Diet Chart For 6 Month Baby: शिशु के लिए बनाएं यह रेसिपी जिससे आपका बच्चा खायेगा पूरा का पूरा खाना

6 से 7 महीने की उम्र के शिशु को सही पोषण और देखभाल की जरुरत होती है। इस आयु के बच्चों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सबसे उपयुक्त आहार प्रदान करना महत्वपूर्ण है। यहाँ जाने 6 से 7 महीने का डाइट चार्ट

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By Nutan Bhatt

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Diet Chart For 6 Month Baby: क्या आपका भी बच्चा हो गया है 6 महीने का, शिशु के लिए बनाएं यह सभी रेसिपी जिससे आपका बच्चा खायेगा पूरा का पूरा खाना जितनी भी न्यू मॉम्स है उनको अपने बच्चे की हेल्थ को लेकर चिंता होती रहती है और खासकर कि तब जब आपका बच्चा 6 महीने का हो जाता है। मुझे भी यही चिंता सताने लगी थी जब मेरे बच्चे का अन्नप्रासन हुआ और उसका सॉलिड खाने का समय शुरू हुआ। सॉलिड आहार 6 महीने बाद बच्चे के लिए बहुत ही जरुरी होता है लेकिन कई बार हम माएँ कुछ गलती कर देती है जिससे तुरंत ही आपके बच्चे का वजन गिरने लगता है।

दोस्तों आज में आपको अपने अनुभव से यह बताने जा रही हूँ कि कैसे आप अपने बच्चे का सॉलिड आहार शुरू करें, उन्हें किस महीने में कितना सॉलिड आहार दें आदि। यदि आपका भी बच्चा 6 महीने का हो गया है या होने वाला है तो आप हमारे आर्टिकल मैं 6 महीने के बच्चे को क्या खिलाएं ,बच्चे के लिए किस तरह का आहार चार्ट बनाना चाहिए, जिससे आपके बच्चे को सही मात्रा में दूध के साथ ठोस आहार मिल सकेगा और उसका सम्पूर्ण विकास हो सकेगा

6 महीने बाद ही शिशु के लिए सॉलिड आहार जरुरी

नवजात शिशु के छह महीने पूरे होने तक उसके विकास के लिए मां का दूध दिया जाता है, जिसमे बच्चे को सभी पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं वहीं बच्चे के 6 महीने के बाद (6 Mahine Baad Bache Ko Kya Khilana Chahiye) उसे सही आहार मिले इसके लिए मां के दूध के साथ अन्य खाद्य पदार्थ बच्चे के विकास के लिए बेहद ही महत्त्वपूर्ण होते हैं हालांकि बच्चे को आहार में कौन-कौन सी चीजें और कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए यह हर माता-पिता के लिए जानना बेहद ही जरूरी है

बढ़ते बच्चे के पोषण और विकास के लिए बच्चे का आहार चार्ट काफी मददगार साबित हो सकता है 4 से 6 महीने के बच्चे में पाचन एंजाइम विकसित होने लग जाता है, हालांकि ठोस पदार्थों के शुरुआती सेवन से बच्चे को पाचन संबंधी परेशानियां और एलर्जी भी हो सकती है जिसके लिए आपको बच्चे को खिलाते समय कुछ सावधानियां भी बर्तनी चाहिए

Diet Chart For 6 Month Baby

एक्सपर्ट्स के अनुसार तो छह महीने बाद बच्चे की डाइट में दूध के साथ तरल पदार्थ यानी लिक्विड पदार्थ शामिल करना शुरू कर देना चाहिए, इस समय तक बच्चे का उसके सिर पर नियंत्रण अच्छा बन जाता है और उसकी खाने में रुचि दिखाना इस बात का संकेत देना शुरू कर देता है की वह की मां के दूध के अलावा अन्य चीजों को खाने के लिया तैयार है ऐसे में छह महीने के बच्चे को दिया जाने वाला मुख्य आहार कैसे तैयार किया जा सकता है, इसका चार्ट आप यहां दी गई जानकारी को पढ़कर जान सकेंगे

जानकारी के लिए बता दूँ, यदि आपका भी बच्चा सॉलिड आहार लेने के काबिल होगया है तो उसे हल्का लिक्विड आहार ही दें। आहर में आप पानी ज्यादा मात्रा में ना मिलाएं। बता देती हूँ में भी अपने बच्चे को यह सभी चीजे खिलाती हूँ जिससे मेरा बच्चा आसानी से खा लेता है।

चांवल का दलिया

  • सामग्री: चांवल का दलिया बनाने के लिए आपके पास टूटे चांवल, पानी, मां का दूध/ डिब्बे वाला दूध होना चाहिए
  • विधि: चांवल का दलिया बनाने के लिए आपको पैन में दो कप पानी डालकर उबालना है, इसके बाद आपको 5 से 6 घंटे भिगोकर पिसे हुए चांवल के पेस्ट को इसमें धीरे-धीरे मिलाकर चांवल को पानी में पकने दें अब आखिर में मां या डिब्बे के दूध की दो चम्मच मिला लें आप ब्रेस्टमिल्क या फार्मूला मिल्क को उबालें न साथ ही आप 1 साल से पहले बच्चे को गाय का दूध ना दें।
chawal ka daliya
chawal ka daliya

सेब की प्यूरी

  • सामग्री: एक पका हुआ सेब और पानी
  • विधि: इसके लिए सबसे पहले आप सेब से छिलका उतार कर उसे छोटे टुकड़ों में काट लें और इसके टुकड़ों को पानी में कुछ देर उबाल लें, अब सेब को करीब दो से तीन सीटी आने तक कुकर में पकाएं और जब सेब ठंडा हो जाए तो इसे बाहर निकालकर किसी ब्लेंडर या मिसकर में मैश कर लें इसके बाद किसी बड़े छेद वाली छलनी से इसे अच्छे से छान लें
apple puree kese banaye
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चीकू प्यूरी

  • सामग्री: एक पका हुआ चीकू और पानी
  • विधि: इसके लिए सबसे पहले आप चीकू का छिलका उत्तर उसे छोटे टुकड़ों में काट लें और इसके टुकड़ों को कांटे दार चमच्च से मसले यदि यह अच्छे से नहीं मसलता तो आप किसी ब्लेंडर या मिसकर में मैश कर लें इसके बाद किसी बड़े छेद वाली छलनी से इसे अच्छे से छान लें और बच्चे को खिला दे। ध्यान दें पहले पहले आपका बच्चा खायेगा और बाहर थूकेगा लेकिन आपको जबरदस्ती अपने बच्चे को कुछ भी नहीं खिलाना है।
6 month baby diet chart
6 month baby diet chart

मूंग दाल का सूप

  • सामग्री: बिना छिलके वाली मूंग दाल (5 से 6 घंटे पानी में भीगी हुई), नमक (एक चुटकी यदि आपका बच्चा 1 साल से ऊपर का हो), पानी
  • विधि: दाल का सूप बनाने के लिए आपको करीब एक मुट्ठी दाल में 1.5 कप पानी एवं एक चुटकी नमक डाल कर कुकर में 2 से 3 सिटी लगानी है, फिर प्रेशर निकालने के बाद इसे अच्छे से मैश कर दें यदि दाल गाढ़ी लगती है तो इसमें पानी मिलाकर इसे पतला कर लें और बच्चे को खिला दें
khichdi kese banye
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केले की प्यूरी

  • सामग्री: पका हुआ केला, मां/ डिब्बे का दूध
  • विधि: केले की प्यूरी बनाने के लिए आपको सबसे पहले केले को ब्लेंडर से ब्लेंड कर लें और किसी कटोरे में अच्छे से मैश कर लें आप मैश किए हुए केले को करीब 30 सेकंड के लिए हल्का सा गर्म भी कर सेट हैं और यदि इसकी प्यूरी अधिक गाढ़ी हो जाती है तो आप इसमें थोड़ा सा दूध या पानी भ मिला सकते हैं
kele ki puree kese banaye
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गाजर और पोहा की प्यूरी

  • सामग्री: गाजर और पोहा
  • विधि: सबसे पहले गाजर को छिल लें इसके बाद इसे मिक्सी में घुमा दें। साथ ही आप 2 से 3 चम्मच पोहा लें और इसे पानी से धो लें अब इसके बाद इसे भी मिक्सी में आप घुमा दें। इसके बाद आपको गर्म बर्तन में थोड़ा घी डाले और इसमें जीरा और हींग डाल दें। अब आप गाजर पर पोहा को हल्का गर्म होने तक पका लें और बच्चे को खिला दें।

घर का बना हुआ होममेड सेरेलैक

अगर आप चाहती है कि आपके बच्चे को बेहतर नुट्रिएंट्स मिल पाएं तो आप बच्चे को बाहर का बना हुआ सेरेलैक बिलकुल भी ना दें। आप चाहे तो घर में ही अपने बच्चे के लिए होममेड सेरेलैक बना सकती है।

  • सामग्री: मखाने, चावल, मूंग दाल, मलका दाल, पोहा, ओट्स एवं काजू बादाम
  • विधि: सेरेलैक बनाने के लिए आप सबसे पहले चावल, मूंग दाल और मलका दाल को अच्छे से धोकर उसे सूखा लें। अच्छे से सुखाने के बाद अब आप कढ़ाई में इन्हे भून लें जब तक ये ब्राउन ना हो जाएं। इसके बाद आप मखाने और ड्राई फ्रूट्स को को घी में भुने। इसी के साथ आप पोहा और ओट्स बिना घी के भून लें। अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें और मिक्सी में घुमा के इसका सूखा पेस्ट बना लें। जिसके बाद आपका सेरेलक तैयार हो जाएगा आप इसे किसी एयर टाइट जार में रख दें। सेरेलैक आप 1 महीने के बाद दोबारा इसी विधि से बना सकते है।
6 mahine ke bache ka diet chart
6 mahine ke bache ka diet chart

बच्चे को कितनी मात्रा में खाना खिलाएं

छह महीने के शिशु के लिए सही मात्रा में आहार प्रदान करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि इस आयु में उनके पोषण की जरूरतें विशेष होती हैं। उनकी आवश्यकताओं को संतुलित रूप से पूरा करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें अपनी मां के दूध के अलावा सॉलिड फूड्स भी प्रदान करें।

इस आयु में बच्चों को धीरे-धीरे अलग-अलग प्रकार के सॉलिड फूड्स दिया जा सकता है, जैसा कि एक छह महीने के बच्चे की आयु के लिए एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाए गए हैं फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन युक्त आहार। छह महीने के बच्चे के शुरआती दौर में आप बच्चे को तरल रूप में 5 से 10 मिलीलीटर आहार प्रदान करे साथ ही मां का दूध मुख्य आहार के रूप में देते रहें। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे के आहार को उनके आयु और विकास के अनुसार बदलते रहना चाहिए। शुरुआत में, यदि आपका बच्चा 6 महीने का है तो उसे केवल 1 टाइम चाहे सुबह, दिन या श्याम हो सॉलिड आहार दें इसके बाद जब आपका बच्चा 7 महीने का हो जाएं तो उसे 2 टाइम सॉलिड आहार दें इसी तरह उसका आहार बढ़ाएं। साथ ही बच्चों को बच्चों को भी पानी प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाया जाना चाहिए।

6 mahine ke bache ko kya khilaye
6 mahine ke bache ko kya khilaye

छह महीने के बच्चे को खाना खिलाते समय जरूर बरतें यह सावधानी

छह महीने के शिशु के लिए खाना खिलाना एक महत्वपूर्ण मामला है, क्योंकि इस आयु में उनके सही नुट्रिएंट्स के जरिये शरीर का विकास होता है और इस समय में उन्हें सही पोषण मिलना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स हैं जो आपको छह महीने के शिशु को खाना खिलाते समय ध्यान में रखने चाहिए:

  • खाने की ढंग से संरचना: छह महीने के बच्चे के लिए खाना प्रदान करते समय, खाने की संरचना का ध्यान रखें। इसका मतलब है कि आपको उन्हें सॉलिड फूड्स को पीसकर, ग्रेवी बनाकर, परत दार और सुखा हुआ देना हो सकता है ताकि उनका पाचन सिस्टम ठीक से काम कर सके।
  • खाने की विविधता: बच्चे को विभिन्न प्रकार के आहार प्रदान करना महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें सभी पोषक तत्व मिल सकें। यह समाहित करने के लिए कि वे स्वस्थ रहें और अलर्ट हों उन्हें नयी चीजों के साथ परिचित कराना आवश्यक हो सकता है।
  • एलर्जी का ध्यान: कुछ शिशुओं को किसी विशेष आहार से एलर्जी हो सकती है। इसलिए, जब भी आप नए आहार को शुरू करते हैं, तो सावधानी बरतना चाहिए और यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।
  • आहार में मसाले या चीनी के उपयोग से बचें: बच्चे के लिए आहार बनाते समय यह जरूर ध्यान रखे की उसमे किसी तरह के मसाले का उपयोग न करें, हालांकि आम बेहद ही कम मात्रा में नमक का उपयोग कर सकते हैं और मीठे के लिए उसमे चीन के बजाय फलों के रस का ही उपयोग करें।
  • बाहर के दूध से बचें: छह महीने के बच्चे का पाचन तंत्र भले ही विकसित होने लगता है, लेकिन बच्चे के बेहतर पाचन के लिए ठोस आहार के साथ मां या डिब्बे का दूध एक अच्छा विकल्प रहता है। एक साल तक के बच्चे को बाहर का दूध (गाय या भैंस) देने से बचना चाहिए, साथ ही उन्हें शहद भी नही देना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए विषाक्त बन सकता है।
  • स्वच्छता का ध्यान: शिशु को खाना खिलाते समय स्वच्छता का ध्यान रखें। आपके हाथ साफ होने चाहिए और आपके उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को भी साफ रखें।
  • बच्चे की संतुलित दैनिक रूटीन: बच्चे को नियमित अंतराल पर खाना खिलाना चाहिए, ताकि उनके पाचन सिस्टम को संतुलित रूप से काम करने में मदद मिले।
  • बाहर का सेरेलैक ना दें: बच्चों को बाहर का बना सेरेलैक बिलकुल भी ना दें क्यूंकि उसमे अधिक मात्रा में फ्लेवर या चीनी का प्रयोग किया होता है जो आपके बच्चे के शरीर के लिए ठीक नहीं है।
Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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