बच्चों के चेहरे पर मुँहासे क्यों आते हैं? अगर आपके बच्चे के चेहरे पर भी हो रहे दाने तो करें ये उपाय?

छोटे बच्चों के चेहरे पर मुहासे होना एक सामान्य स्थिति है जिसे शिशु मुहासे (Baby Acne) कहा जाता है। यह समस्या जन्म के कुछ हफ्तों बाद शुरू होती है और आमतौर पर कुछ महीनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन अगर ये ठीक नहीं होते तो आप डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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By Nutan Bhatt

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बच्चों के चेहरे पर मुँहासे क्यों आते हैं: छोटे बच्चों में होने वाले विकास के साथ-साथ उनमें कई शारीरिक बदलाव भी देखने को मिलते हैं, ऐसे में बच्चों की नींद से लेकर उनके खान-पान तक सभी चीजों का बच्चे के माता-पिता को ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है। हालांकि बच्चों के स्वास्थ्य से लेकर उनकी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने के बाद भी कई माता-पिता के लिए यह विश्वास करना मुश्किल होता है की छोटे बच्चे के चेहरे पर मुंहासे (Acne) भी आ सकते हैं। जी हां, बच्चों के चेहरे पर मुँहासे आना एक आम समस्या है, जिन्हे शिशु मुंहासे भी कहा जाता है, यह समस्या मुख्य रूप से हार्मोनल बदलावों और अन्य कारकों के कारण होती है।

bachon ke chehre par muhaase aana
bachon ke chehre par muhaase aana

शिशु के चेहरे पर मुंहासे या दाने आना आमतौर पर कोई अधिक गंभीर समस्या नही होती, यह दाग अक्सर अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालांकि यदि लंबे समय तक भी उनके चेहरे पर दाग धब्बे ठीक नही होते तो इसका इलाज जरूरी हो जाता है। शिशु के चेहरे पर मुंहासे किसी चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकते हैं। ऐसे में शिशु के चेहरे पर होने वाले मुंहासे (Shishu Ke Chehre Par Muhaase Ya Daane Hona) आखिर क्यों होते हैं? इनके प्रकार, मुंहासों से निदान पाने का तरीके और इलाज से संबंधित सभी जानकारी आप हमारे लेख के माध्यम से जान सकेंगे।

बच्चों के चेहरे पर मुँहासे क्यों आते हैं?

जब भी हम मुंहासों की बात करते हैं तो यह बड़े लोगों में कई हार्मोनल चेंजेस, बैक्टेरियल इन्फेक्शन या वायु प्रदूषण के कारण होने वाले प्रभाव से हो सकते हैं। जबकि छोटे बच्चों में मुंहासे का सटीक कारण अभी भी अज्ञात बना हुआ है, कुछ बच्चों में मुंहासे जन्म के 2 हफ्ते बाद दिखाई देते हैं तो कुछ बच्चों में मुंहासे जन्म के दो महीने से 1 वर्ष के बीच आते हैं, यह लक्षण दाग-धब्बों से आगे बढ़कर ब्लैकहेड्स तक भी पहुंच जाते हैं। बता दें बच्चों के मुहांसे आने पर अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है की यह संभावित उन्ही कारकों के कारण होते हैं जो किशोरों में मुंहासे पैदा करते हैं।

चेहरे पर अतिरिक्त तेल स्किन पर मौजूद पोर्स को बंद कर देते हैं जिससे त्वचा पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया पोर्स में पनपने लगते हैं, इसके कारण त्वचा पर जलन, लालिमा और सूजन होने लगती है या मुंहासे आने शुरू हो जाते हैं। शिशुओं में होने वाले मुंहासे हल्के और मध्यम होते हैं जबकि कुछ बच्चों में मुंहासे सूजन वाले हो सकते हैं, जो मुंहासे का अधिक गंभीर रूप होते हैं। बच्चों के चहरे पर मुंहासों का एक कारण जेनेटिक कंपोनेंट हो सकता है और यदि बच्चे के चहरे पर बचपन से ही मुंहासे आते हैं तो किशोरावस्था में उन्हें गंभीर मुंहासे होने की संभावना हो सकती है।

bachon ke chehre par muhaase kyu aate hai
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मुंहासे के लक्षण कहां-कहां दिखाई देते हैं?

छोटे बच्चों में मुंहासे अधिकतर गर्मी के कारण चहरे, छाती या पीठ पर आना आम बात है, यह अक्सर जन्म के 2 से 4 सप्ताह के भीतर विकसित हो जाते हैं। हालांकि बच्चों के गाल, नाक, गर्दन, ठुडडी माथे और स्कैल्प पर भी यह लाल दाने दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर बच्चे के चेहरे पर छोटे-छोटे दानों या हानिरहित दानों को “मिलाया” कहते हैं जो कुछ हफ्तों में गायब हो जाते हैं, वहीं शिशुओं में मुंहासे की एक स्थिति जिसे गलत माना जाता है, उसे बेनिंग सेफेलिक पस्टुलोसिस (BCP) या नवजात सेफेलिक पस्टुलोसिस भी कहा जाता है। यह त्वचा पर यीस्ट की खराब प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है।

ऐसे करें मुँहासों की रोकथाम और देखभाल

मुँहासों से बचाव और उनकी देखभाल के लिए सबसे बेहतर उपाय है उन्हे देखना और इंतजार करना, अधिकतर मामले में शिशु मुंहासे अपने आप ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि यह ठीक नहीं होते तो इनकी देखभाल के लिए यह घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • सफाई: बच्चों को दिन में दो बार हल्के फेस वॉश से चेहरा को धोएं।
  • डाइट: संतुलित आहार, जिसमें फल, सब्जियाँ, और पर्याप्त पानी शामिल हो, मुँहासों को कम करने में मदद कर सकता है।
  • त्वचा उत्पादों का चयन: तेल मुक्त और नॉन-कॉमेडोजेनिक उत्पादों का उपयोग करें, मुंहासों का इलाज खुद से ओवर द काउंटर मुंहासों की दवा से करने की कोशिश करें।
  • दाग-ढाबों को न छेड़े: अक्सर दाग-धब्बों से निजात पाने के लिए लोग उन्हे दबाकर या फोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन बेहतर उपाय यह होगा की आप उन्हें बिना छेड़े या फोड़े अपने आप ठीक होने दें।
  • मेडिकल सलाह: यदि आपके बच्चे के चेहरे में मुँहासे ठीक नहीं हो रहे या बहुत ही गंभीर बने हुए है तो आप डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

आवश्यक दवाएं: शिशु मुंहासे यदि अधिक गंभीर होने लगते हैं तो आप शिशु चिकित्सक के माध्यम से निर्धारित दवाओं का उपयोग मुंहासों के इलाज हेतु कर सकते हैं। शिशु मुंहासों के लिए आमतौर पर उन्ही दवाओं से उपचार किया जा सकता है, जो किशोरों के मुंहासे के लिए किया जाता है, इनमे बेंजोइल पेरोक्साइड, सामयिक रेटिनॉइड, ओरल एरिथ्रोमाइसिन आदि दवाएं शामिल हैं। हालांकि इन दवाओं के उपयोग से पहले डॉक्टर का परामर्श लेना बेहद ही जरूरी होता है।

शिशु मुंहासे से निदान कैसे पाएं?

यदि आप अपने शिशु के बार-बार हो रहे मुंहासों से परेशान हैं या उनके लिए चिंतित हैं तो आप अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं, यदि वह आपके चिकित्सक शिशु मुंहासों के बारे में सुनिश्चित नही हैं तो वह आपको बाल रोग विशेषज्ञ त्वचा विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं। शिशुओं में मुँहासे सामान्यतः हल्की और अस्थायी समस्या होती है, जो कुछ हफ्तों में स्वतः ही ठीक हो जाती है। हालांकि, कभी-कभी यह मुँहासे एक गंभीर हार्मोनल समस्या का संकेत हो सकते हैं। जन्मजात एड्रेनल हाइपरप्लासिया (Congenital Adrenal Hyperplasia) एक ऐसी स्थिति है, जो शिशुओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है

प्रदाता (Provider) द्वारा निम्नलिखित तरीकों से स्थिति की जांच की जाती हैं:

  • रक्त परीक्षण: शिशु के हार्मोन स्तर की जांच करने के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण एड्रेनल ग्रंथियों के कार्य का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
  • अन्य लक्षणों का अवलोकन: प्रदाता शिशु के शरीर में अन्य हार्मोनल असंतुलन के संकेतों और लक्षणों की जांच करते हैं, जैसे कि असामान्य बाल विकास या वजन में कमी।

यदि टेस्ट से पता चलता है कि शिशु में हार्मोनल स्थिति है, तो माता-पिता को एक बाल चिकित्सा एंडोक्राइनोलॉजिस्ट (Pediatric Endocrinologist) से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। यह विशेषज्ञ बच्चों में हार्मोनल ग्रंथियों की कार्यप्रणाली में विशेषज्ञता रखता है और उचित उपचार योजना बना सकता है।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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