स्तनपान के दौरान शिशु को पसीना क्यों आता है? जानें कारण और इलाज

क्या आपके बच्चे को दूध पीते समय भी पसीना आता है? जानिए क्या यह सामान्य है या छिपी हुई बीमारी का इशारा। यह लेख पढ़ें और खुद को बनाएं सतर्क और जागरूक मां या पिता!

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By Nutan Bhatt

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Why does a baby sweat during breastfeeding Know the reason and treatment

स्तनपान के दौरान शिशु को पसीना आना कई माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन सकता है। यह स्थिति सामान्य भी हो सकती है और कभी-कभी किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी देती है। मां-बाप को समझना ज़रूरी है कि पसीने की यह प्रक्रिया कब स्वाभाविक है और कब डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक हो जाता है।

शारीरिक मेहनत और वातावरण से जुड़ा पसीना

शिशु जब स्तनपान करता है तो उसके शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय होना पड़ता है, जिससे एनर्जी खर्च होती है और शरीर की गर्मी बढ़ती है। यह सामान्य थर्मोरेग्युलेशन प्रक्रिया के तहत आता है, जिससे शिशु को पसीना आता है। इसके अलावा, अगर कमरा गर्म है या बच्चे को ज़्यादा कपड़े पहनाए गए हैं, तो उसके शरीर में तापमान बढ़ जाता है और वह पसीना बहाने लगता है।

त्वचा से त्वचा संपर्क और बॉडी हीट का प्रभाव

मां और शिशु के बीच स्तनपान के दौरान त्वचा से त्वचा का संपर्क भी पसीना आने का कारण बन सकता है। दोनों की बॉडी हीट आपस में मिलने पर शिशु का तापमान बढ़ता है और पसीना निकलने लगता है। यह एक स्वाभाविक और सामान्य स्थिति है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं होती जब तक कि अन्य लक्षण न दिखाई दें।

कब चिंता का विषय बनता है पसीना?

हालांकि, यदि शिशु को स्तनपान करते समय अत्यधिक पसीना आता है, उसकी सांस फूलती है या चेहरा नीला पड़ता है, तो यह किसी हृदय संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में माता-पिता को सतर्क रहने और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है। कुछ दुर्लभ मेटाबोलिक विकार भी शिशु के पसीने को असामान्य बना सकते हैं, जो केवल चिकित्सा जांच से ही स्पष्ट हो सकता है।

पसीने से बचाव के लिए घरेलू देखभाल उपाय

शिशु को स्तनपान करते समय ठंडे, हवादार कमरे में रखें। उसे बहुत अधिक कपड़े पहनाने से बचें। सूती कपड़े और हल्का ओढ़ना शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद करता है। अगर शिशु बार-बार पसीने से भीग जाता है, तो उसे सूखे कपड़ों में बदलें और त्वचा को गीला न रहने दें, जिससे रैशेज़ या संक्रमण से बचा जा सके।

सिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार बताते हैं कि स्तनपान के दौरान शिशु को हल्का पसीना आना पूरी तरह सामान्य है। शिशु का शरीर तापमान नियंत्रित करने की प्रक्रिया में धीरे-धीरे सक्षम होता है। जब शिशु दूध पीते समय मां के शरीर से चिपक कर होता है, तो उस समय त्वचा से त्वचा का संपर्क और मेहनत करने से शरीर गर्म होता है और पसीना आना स्वाभाविक है।

पसीने के पीछे छिपे संभावित चिकित्सकीय कारण

डॉ. मीनाक्षी वर्मा, जो कि एक नवजात विशेषज्ञ हैं, कहती हैं कि अगर पसीना बहुत ज़्यादा आता है, विशेष रूप से शिशु का सिर भीग जाता है या साथ में सांस फूलती है, तो यह हृदय की समस्या का संकेत हो सकता है। वह कहती हैं, “कुछ नवजात बच्चों में जन्म से ही दिल की संरचना में दोष हो सकता है, जिसे हम Congenital Heart Defect कहते हैं। ऐसे मामलों में स्तनपान करते समय अत्यधिक पसीना एक संकेत हो सकता है।”

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न्यूट्रिशनिस्ट का दृष्टिकोण

पोषण विशेषज्ञ रचना मिश्रा मानती हैं कि शिशु की ऊर्जा खपत स्तनपान के समय बढ़ जाती है, जिससे शरीर में हल्की गर्मी और पसीना आना स्वाभाविक है। वे यह भी जोड़ती हैं कि गर्मियों में या यदि शिशु को अधिक कपड़े पहनाए गए हों, तो पसीने की मात्रा बढ़ सकती है, लेकिन माता-पिता को यह जरूर देखना चाहिए कि पसीना शिशु के सामान्य व्यवहार को प्रभावित कर रहा है या नहीं।

पेरेंटिंग एक्सपर्ट की सलाह

बाल विकास और परवरिश में विशेषज्ञ अंजलि भटनागर बताती हैं कि कई बार माताएं अधिक चिंता कर बैठती हैं जबकि पसीना आना केवल बाहरी तापमान और बच्चों की त्वचा की संवेदनशीलता का परिणाम होता है। वे सलाह देती हैं कि शिशु को हमेशा ढीले और सूती कपड़े पहनाएं और स्तनपान के दौरान उसकी स्थिति और सांसों पर नज़र रखें।

विशेषज्ञों की सामूहिक राय

सभी विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि स्तनपान के दौरान हल्का पसीना आना सामान्य है, लेकिन यदि यह अत्यधिक हो जाए या अन्य असामान्य लक्षणों जैसे तेज सांस, थकावट, दूध पीने में परेशानी या त्वचा में रंग बदलाव के साथ हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सही पर्यावरण, कपड़ों की समझदारी और शिशु की निगरानी से इस स्थिति को आसानी से संभाला जा सकता है।

(FAQs)

स्तनपान के दौरान शिशु को पसीना आना क्या सभी बच्चों में होता है?
हां, अधिकांश शिशुओं को थोड़ी मात्रा में पसीना आता है जो सामान्य होता है।

अगर पसीना बहुत अधिक आता है, तो क्या यह कार्डियक समस्या हो सकती है?
अगर शिशु के साथ सांस लेने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन या त्वचा में रंग परिवर्तन हो, तो यह हृदय संबंधी रोग का संकेत हो सकता है और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

क्या शिशु को ठंडा कमरा देना ठीक रहेगा?
हां, लेकिन अत्यधिक ठंड से भी बचना चाहिए। कमरे का तापमान सामान्य और आरामदायक बनाए रखें।

क्या स्तनपान करते समय पसीने की वजह से दूध पीना बंद कर देना चाहिए?
नहीं, जब तक शिशु स्वस्थ है और पसीना सामान्य है, तब तक स्तनपान जारी रखा जा सकता है।

क्या पसीना आने से शिशु को पानी देना जरूरी है?
छह महीने से छोटे शिशु को स्तनपान के अलावा पानी नहीं दिया जाना चाहिए। मां का दूध ही पर्याप्त है।

कई नवजात शिशु दूध पीने के बाद उल्टी कर देते है या दही जैसा फटा दूध निकालते है अगर आपका शिशु भी ऐसी करता है तो यहाँ जानिए फटा दूध निकालने का क्या कारण है- नवजात आखिर क्यों होती है दूध पीने के बाद उल्टी, बार बार फटा दूध निकालने के ये कारण हो सकते है

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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