना कम से कम 8-10 घंटे की नींद
  • हेल्दी फूड – फल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स
  • चीनी और जंक फूड से दूरी

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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

क्या हाइपर एक्टिव बच्चा नार्मल होता है?

हाँ, हाइपर एक्टिव होना हमेशा बीमारी नहीं होती। हर बच्चा अलग होता है, कुछ ज्यादा उर्जावान होते हैं। सही गाइडेंस से यह सुधर सकता है।

क्या हाइपर एक्टिव बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर बच्चा बहुत ज्यादा ध्यान नहीं लगा पाता, नींद नहीं लेता या दूसरों को नुकसान पहुंचाता है, तो बाल रोग विशेषज्ञ या चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें।

क्या दवाई से हाइपर एक्टिव बच्चे ठीक हो सकते हैं?

हर केस में दवाई जरूरी नहीं होती। पहले रूटीन, व्यवहार और खानपान से सुधार की कोशिश करें।

निष्कर्ष (Nishkarsh)

हाइपर एक्टिव बच्चे को संभालना मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। प्यार, धैर्य और सही दिशा देने से बच्चे की एनर्जी को पॉजिटिव रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। रूटीन बनाएं, शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें, और ध्यान केंद्रित करने वाले गेम्स दें। ये उपाय धीरे-धीरे बच्चों को शांत, समझदार और आत्मनिर्भर बनाएंगे।

Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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