Parenting tips: मां-बाप की इन 5 गलतियों की वजह से झूठ बोलना सीख जाते हैं बच्चे, छिपाने लगते हैं मन की हर बात

बच्चों को झूठ बोलने की आदत माता-पिता की कुछ अनजानी गलतियों की वजह से लगती है। अत्यधिक सख्ती, अवास्तविक उम्मीदें, प्यार और विश्वास की कमी, और खुद झूठ बोलना – ये पांच कारण बच्चों को झूठ बोलने की ओर धकेल सकते हैं। यदि माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा ईमानदार और आत्मनिर्भर बने, तो उन्हें बच्चों को खुला वातावरण, स्नेह और सही मार्गदर्शन देना चाहिए। इस लेख में हम उन 5 गलतियों और उनके सुधार के उपाय पर चर्चा करेंगे, जो बच्चों को झूठ से बचाने में मदद कर सकते हैं।

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By Nutan Bhatt

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bacho ko jhuth bolne se kese roke

Parenting tips: बच्चे अपने माता-पिता के व्यवहार और वातावरण से बहुत कुछ सीखते हैं। उनकी मासूमियत और सच्चाई को बनाए रखना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है। लेकिन कई बार अनजाने में माता-पिता की कुछ गलतियां बच्चों को झूठ बोलने की आदत की ओर धकेल देती हैं। इस लेख में, हम ऐसी पांच प्रमुख गलतियों पर चर्चा करेंगे जो बच्चों को झूठ बोलने के (bacho ko jhuth bolne se kese roke) लिए प्रेरित करती हैं, साथ ही इनसे बचने के उपाय भी सुझाएंगे।

बच्चों को झूठ बोलने से कैसे रोकें?

1. अत्यधिक सख्ती

कुछ माता-पिता मानते हैं कि सख्ती से पालन-पोषण करने से बच्चे अनुशासित बनते हैं। हालांकि, अत्यधिक सख्ती बच्चों में डर पैदा करती है, जिससे वे अपनी गलतियों को छिपाने के लिए झूठ बोलने लगते हैं। जब बच्चे छोटी-छोटी गलतियों पर भी कठोर सजा का सामना करते हैं, तो वे सजा से बचने के लिए सच छुपाने लगते हैं। इससे बच्चों में झूठ बोलने की आदत विकसित हो जाती है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के प्रति नरम और समझदारी भरा रवैया अपनाएं ताकि बच्चे अपनी गलतियों को स्वीकारने में सहज महसूस करें।

उदाहरण: यदि बच्चा गलती से कोई चीज तोड़ देता है और उसे पता है कि माता-पिता बहुत सख्त हैं, तो वह सच बताने से डर सकता है और झूठ बोल सकता है।

उपाय: बच्चों के साथ संवाद स्थापित करें, उनकी भावनाओं को समझें, और गलतियों पर सजा देने के बजाय उन्हें सुधारने का मौका दें।

2. अवास्तविक उम्मीदें

माता-पिता की अत्यधिक और अवास्तविक उम्मीदें बच्चों पर अनावश्यक दबाव डाल सकती हैं। जब बच्चे सोचते हैं कि वे इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकते, तो वे झूठ का सहारा लेते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की क्षमताओं को समझें और उनसे यथार्थवादी उम्मीदें रखें, जिससे बच्चों को खुद पर भरोसा हो और वे ईमानदारी से अपनी बात रख सकें।

उदाहरण: यदि माता-पिता बच्चे से हर विषय में उच्च अंक की उम्मीद करते हैं, तो बच्चा दबाव में आकर अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए झूठ बोल सकता है।

उपाय: बच्चों की क्षमताओं को समझें, उनकी उपलब्धियों की सराहना करें, और असफलताओं पर समर्थन प्रदान करें।

3. प्यार और स्नेह की कमी

प्यार और स्नेह की कमी बच्चों को असुरक्षित और अनजाने में झूठ बोलने के लिए प्रेरित कर सकती है। जब बच्चे महसूस करते हैं कि उनके माता-पिता उनसे पर्याप्त प्रेम और समर्थन नहीं कर रहे हैं, तो वे अपनी भावनाओं और समस्याओं को छुपाने लगते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए और उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वे उनके लिए महत्वपूर्ण हैं।

उदाहरण: यदि बच्चा किसी समस्या का सामना कर रहा है और उसे लगता है कि माता-पिता उसकी परवाह नहीं करते, तो वह अपनी समस्याओं को छिपाने के लिए झूठ बोल सकता है।

उपाय: बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं, उनकी भावनाओं को समझें, और उन्हें समर्थन और स्नेह प्रदान करें।

4. विश्वास की कमी

बच्चों पर विश्वास न करना और उनकी बातों को हमेशा संदेह की दृष्टि से देखना, उन्हें झूठ बोलने के लिए प्रेरित कर सकता है। जब बच्चों को लगता है कि उनके माता-पिता उनकी बातों पर विश्वास नहीं करते, तो वे झूठ बोलकर खुद को सही साबित करने की कोशिश करते हैं। माता-पिता को बच्चों पर विश्वास दिखाना चाहिए और उनके साथ खुलकर बात करनी चाहिए।

उदाहरण: यदि माता-पिता बच्चे की हर बात पर शक करते हैं, तो बच्चा सच बोलने पर भी झूठा साबित होने के डर से झूठ बोलने लग सकता है।

उपाय: बच्चों की बातों को ध्यान से सुनें, उन पर विश्वास करें, और एक भरोसेमंद वातावरण बनाएं।

5. खुद झूठ बोलना

बच्चे अपने माता-पिता को रोल मॉडल मानते हैं। यदि माता-पिता खुद झूठ बोलते हैं या छिपाते हैं, तो बच्चे भी यही आदतें सीखते हैं। इसलिए कम से कम बच्चों के सामने तो माता-पिता को हमेशा ईमानदारी बरतनी चाहिए।

उदाहरण: यदि माता-पिता किसी कॉल पर झूठ बोलते हैं और बच्चा यह सुनता है, तो वह समझ सकता है कि झूठ बोलना स्वीकार्य है।

उपाय: बच्चों के सामने ईमानदारी का प्रदर्शन करें और उन्हें सच्चाई का महत्व समझाएं।

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निष्कर्ष

बच्चों को झूठ बोलने की आदत माता-पिता की अत्यधिक सख्ती, अवास्तविक उम्मीदें, प्यार की कमी, विश्वास की कमी और खुद झूठ बोलने जैसी गलतियों के कारण लग सकती है। यदि माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा ईमानदार और आत्मविश्वासी बने, तो उन्हें बच्चों के साथ खुला संवाद रखना, उनकी भावनाओं को समझना और प्यार व समर्थन देना बेहद जरूरी है। सजा देने की बजाय समझाने और सही मार्गदर्शन देने से बच्चों में सच्चाई की आदत विकसित की जा सकती है। माता-पिता को चाहिए कि वे खुद भी ईमानदार रहें और बच्चों को सही उदाहरण दें, ताकि वे झूठ बोलने की बजाय सच कहने में सहज महसूस करें।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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