सोते समय शिशुओं को ज्यादा पसीना आने के हो सकते हैं कई कारण, जानें इससे बचाव के लिए आसान टिप्स

बच्चों को सोते समय पसीना आना सामान्य हो सकता है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। जानें इसके सामान्य और असामान्य कारण, बचाव के उपाय, और डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए। बच्चों की सेहत के लिए सतर्क रहें और सही जानकारी रखें।

Photo of author

By Nutan Bhatt

Published on

sote samay shishu ko paseena kyu aata hai

सोते समय शिशुओं को ज्यादा पसीना क्यों आता है: शिशुओं का शरीर वयस्कों की तुलना में अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए सोते समय उनमें पसीना आना आम बात हो सकती है। हालांकि, अगर यह समस्या बार-बार हो या सामान्य से अधिक हो, तो यह चिंता का विषय बन सकता है। शिशुओं को सोते समय पसीना आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे शरीर का तापमान नियंत्रित करने में कठिनाई, कमरे का अधिक गर्म होना, या मोटे और भारी कपड़ों का उपयोग। इसके अलावा, कुछ मामलों में यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है, जैसे हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना), संक्रमण, या हृदय से संबंधित समस्याएं।

सोते समय अत्यधिक पसीना आना न केवल शिशु की नींद को प्रभावित कर सकता है, बल्कि उन्हें असहज महसूस करा सकता है। इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शिशु के समग्र स्वास्थ्य और आराम के लिए महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम आपको शिशुओं में पसीना आने के मुख्य कारणों की जानकारी देंगे और इसके लिए कुछ आसान और प्रभावी बचाव के उपाय बताएंगे। इन उपायों को अपनाकर आप शिशु को बेहतर नींद और आरामदायक अनुभव दे सकते हैं। आइए, इस समस्या के समाधान (shishu ko sote samay paseena kyu aata hai) के तरीकों को विस्तार से समझें।

मुख्य बिंदु (Key Highlights)

विषयजानकारी
सामान्य कारणशारीरिक गतिविधि, कमरे का तापमान, कंबल, स्वेद ग्रंथि।
असामान्य कारणजन्मजात हृदय रोग, SIDS, हाइपरहाइड्रोसिस।
समाधानकमरे का तापमान नियंत्रित रखें, हल्के कपड़े पहनाएं, बच्चे को हाइड्रेट रखें।

क्या बच्चों को सोते समय पसीना आना सामान्य है?

नोएडा स्थित न्यू हॉस्पिटल के पीडियाट्रिशियन डॉक्टर विकास कुमार अग्रवाल के अनुसार, अधिकतर बच्चों को सोते समय पसीना आना सामान्य होता है। बच्चे बड़ों की तुलना में गहरी नींद में सोते हैं और उनकी स्वेद ग्रंथियां ज्यादा सक्रिय होती हैं। हालांकि, अत्यधिक पसीना आना कभी-कभी संक्रमण या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।

यदि पसीने के साथ अन्य लक्षण, जैसे कि सांस लेने में दिक्कत, सुस्ती, या त्वचा का पीला पड़ना दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बच्चों को सोते समय पसीना आने के सामान्य कारण

1. शारीरिक गतिविधि और गहरी नींद

बच्चे दिनभर बहुत अधिक शारीरिक गतिविधियां करते हैं। सोते समय उनकी मांसपेशियां आराम करती हैं, जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीना आता है।

2. कमरे का तापमान

यदि बच्चे का कमरा अधिक गर्म है या उसमें हवा का प्रवाह सही नहीं है, तो यह पसीना आने का सामान्य कारण हो सकता है।

3. कंबल का उपयोग

कई माता-पिता बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कंबल ओढ़ाकर सुलाते हैं। इससे शरीर का तापमान अधिक हो सकता है और पसीना आने लगता है।

4. स्वेद ग्रंथियों की स्थिति

बच्चों की स्वेद ग्रंथियां वयस्कों की तुलना में अधिक सक्रिय होती हैं। खासतौर पर उनके सिर के पास यह अधिक सक्रिय होती हैं, जिसके कारण सिर पर पसीना ज्यादा आता है।

क्या आपका बच्चा भी सोता है पेट के बल? क्या नवजात शिशु का पेट के बल सोना सुरक्षित है?

न्यू मॉम्स जाने नवजात शिशु की मालिश कैसे करें? इन सभी तेल की मालिश से होगा आपका बच्चा तंदुरुस्त

असामान्य कारण जिन पर ध्यान देना चाहिए

1. जन्मजात हृदय रोग

यदि बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है, तो उसे अत्यधिक पसीना आ सकता है। यह समस्या आमतौर पर तब दिखती है जब बच्चा भोजन करता है या खेलता है।

2. एसआईडीएस (Sudden Infant Death Syndrome)

एसआईडीएस के कारण बच्चों के शरीर का तापमान अचानक बढ़ सकता है, जिससे अधिक पसीना आता है।

3. हाइपरहाइड्रोसिस

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पसीने की ग्रंथियां अत्यधिक सक्रिय हो जाती हैं। यह स्थिति बच्चों में दुर्लभ है लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

बच्चों को सोते समय पसीना आने से बचाव के उपाय

1. कमरे का तापमान नियंत्रित करें

बच्चे के कमरे का तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रखें। यह तापमान न तो बहुत गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा।

2. हल्के कपड़े पहनाएं

बच्चों को सोते समय कॉटन के हल्के और ढीले कपड़े पहनाएं।

3. हाइड्रेटेड रखें

सोने से पहले बच्चे को पर्याप्त पानी पिलाएं, ताकि उनका शरीर ठंडा रहे।

4. कंबल का सीमित उपयोग

बहुत मोटे कंबल की जगह हल्की चादर का इस्तेमाल करें।

5. डॉक्टर से परामर्श करें

अगर पसीना आने के साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. क्या बच्चों को सोते समय पसीना आना सामान्य है?

हाँ, अधिकांश मामलों में यह सामान्य है। लेकिन यदि पसीना अत्यधिक हो और अन्य लक्षण भी दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लें।

2. बच्चों को किस प्रकार के कपड़े पहनाकर सुलाना चाहिए?

बच्चों को कॉटन के हल्के और आरामदायक कपड़े पहनाकर सुलाना चाहिए।

3. क्या कंबल का उपयोग करना सही है?

बहुत मोटे कंबल का उपयोग करने से बचें। हल्की चादर का उपयोग करें।

निष्कर्ष

बच्चों को सोते समय पसीना आना सामान्य और असामान्य दोनों हो सकता है। कमरे का तापमान, कपड़े, और बच्चे की गतिविधियों का ध्यान रखकर इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समस्या बनी रहती है या अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों का स्वास्थ्य माता-पिता की प्राथमिकता होनी चाहिए, और सही जानकारी और सतर्कता से आप उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं।

अगर आपको हर महीने की तरह इस महीने नहीं आये है पीरियड्स तो हो सकता है आप प्रेग्नेंट हो। यहाँ जाने प्रेगनेंसी के 10 लक्षण – Pregnancy ke lakshan kese jaane: नहीं आये पीरियड्स? इस तरह से पता लगाएं कि आप प्रेग्नेंट है या नहीं, जाने प्रेगनेंसी के ये 10 लक्षण

न्यू मॉम्स के लिए अपने बच्चे के साथ समय बिताना बहुत ही खास पल होता है ऐसे में हम अपने न्यू बोर्न बेबी की रोजाना आदतों को देखते रहते है लेकिन का आप जानते है बच्चा हर रोज कुछ न कुछ नया जरूर करता है जिसके बारे में आपको नहीं पता होता यहाँ जाने – नवजात शिशु से जुडी 10 आश्चर्यजानक बातें

Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

Leave a Comment