
Mistakes To Avoid With Teething Baby in Hindi: नवजात शिशुओं की देखभाल करना माता-पिता के लिए एक चुनौतीपूर्ण और भावनात्मक यात्रा होती है। जब शिशु के दांत निकलने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो यह अनुभव माता-पिता के लिए और अधिक जटिल हो जाता है। आमतौर पर शिशुओं के दांत 6 महीने की उम्र से निकलने लगते हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें चिड़चिड़ापन, असहजता, और मसूड़ों में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में माता-पिता स्वाभाविक रूप से उनकी परेशानी को कम करने के लिए विभिन्न उपाय अपनाते हैं। हालांकि, कई बार ये उपाय अनजाने में शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा (What not to do with a teething baby in hindi) सकते हैं।
दांत निकलने के दौरान माता-पिता की सबसे बड़ी गलती होती है—बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के घरेलू नुस्खों या दवाइयों का उपयोग। इससे शिशु को तुरंत राहत तो मिल सकती है, लेकिन लंबे समय में इसके दुष्प्रभाव गंभीर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, शहद में डूबे पेसिफायर देना, होम्योपैथिक दवाएं इस्तेमाल करना, या आर्टिफिशियल मीठे पदार्थों का प्रयोग, ये सभी शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि दांत निकलते समय किन चीजों से बचना चाहिए, और इसके लिए कौन से सुरक्षित और प्रभावी विकल्प अपनाए जा सकते हैं। साथ ही, शिशु के आराम और सुरक्षा सुनिश्चित (dant niklte samay bacho ke sath kin galtiyon ko na kare) करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह क्यों महत्वपूर्ण है, इसे भी समझेंगे।
दांत निकलने के दौरान सामान्य गलतियां और उनसे बचने के उपाय
1. शहद में डूबा हुआ पेसिफायर देना
दांत निकलने के दौरान कुछ माता-पिता शिशु को शांत करने के लिए शहद में डूबा हुआ पेसिफायर देते हैं। हालांकि, यह उपाय पारंपरिक और नेचुरल लग सकता है, लेकिन यह शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। एक साल से कम उम्र के शिशुओं को शहद देने से बोटुलिज़्म जैसी गंभीर बीमारी का खतरा होता है। बोटुलिज़्म एक दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या है, जो शिशु के नर्व सिस्टम को प्रभावित कर सकती है।
बचाव का उपाय: शहद या अन्य मीठी चीजों का उपयोग करने के बजाय, नरम और ठंडे टीथिंग रिंग का उपयोग करें, जो शिशु के मसूड़ों को आराम पहुंचाने में सहायक हो सकते हैं।
2. होम्योपैथिक टीथिंग टैबलेट और दवाओं का उपयोग
कई माता-पिता शिशु की असहजता को कम करने के लिए होम्योपैथिक टीथिंग टैबलेट का सहारा लेते हैं। लेकिन इन उत्पादों में असुरक्षित तत्व हो सकते हैं, जो शिशु की सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
बचाव का उपाय: बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की दवा का उपयोग न करें। शिशु के दांत निकलने के दर्द को कम करने के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।
3. टीथिंग जेल का उपयोग
बाजार में मिलने वाले टीथिंग जेल में अक्सर बेंजोकेन जैसे केमिकल्स होते हैं। यह केमिकल शिशु के ब्लड में ऑक्सीजन की कमी का कारण बन सकता है, जिसे मेथेमोग्लोबिनेमिया कहा जाता है। यह स्थिति गंभीर और जानलेवा हो सकती है।
बचाव का उपाय: टीथिंग जेल के बजाय शिशु के मसूड़ों (Baby Teething in Hindi) की हल्के हाथों से मालिश करें। इसके अलावा, ठंडे टीथिंग रिंग का उपयोग करें, जो सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हैं।
4. नुकीली या कठोर चीजें देना
कुछ माता-पिता टीथर के रूप में चम्मच या अन्य नुकीली वस्तुएं शिशु को दे देते हैं। इससे उनके मसूड़ों में चोट लगने या दम घुटने का खतरा हो सकता है।
बचाव का उपाय: हमेशा मुलायम और सुरक्षित टीथर का उपयोग करें, जो विशेष रूप से शिशुओं के लिए डिज़ाइन किए गए हों।
5. आर्टिफिशियल मीठी चीजों का उपयोग
बच्चों को बिस्कुट या अन्य आर्टिफिशियल मीठी चीजें देना दांत निकलने के दौरान हानिकारक हो सकता है। इससे शिशु के मसूड़ों में सूजन या सड़न हो सकती है।
बचाव का उपाय: आर्टिफिशियल मीठी चीजों के बजाय शिशु को ठंडी गाजर या खीरे के टुकड़े दें। ये प्राकृतिक विकल्प उनके मसूड़ों को आराम देने में सहायक होंगे।
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दांत निकलने के दौरान शिशु को आराम देने के सुरक्षित तरीके
- ठंडे टीथिंग रिंग का उपयोग: यह मसूड़ों को ठंडक देकर दर्द कम करता है।
- मसूड़ों की हल्की मालिश: साफ और ठंडे हाथों से मसूड़ों की मालिश करने से शिशु को आराम मिलता है।
- प्राकृतिक खाद्य पदार्थ: ठंडी गाजर, खीरा, या अन्य नेचुरल चीजें शिशु को चबाने के लिए दें।
- मनोविनोद: शिशु का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें खिलौनों या कहानियों से व्यस्त रखें।
विशेषज्ञ की सलाह क्यों है जरूरी?
दांत निकलने की प्रक्रिया के दौरान हर शिशु की स्थिति अलग हो सकती है। किसी भी दवा या नुस्खे को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है। डॉक्टर शिशु की उम्र, स्वास्थ्य और समस्याओं को समझकर सही मार्गदर्शन दे सकते हैं।
निष्कर्ष
दांत निकलने की प्रक्रिया शिशु और माता-पिता दोनों के लिए एक कठिन समय हो सकता है। हालांकि, थोड़ी सी सावधानी और सही जानकारी से इस समय को आसान बनाया जा सकता है। शिशुओं को बिना किसी हानिकारक वस्तु या दवा के राहत देने के लिए हमेशा सुरक्षित विकल्प चुनें।