क्या दांत निकलने पर बुखार आता है? अगर आपके बच्चे को भी है 100 डिग्री बुखार तो ये हो सकते है लक्षण

बच्चों के दांत निकलने के दौरान बुखार आना एक सामान्य समस्या है। जब बच्चों के दांत निकलते हैं, तो उनके मसूड़े में सूजन और दर्द हो सकता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 6 महीने की उम्र से शुरू होती है और 2-3 साल की उम्र तक जारी रह सकती है।

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By Nutan Bhatt

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kya shishu ke dant nikalne par bukhaar aata hai
kya shishu ke dant nikalne par bukhaar aata hai

दांत निकलना (teething) एक महत्वपूर्ण और सामान्य प्रक्रिया है जिससे हर शिशु को गुजरना होता है। यह समय बच्चों और उनके माता-पिता दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दौरान बच्चों में कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें से बुखार भी एक हो सकता है (Shishu ke dant niklana)। हालांकि, दांत निकलने के कारण उच्च बुखार (100 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक) होना सामान्य नहीं है। अगर आपके बच्चे को इस तरह का बुखार है, तो यह किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। आज हम आपको इस बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि दांत निकलने के दौरान और क्या लक्षण हो सकते हैं।

शिशु के दांत निकलने के लक्षण

  1. मसूड़ों में सूजन और लालिमा: जब बच्चों के दांत निकलने शुरू होते हैं, तो उनके मसूड़े सूज जाते हैं और उनमें लालिमा आ जाती है। यह सूजन और लालिमा दांतों के निकलने की प्रक्रिया का सामान्य हिस्सा है।
  2. अधिक लार आना: दांत निकलने के दौरान बच्चों में लार की मात्रा बढ़ जाती है। यह लार उनके मसूड़ों को ठंडक प्रदान करने का एक प्राकृतिक तरीका है।
  3. चबाने की आदत बढ़ना: बच्चों को अपने मसूड़ों में हो रहे दर्द और असुविधा से राहत पाने के लिए चीज़ों को चबाना अच्छा लगता है। वे खिलौने, उंगलियां, और कभी-कभी अपने कपड़े भी चबाने लगते हैं।
  4. चिड़चिड़ापन: दांत निकलने के दौरान बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। यह चिड़चिड़ापन मसूड़ों में हो रहे दर्द और असुविधा के कारण होता है।
  5. भूख कम होना: मसूड़ों में दर्द और सूजन के कारण बच्चों की भूख कम हो जाती है। वे खाने-पीने में असमर्थ महसूस करते हैं।
  6. नींद में कठिनाई: दांत निकलने के दर्द और असुविधा के कारण बच्चों को सोने में कठिनाई होती है। वे अक्सर रात में जाग जाते हैं और रोते हैं।

क्या दांत निकलने पर बुखार आता है?

बुखार और दांत निकलने के बीच संबंध को लेकर माता-पिता में अक्सर भ्रम होता है। सामान्यतः दांत निकलने के कारण हल्का बुखार आ सकता है, लेकिन यह बुखार 100 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि बच्चे को 100 डिग्री फ़ारेनहाइट या इससे अधिक बुखार है, तो यह किसी अन्य संक्रमण या बीमारी का संकेत हो सकता है।

  1. वायरल संक्रमण: छोटे बच्चों में वायरल संक्रमण बहुत आम हैं। यह संक्रमण अक्सर सर्दी, खांसी, गले में खराश, और बुखार के रूप में प्रकट होते हैं।
  2. बैक्टीरियल संक्रमण: कान का संक्रमण, मूत्र संक्रमण, या अन्य बैक्टीरियल संक्रमण भी बच्चों में उच्च बुखार का कारण बन सकते हैं।
  3. पेट में इन्फेक्शन होना: बच्चों में पेट के संक्रमण के कारण भी बुखार हो सकता है। यह दस्त, उल्टी, और पेट में दर्द के साथ होता है।
  4. टीकाकरण के बाद का बुखार: बच्चों को टीकाकरण के बाद हल्का बुखार हो सकता है। यह बुखार टीकाकरण के 24-48 घंटे के भीतर दिखाई दे सकता है।

क्या करें अगर बच्चे को 100 डिग्री से ज्यादा बुखार हो

यदि आपके बच्चे को 100 डिग्री फ़ारेनहाइट या इससे अधिक बुखार है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. डॉक्टर से परामर्श करें: यदि बुखार 100 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। उच्च बुखार किसी संक्रमण या अन्य गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
  2. बुखार को मापें: नियमित अंतराल पर बच्चे के बुखार को मापें। यदि बुखार बढ़ता है या अन्य गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  3. तरल पदार्थ दें: बच्चे को अधिक से अधिक तरल पदार्थ दें। यह उसके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा।
  4. आराम दें: बच्चे को आराम करने दें और उसे आरामदायक माहौल में रखें। ठंडे कपड़े से बच्चे के माथे को पोछें ताकि उसे आराम मिल सके।
  5. दवाओं का उपयोग: डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवा का उपयोग न करें। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का ही प्रयोग करें।

दांत निकलने के दौरान बच्चों में हल्का बुखार आ सकता है, लेकिन 100 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक बुखार सामान्य नहीं है और यह किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। माता-पिता को ऐसे मामलों में सावधान रहना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। बच्चों की सेहत और उनकी सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न किया जाए और उचित चिकित्सा सहायता ली जाए।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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