सभी पेरेंट्स को अपने नवजात शिशु की देखभाल को लेकर चिंता लगी रहती है। ऐसे में अगर आपका नवजात शिशु जन्म के बाद से ही कमजोर है या आपकी डिलीवरी समय से पहले होने की वजह से आपका नवजात प्रीमैच्योर पैदा हुआ है और उसका वजन बहुत ही कम है तो आपको उसके वजन को लेकर चिंता सताती है ऐसे में आज हम आपको अपने आर्टिकल में कमजोर शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं, शिशु का वजन बढ़ाने के लिए उसे क्या खिलाएं इसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे है।
आज के समय में अक्सर माता-पिता बच्चे के सही खान-पान को लेकर व उसके कम वजन को लेकर परेशान दिखाई देते है। ऐसे में किसी भी नवजात शिशु का कम वजन उसके शारीरिक विकास में रुकावट पैदा कर सकता है लेकिन इसमें पेरेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है। समय के साथ आप अपने बच्चे की सही देखभाल से उसका वजन बढ़ा भी सकते है।
जन्म के समय बच्चे का इतना वजन होना जरुरी
जिन बच्चों का जन्म के समय 2.5 से लेकर 3.5 तक का वजन (navjaat shishu ka vajan kese badhaye) होता है वह एक दम स्वस्थ और तंदुरस्त माने जाते है और जो भी नवजात शिशु समय से पहले जन्म ले लेता है उसे प्रीमैच्योर कहा जाता है जो कि कुछ दिनों तक अस्पताल में डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है।
नवजात शिशु का वजन बढ़ना है जरुरी
- जितने भी कम वजन के शिशु होते है या जो जल्दी पैदा होते है उनके फेफड़ों का सही से विकास नहीं होता जिससे उन्हें साँस लेने में दिक्कत होती है।
- नवजात शिशु का वजन कम है तो उनका शारीरिक विकास होने में समय लगता है और उन्हें कई सारी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
- एक शोध में पाया गया है कि जिन नवजात शिशु का वजन कम होता है और जो अत्यधिक कमजोर पैदा होते है उनकी अचानक मृत्यु का खतरा भी बना रहता है अगर शिशु की सही से देखरेख न हो तो दुनिया में 90% से ज्यादा बच्चे है जिनकी मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती है।
- कम वजन वाले शिशुओं को तरह-तरह की बिमारियों का संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
आयु के अनुसार नवजात शिशु का वजन कितना होना चाहिए?
नवजात शिशु का वजन जन्म के समय पर विभिन्न होता है, लेकिन आमतौर पर वजन का आधार निम्नलिखित टेबल में दिया गया है:
उम्र (दिन) | मिनिमम वजन (किलोग्राम) | अधिकतम वजन (किलोग्राम) |
0-7 दिन के नवजात शिशु का वजन | 2.5 | 4.5 |
7-30 दिन के नवजात शिशु का वजन | 3 | 4.5 |
1-2 महीना | 4 | 5.5 |
3-4 महीना | 6 | 7 |
5-6 महीना | 6 | 8 |
6 महीने | 7-9 | 6-8 |
1 साल | 8-11 | 7-10 |
2 साल | 10-14 | 9-13 |
3 साल | 12-17 | 11-16 |
4 साल | 14-20 | 13-19 |
5 साल | 16-23 | 15-22 |
6 साल | 18-25 | 17-24 |
7 साल | 20-28 | 19-27 |
8 साल | 22-32 | 21-31 |
9 साल | 24-36 | 23-35 |
10 साल | 27-40 | 25-38 |
0-5 महीने के नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के तरीके
आज में आपको नवजात शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं इससे जुड़े कुछ जरुरी जानकारी देने जा रही हूँ जिससे आपको आपके कमजोर शिशु का वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- सही तारीका से दूध पिलाना: अगर माँ के पास पर्याप्त दूध नहीं है, तो डॉक्टर द्वारा बताया गया शिशु का दूध या फॉर्मूला दूध आप उसे दे सकती है। बता देते है कि आपको अपने नवजात शिशु को दिन में हर 3 घंटे में 8 से 12 बार दूध पिलाना चाहिए
- सही बोतल फीडिंग: अगर आपका नवजात शिशु बोतल से ही दूध पीता है तो आप यह सुनिश्चित कर लें कि बोतल और निपल अच्छी कंपनी का हो जिससे बच्चा आसानी से दूध पी सके और उसे गैस की दिक्कत न हो। नवजात शिशु की गैस ठीक करने के तरीके- नवजात शिशु को गैस क्यों बनती है और इससे राहत कैसे पाएं
- रोजाना 2 टाइम करें बच्चे की मालिश : न्यू मॉम्स अपने नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के लिए उसे सही आहार के साथ उसकी मालिश करें। मालिश बच्चे को स्वस्थ बनाने के लिए एक बहुत ही अच्छा चयन है। यहाँ जाने मालिश करने का तरीका- न्यू मॉम्स जाने नवजात शिशु की मालिश कैसे करें? इन सभी तेल की मालिश से होगा आपका बच्चा तंदुरुस्त
- रूटीन चेकअप्स: नवजात शिशु का वजन नियमित अंतराल पर चेक किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी निर्माणात्मक समस्या का समय पर पता चल सके।
- बच्चे को रात में दूध अवश्य पिलाये : जो भी शिशु रात में 2 या 3 बार दूध पीता है उसका वजन अन्य बच्चों की तुलना में जल्दी बढ़ता है जो एक अच्छा संकेत भी है।
- अपने शिशु को दे समय: शिशु को वजन बढ़ाने के लिए माता-पिता को उनके साथ समय बिताना चाहिए उन्हें एक फ्रेंडली एनवायरनमेंट देना चाहिए। आप उसके साथ खेलें, उसके साथ समय बिताएं, और उसे प्यार और संवेदनशीलता से संतुष्ट रखें।
- स्वास्थ्य संरक्षण: अपने शिशु को अच्छे स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नियमित डॉक्टर की जांच, टीकाकरण, और स्वच्छता का पालन करें।
- संतुलित नींद: शिशु को प्रतिदिन पर्याप्त नींद मिलना चाहिए। यह भी उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
अगर आप यह जानना चाहते है कि बच्चे को मां का दूध मिल रहा है या नहीं तो हम आपको बता दें अगर आपका बचा समय-समय पर ब्रेस्टफीडिंग या फार्मूला फीडिंग करता है और 8 या 8 से अधिक बार पेशाब करता है तो आप इस बात से यह अंदाजा लगा सकते है आपका बच्चा स्वस्थ है और उसे पूरा पोषण मिल रहा है
अगर आप मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाना चाहते है या आपका कम ब्रेस्टमिल्क बनता है तो आप हमारे द्वारा दिए गए आर्टिकल के जरिये ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने की प्रकिया को पढ़ सकती है इसके लिए आप यहाँ क्लिक करें)
6 से 12 महीने के बच्चों का वजन कैसे बढ़ाएं?
अगर आपका बच्चा 6 से 12 महीने का है और उसका वजन नहीं बढ़ रहा तो आप दिए गए तरीकों को फॉलो करके बच्चे के वजन बढ़ाने में मदद कर सकती है।
- बच्चों के खाने में शामिल करें ये चीजे : अगर आपका बच्चा कमजोर दिखाई देता है और उसका वजन बहुत कम है तो आप उन्हें हरी सब्जियाँ, आलू, फल (एवाकाडो, केला), अनाज, दही, दूध, अंडे, डॉयफ्रुइट्स, फ्रूट जूस, पनीर और अन्य प्रोटीन की चीजे खिलाएं।
- समय समय पर खाना खिलाएं: छोटे बच्चे खाना खाने में बहुत ही आनाकानी करते है आप कोशिश करें कि वह नियमित समय पर खाना खाएं।
- अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं: चाहे माता हो या पिता दोनों को समय-समय पर अपने बच्चों के साथ खेलना व समय बिताना चाहिए। इससे उनका शारीरिक विकास और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा।
- पानी की पर्याप्त मात्रा: बच्चोँ को प्रतिदिन पर्याप्त पानी पिलाएं ताकि उनका हाइड्रेशन बना रहे।
कंगारू थेरैपी बढ़ाएगी कमजोर शिशु का वजन (Bache ka vajan kaise badhaye)
बता देते है कंगारू थेरेपी एक मानव विकास का तरीका है जो नवजात शिशुओं को उनके विकास में मदद करती है । इस थेरेपी का नाम इसलिए है क्योंकि इसमें नवजात शिशु को उसके माता-पिता की चेस्ट के निकट एक स्किन-टू-स्किन संपर्क में रखा जाता है, जैसा कि कंगारू अपने बच्चे को रखता है। यह थेरैपी आपके प्रीमेच्योर या नवजात शिशुओं को देखभाल करने का एक नेचुरल और बहुत ही प्रभावशाली तरीका है। यह थेरैपी आपके कमजोर बच्चे का वजन बढ़ाने व ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने में भी कारगार साबित हुई है।
कंगारू थेरेपी के कई फायदे हैं जिन्हें डॉक्टर और रिसर्चर्स ने प्रमाणित किया है। यहाँ जाने कंगारू थेरैपी के फायदे
- प्रीमेच्योर शिशुओं विकास में मदद: कंगारू थेरेपी नवजात शिशुओं को उनके माता-पिता के साथ स्किन-टू-स्किन संपर्क में रखता है, जिससे उनका विकास बढ़ता है।
- प्राकृतिक तरीके से तापमान को बनाए रखना: अगर आपका नवजात शिशु कमजोर है तो कंगारू थेरेपी की मदद से आप नवजात शिशु का तापमान स्थिर रख सकते है।
- कंगारू थेरैपी बढाती है ब्रेस्टमिल्क : कंगारू थेरेपी ब्रेस्टमिल्क को भी बढ़ावा देती है जब एक शिशु अपनी माँ से स्किन तो स्किन टच होता है तो इसका सिग्नल आपके दिमाग तक पहुँचता है जिससे ब्रेस्टमिल्क बढ़ने में मदद मिलती है।
- वजन में वृद्धि होना : अगर आपका नवजात शिशु कमजोर है तो आप अपने शिशु को कंगारू थेरैपी अवश्य दें इससे आपके न्यू बोर्न बेबी का वेट बढ़ेगा और उसका अच्छा डेवलपमेंट होगा।
अगर आप जल्द ही न्यू मोम बनने वाली है तो आप यह जरूर सोच रही होंगी कि कैसे आप गर्मियों में अपने नवजात शिशु की देखभाल कर सकती है। नवजात शिशु की देखभाल से जुडी जानकारी के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़े – गर्मियों में शिशु की देखभाल के लिए 5 जरूरी टिप्स
आपके नवजात शिशु से जुडी कई ऐसी बातें होती है जिसके बारे में आपको कोई नहीं बताता और अपने शिशु के साथ समय बिताने पर ही आपको उनकी इन आदतों के बारे में पता लगता है यहाँ जाने नवजात शिशु से जुडी बातें- नवजात शिशु से जुडी 10 आश्चर्यजनक तथ्य जो आपको नहीं पता होगी
मुझे उम्मीद है कि मैंने आपको कमजोर शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं से जुडी सभी जानकारी विस्तार से आपको बता दी होगी। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो और इसी तरह की जानकारी आप जानना चाहते है तो आप हमारी वेबसाइट पर विजिट जरूर करें।