हिचकियाँ छोटे से लेकर बड़े लोगों तक को आती है और नवजात शिशुओं में हिचकियाँ आना बहुत ही आम बात है लेकिन बार बार हिचकियाँ आने से आपका बच्चा बहुत ही परेशान हो जाता है। आपको जानकारी के लिए बता दें, नवजात शिशु जब माँ के पेट में होते है उन्हें तभी से हिचकी आनी शुरू हो जाती है और माँ को इसका एहसास भी होता है। यह हिचकियाँ गर्भावस्था के 3 महीने से ही बच्चे को आनी शुरू हो जाती है।
आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में नवजात शिशु को पैदा होने के बाद हिचकी क्यों आती है, हिचकी का कारण, इसका समाधान आदि के बारे में बताने जा रहे है। जानकारी जानने के लिए दिए गए लेख को पूरा पढ़े।
जाने हिचकी क्या होती है?
बता देते है न्यू बोर्न के जन्म के बाद से ही उसको हिचकी आना शुरू हो जाता है (chote Bacho Ke hichki Kyu aati hai) यह इसलिए होता है क्यूंकि जब वह दूध पीते है तो दूध पीने के साथ-साथ वह अपने मुँह में हवा को भी निगलते है और वह वह उनकी वोकल कॉर्ड (स्वर नालियों) में घुस जाती है। जिससे वोकल कॉर्ड बंद हो जाती है और हिचकी आनी शुरू होती है इसके साथ ही नवजात शिशु के श्वसन मार्ग और फेफड़े पूरी तरह से नहीं बने होते है जिससे उन्हें बार बार हिचकी आती है। वैसे तो हिचकी आना नवजात शिशु के लिए अच्छा संकेत है कि आपका बच्चा स्वस्थ है और उसका विकास अच्छी तरह से हो रहा है।
नवजात शिशु (New Born Baby) को क्यों आती है हिचकी?
जैसा की हमने आपको बता दिया है कि छोटे बच्चे को गर्भावस्था के समय से जब वह अपनी माँ के पेट में रहता है तभी से हिचकी आनी शुरू हो जाती है। इसका कारण यह है कि बच्चे पेट में एम्निओटिक फ्लूइड को निगल जाते है। इसी के साथ जब बच्चा जन्म ले लेता है तो कई ऐसे कारण है जिनकी वजह से उन्हें हिचकी आती है और वह परेशान हो जाते है।
बच्चे द्वारा हवा निगलना
कई ऐसे शिशु होते है जो माँ का दूध नहीं पीते और ऐसे शिशु बोतल से फार्मूला मिल्क पीते है और बोतल से दूध पीने के साथ-साथ बच्चे के मुँह में हवा भी चली जाती है जिससे शिशु का पेट फूलता है और उसे हिचकी आना शुरू हो जाती है।
अधिक दूध पीना
यदि शिशु अधिक दूध पी लेता है तो उसे पेट में गैस बनना शुरू हो जाता है। जिसके कारण उसके डायफ्राम में प्रेशर पड़ता है और उसे कॉन्ट्रैक्शन शुरू होने लगते है और उसे हिचकी आने लगती है। इसलिए आपको हमेसा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका बच्चा टाइम टाइम पर दूध पिए और अधिक दूध ना पिए।
जिन बच्चों को होता है अस्थमा
अगर किसी बच्चे को अस्थमा है तो उन्हें बार-बार हिचकी आती है इसका कारण है उनके फेफड़ों की ब्रोंकाइल ट्यूब में आई सूजन। जिसके कारण बच्चों को काफी परेशानी होती है।
तापमान में बदलाव
कभी-कभी तापमान में अचानक बदलाव, जैसे ठंडा या गर्म होना, हिचकी का कारण बन सकता है।
नवजात शिशु की हिचकियाँ रोकने के लिए घरेलु उपाय (Navjaat Shishu Ki Hichki Kese Roke)
- अगर आपके नवजात शिशु को हिचकी आ रही है तो उसे आप उल्टा लेटा दें या फिर आप उसे अपने कंधे में खड़ा कर दें और शिशु की पीठ में अपना हाथ गोल गोल सर्कुलर मोशन में घुमा ले इससे बच्चे की हिचकी कुछ देर बाद रुक जाएगी।
- जितनी भी न्यू मॉम्स है वह जब भी अपने बच्चे को दूध पिलाती है चाहे वह ब्रेस्टमिल्क हो या फार्मूला मिल्क। दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार दिलाना ना भूले। आप अलग अलग पोजीशन में नवजात शिशु को डकार दिला सकती है।
- यदि आपका बच्चा 6 महीना या उससे अधिक उम्र का है और वह सॉलिड खाना खाता है तो आप बच्चे की हिचकी रोकने के लिए उसे थोड़ा चीनी खिला दें।
- अगर आपके बच्चे को हिचकी आ रही है तो आप अपने बच्चे को दूध पिला सकती है इससे भी आपके बच्चे की हिचकी रुक सकती है।
जानकारी के लिए बता दें, नवजात शिशु को हिचकी आना सामान्य है इसमें आपको कोई चिंता की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यदि अगर आपके नवजात शिशु को हिचकी लंबे समय तक बनी रहती है या शिशु को अन्य शारीरिक लक्षण भी होते हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेना उचित है।
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