दांत निकलने के कारण दस्त: बढ़ते शिशु में समय के साथ धीरे-धीरे कई मानसिक एवं शारीरिक बदलाव देखने को मिलते हैं, इनमे बच्चों का हंसना, रोना, अपने आस-पास की चीजों को नोटिस करना या माता-पिता के साथ खेलते हुए बात करने की कोशिश करना यह सभी बच्चे की अच्छी ग्रोथ का संकेत देते हैं। बच्चों के विकास में दांत निकलना भी एक सामान्य विकासात्मक चरण है, जिसमे बच्चे के मसूड़ों से दांत बाहर निकलते हैं। हालांकि बच्चों में दूध के दांग निकलना कोई आश्चर्य की बात नहीं है लेकिन दांत आने से पहले बच्चे के अधिक रोना, चिड़चिड़ापन या बार-बार बुखार आना किसी भी माता-पिता के परेशानी का कारण बन सकता है।
दांत आने पर बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ने से बुखार होना लाजमी हैं, लेकिन दांत निकलने पर बच्चे को दस्त (लूज मोशन) हो सकते हैं, इसे लेकर लोगों में आम धारणाएं भी बनी हुई है। ऐसे में क्या दांत निकलने के कारण बच्चों को दस्त हो सकता है या नही चलिए जानते हैं इसकी पीछे विशेषज्ञों की सलाह और दस्त आने के करना की पूरी जानकारी।
क्या दांत निकलने से लूज मोशन होते हैं?
आज भी किसी घर में छोटे बच्चे के दांत आने के समय यदि उसे दस्त लगते हैं या बच्चों का पेट ख़राब होता है लोग इसका कारण दांत निकलना मानते हैं। हालांकि इसपर कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण सामने नही आया है, ऐसे में बच्चे को दस्त होने के पीछे कई अन्य कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। बच्चों में दांत निकलने से पहले उनके मसूड़े बेहद ही सख्त होते हैं, जिसके कारण उन्हें खुजली या असहजता महसूस होने लगती है और वह अपने पास रखी चीजों जैसे खिलौने या टीथर मसूड़ों से चबाने की कोशिश करने लागते हैं। अधिकतर बच्चे तो अपने हाथों को मुंह में डालते या अंगूठा चूसने लगते हैं।
हालांकि ऐसी स्थिति में यदि बच्चे के हाथ या खिलौने जो वह मुंह में डाल रहे हैं वह साफ नहीं है तो इससे बच्चों में उनके पेट में इन्फेक्शन हो सकता हैं। यह समस्या कई बार बच्चों में लूज मोशन का कारण बन जाती है। इस स्थिति में बच्चे अपने मुंह से अधिक राल निकालते हैं और बार-बार दूध की चाह रखते हैं, जिससे कई बार ओवरफीडिंग के करन भी अधिक मल निकलना दस्त जैसा दिखाई देता है।
दांत निकलने के लक्षण
बच्चे के दांत निकलने से पहले कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनके जरिए आप यह समझ सकेंगे की आपके बच्चे के दांत निकलना शुरू होने वाले हैं, ऐसे सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं।
- व्यवहार में चिड़चिड़ापन आना
- शरीर के तापमान में वृद्धि दिखना
- सामान्य से अधिक लार टपकना
- मुंह, ठोड़ी और गालों की लाली
- सुजा हुआ या फूला हुआ मसूडा
लूज मोशन होने के कारण
शिशुओं में दांत निकलने के कारण दस्त होता है, इसे लेकर आम धारणा बनी बनी रहती है, हालांकि वास्तव में ऐसा कुछ नही है। कुछ ऐसे कारक हैं जो आपके बच्चे के दांत निकलने के कारण बन सकते हैं और इससे दस्त लग सकते हैं।
- पेट में इन्फेक्शन: बच्चे के पेट में इन्फेक्शन दूध की बोतल साफ न होने या गंदे खिलौने या हाथ मुंह डालने के कारण हो सकता है, इसके अतिरिक्त यदि बच्चे को ऊपर का दूध सही तरीके से बनाकर नही दिया जा रहा है तो भी इन्फेक्शन होने का चांस अधिक रहता है, जिससे बच्चों को दस्त लग सकते हैं।
- लैक्टोस इनटोलरेंस: लैक्टोस इनटोलरेंस समस्या किसी व्यक्ति में तब दिखाई देती है, जब उनकी छोटे आंत (Small Intestine) दूध (Lactose) को पचाने के लिए प्रयाप्त लैक्टेस नामक एंजाइम का उत्पादन करने में असमर्थ होती है। ऐसे में कई बच्चों में Lactose Intolerance होना भी लूज मोशन का कारण बन सकता हैं।
- गाय के दूध से से प्रोटीन एलर्जी: अक्सर कुछ लोग अपने एक साल से छोटे बच्चों को गाय के दूध का सेवन करवाते हैं, हालांकि कई बार गाय के दूध के सेवन से बच्चों को एलर्जी भी हो जाती है। गाय के दूध में प्रोटीन होता है, जिसके कारण बच्चों को प्रोटीन एलर्जी होने के चांस बने रहते हैं और इससे उन्हे या लूज मोशन भी हो सकता है।
- फीड इनटोलरेंस: यह स्थिति आमतौर पर बच्चों को फार्मूला मिल्क यानी ऊपर का दूध पिलाने पर हो सकती है, इस स्थिति में बच्चे को नही पच पाता जिसके करना उन्हे लूज मोशन या उल्टी की समस्या बन जाती है।
शिशुओं में दांत निकलने की परेशानी को कम करने के सुझाव
दांत निकलना शिशुओं में असहजता और चिड़चिड़ापन पैदा हो सकता है, लेकिन कुछ आसान और प्रभावी उपायों से इसे कम किया जा सकता है। यहां कुछ विशेषज्ञ सुझाव दिए गए हैं, जो आपके शिशु की इस प्रक्रिया को सहज बना सकते हैं।
मसूड़ों की मालिश: दांत निकलने पर परेशानी को कम करने के लिए डॉ. हॉस का कहना है कि फिंगर टूथब्रश से मसूड़ों की मालिश शिशुओं को बहुत पसंद आती है। यह नरम फिंगर मोल्ड न केवल मसूड़ों को आराम देता है, बल्कि माता-पिता की उंगली को भी सुरक्षित रखता है।
टीथिंग रिंग्स: टीथिंग रिंग्स दर्द वाले मसूड़ों के लिए बहुत राहत प्रदान करते हैं। इन्हें रेफ्रिजरेटर में ठंडा करके शिशु को दें, लेकिन ध्यान रखें कि इन्हें फ्रीज न करें क्योंकि अत्यधिक ठंड मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अलावा गैर-विषाक्त (Non-toxic) पदार्थों से बने उत्पादों का चयन करें, इन उत्पादों की जानकारी आप पर्यावरण कार्य समूह के माध्यम से पता लगा सकते हैं।
दर्द निवारक दवा: यदि शिशु बहुत असहज है, तो टाइलेनॉल अंतिम उपाय के रूप में दिया जा सकता है। हालांकि दवा देने से पहले यह से सुनिश्चित करें कि आप बोतल पर बताई गई खुराक का पालन करते हुए बच्चे को दवा दें।
केले का ब्रश: केला ब्रश एक बेहतरीन उपाय है। यह शिशु को खुद पकड़ने और चबाने में मदद करता है, जिससे मसूड़ों पर दबाव पड़ता है और दर्द में राहत मिलती है। यह खासकर तब उपयोगी होता है जब शिशु थोड़ा बड़ा हो जाता है।
दंत चिकित्सक के पास नियमित विजिट: डॉ. होस और डॉ. तन्ना सलाह देते हैं कि शिशु को 6 महीने की उम्र से ही दंत चिकित्सक के पास ले जाना शुरू करें। इससे न केवल दांत निकलने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलती है, बल्कि किसी भी संभावित समस्या की जांच भी की जा सकती है, जो बच्चे के स्वस्थ दांतों के लिए बेहद ही जरूरी है।
शिशु के लूज मोशन का इलाज
शिशुओं में लूज मोशन (दस्त) एक आम समस्या है, जो अक्सर माता-पिता के लिए चिंता का कारण बनती है। यह स्थिति कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है और इसका सही उपचार करने के लिए इसके मूल कारण को समझना महत्वपूर्ण है। कई बार वायरल संक्रमण जैसे रोटावायरस और अन्य वायरल संक्रमण या फिर बैक्टीरियल संक्रमण जैसे सैल्मोनेला और ई. कोलाई भी शिशुओं में दस्त का एक प्रमुख कारण हो सकते हैं, जिनसे बचाव के लिए शिशु का टीकाकरण आवश्यक होता है।
वहीं कुछ शिशु दूध में मौजूद लैक्टोज को पचाने में असमर्थ होते हैं जिसके इलाज में लिए उन्हें लैक्टिस की कुछ ड्रॉप दी जाती है। जबकि कई बच्चों को दूध या अन्य खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है, जो दस्त का कारण बनती है ऐसे में बच्चे की डाइट का मुख्य रूप से ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है और दस्त के इलाज के लिए बच्चों को किसी भी तरह की दवाई देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी होता है।