Parenting Tips: आपकी इन गलतियों की वजह से भी बीमार पड़ते हैं बच्चे, सुधारा नहीं तो हो जाएगी देर

इस लेख में बताया गया है कि कैसे माता-पिता की गंदी आदतें, जैसे बाहर के जूतों को घर में लाना, बैग को बिस्तर पर रखना, हाथ धोने की कमी, और बाहर के कपड़ों को बदलने में लापरवाही, बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। सकारात्मक पेरेंटिंग अपनाकर, नियमित साफ-सफाई और जागरूकता के साथ इन आदतों में सुधार कर के, हम अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।

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By Nutan Bhatt

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Bache bar bar bimar kyu padte hai

Parenting Tips: बच्चे न केवल अपने पर्यावरण से सीखते हैं, बल्कि माता-पिता की आदतें और व्यवहार भी उनके शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब घर में स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा जाता, तो इससे बच्चों में संक्रमण, एलर्जी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, अगर माता-पिता बाहर पहनने वाले जूतों को घर में लाते हैं, तो उन जूतों में लगी गंदगी और बैक्टीरिया से फर्श दूषित हो सकता है। छोटे बच्चे जो फर्श पर खेलते हैं, वे आसानी से इन हानिकारक तत्वों से संक्रमित हो सकते हैं। इसी प्रकार, बाहर से आने के बाद हाथों को साफ न करने या बाहरी कपड़ों को तुरंत बदलने से भी बच्चों को बीमारियाँ हो सकती हैं। माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी इन गंदी आदतों पर ध्यान दें (Bache bar bar bimar kyu padte hai) और समय रहते उन्हें सुधारें, ताकि बच्चे एक सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में बड़े हो सकें।

गंदी आदतें और उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव

1. जूतों को घर में लाना

समस्या का विवरण:

बाहर के जूतों में अक्सर सड़कों पर मौजूद धूल, मिट्टी, कीचड़, बैक्टीरिया, और कीटाणु लगे रहते हैं।

  • प्रभाव:
    • फर्श और कमरों में गंदगी का संचय
    • छोटे बच्चों के खेलने के दौरान संक्रमित होना
    • त्वचा संबंधी संक्रमण और एलर्जी

व्यावहारिक सुझाव:

  • जूतों के लिए अलहदा एरिया:
    घर के बाहर एक जूतों का अलमारी या रैक रखें जहाँ माता-पिता अपने जूते बदल सकें।
  • फ्लोर क्लीनिंग:
    नियमित रूप से फर्श की सफाई करें।
  • सूचना:
    बच्चों को समझाएं कि घर में साफ-सफाई बनाए रखना कितना जरूरी है।

2. बैग और सूटकेस को बिस्तर पर रखना

समस्या का विवरण:

बाहरी बैग और सूटकेस अक्सर सड़कों, रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे पर गंदे वातावरण के संपर्क में आते हैं।

  • प्रभाव:
    • बैगों पर मौजूद बैक्टीरिया और धूल बिस्तर पर स्थानांतरित हो जाती है
    • बच्चों के बिस्तर में खेलने या सोने से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है

व्यावहारिक सुझाव:

  • बैकग्राउंड में साफ-सफाई:
    घर में बैग और सूटकेस के लिए अलग जगह निर्धारित करें।
  • नियमित धुलाई:
    बैगों को समय-समय पर साफ करें।
  • बिस्तर से दूरी:
    बैग और सूटकेस को बिस्तर से दूर रखें, ताकि बच्चों के सीधे संपर्क में न आएं।

3. बाहर से आने के बाद हाथ न धोना

समस्या का विवरण:

बाहर से आते समय हाथों पर विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और विषाणु जमा हो जाते हैं।

  • प्रभाव:
    • बच्चों से सीधा संपर्क होने पर संक्रमण का खतरा
    • घर के अन्य सदस्यों तक संक्रमण फैलने की संभावना

व्यावहारिक सुझाव:

  • हाथ धोने की आदत:
    बाहर से आने के तुरंत बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • हैंड सैनिटाइज़र:
    यदि पानी उपलब्ध न हो, तो हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  • बच्चों को सिखाएं:
    बच्चों को भी हाथ धोने की महत्ता समझाएं।

4. बाहर के कपड़ों को न बदलना

समस्या का विवरण:

बाहर के कपड़े धूल, गंदगी और बैक्टीरिया से भर जाते हैं, जो घर आने पर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

  • प्रभाव:
    • बच्चों के संपर्क में आने से उनके शरीर पर हानिकारक तत्व चिपक सकते हैं
    • संभावित एलर्जी और सांस संबंधित समस्याएं

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व्यावहारिक सुझाव:

  • कपड़ों को बदलें:
    घर आने के तुरंत बाद बाहर के कपड़ों को बदलें।
  • धुलाई की आदत:
    नियमित रूप से अपने कपड़ों को धोएं, विशेषकर यदि वे बाहर पहनकर आए हों।
  • शोध:
    बच्चों को बताएं कि साफ कपड़े पहनना क्यों महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

बच्चों की सेहत पर माता-पिता की गंदी आदतों का सीधा प्रभाव पड़ता है। यदि हम घर में स्वच्छता और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते, तो यह न केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके संपूर्ण विकास पर भी असर डालता है। सही आदतें अपनाकर – जैसे कि बाहर के जूतों को बदलना, बैग और सूटकेस को सही जगह रखना, हाथों को नियमित रूप से धोना, और बाहर के कपड़ों को तुरंत बदलना – हम अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं। याद रखें, स्वच्छता न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। सकारात्मक पेरेंटिंग और स्वस्थ आदतें ही आपके बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी हैं।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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