
बच्चों का रोना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसके जरिए वे अपनी भावनाओं और आवश्यकताओं को व्यक्त करते हैं। कभी-कभी वे भूख, थकान या तकलीफ के कारण रोते हैं, तो कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के। ऐसे में माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी हो जाता है कि किस तरह से बच्चे को शांत किया जाए। यहां हम आपको ऐसे 5 असरदार तरीके बताएंगे, जिनसे आप अपने रोते हुए बच्चे को तुरंत चुप कर सकते हैं।
धीरे-धीरे झुलाएं और कोमलता से बात करें
यदि बच्चा लगातार रो रहा है, तो उसे हल्के हाथों से झुलाएं और प्यार से बात करें। यह उसे सुरक्षित और सुकूनभरा महसूस कराता है। बच्चे को झुलाने से उसकी नसें शांत होती हैं और वह खुद को सुरक्षित अनुभव करता है। यह तरीका न सिर्फ नवजात शिशुओं, बल्कि थोड़े बड़े बच्चों के लिए भी कारगर साबित होता है।
धीमा संगीत या लोरी सुनाएं
नवजात और छोटे बच्चे संगीत की धुनों पर जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं। धीमा संगीत, हल्की ध्वनियां या कोई प्यारी-सी लोरी सुनाने से बच्चा आराम महसूस करता है और उसकी बेचैनी कम होती है। वैज्ञानिक शोधों में भी पाया गया है कि बच्चों को कोमल आवाज़ों के माध्यम से शांत किया जा सकता है।
गोद में लें और प्यार से स्पर्श करें
माता-पिता का स्पर्श बच्चे के लिए सबसे बड़ा सुकून होता है। जब बच्चा रो रहा हो, तो उसे अपनी गोद में लेकर हल्के हाथों से थपथपाएं। यह उसे भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करता है और वह जल्द ही शांत हो जाता है। यह तरीका तब भी असरदार होता है जब बच्चा बिना किसी स्पष्ट कारण के रो रहा हो।
बच्चे से संवाद करें
कई बार बच्चा सिर्फ इसलिए रोता है क्योंकि वह अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता। ऐसे में उससे धीरे-धीरे बात करें, उसकी ओर देखकर मुस्कुराएं और इशारों में ही सही, लेकिन संवाद करने की कोशिश करें। यह उसे भरोसा दिलाता है कि आप उसकी भावनाओं को समझ रहे हैं।
ध्यान भटकाने से बचें, भावनाओं को समझें
अक्सर माता-पिता बच्चे को चुप कराने के लिए उसका ध्यान दूसरी चीज़ों की ओर लगाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, यह तरीका सही नहीं है। इसके बजाय, आपको उसके रोने के पीछे का कारण समझना चाहिए और उसे उस स्थिति से उबारने में मदद करनी चाहिए। जब बच्चा समझ जाएगा कि उसकी भावनाओं को मान्यता दी जा रही है, तो वह खुद शांत हो जाएगा।
डिलीवरी से पहले क्यों फट जाती है पानी की थैली? जानें, ऐसी स्थिति होने पर क्या करते हैं डॉक्टर्स
जन्म के कितने समय बाद करना चाहिए बच्चे का मुंडन? जानें डॉक्टर से
विशेषज्ञों की राय
बच्चों का रोना एक आम समस्या है, जिससे हर माता-पिता को जूझना पड़ता है। कई बार बच्चा भूख, थकान या तकलीफ की वजह से रोता है, लेकिन कुछ मौकों पर वह बिना किसी स्पष्ट कारण के भी रोने लगता है। इस स्थिति में माता-पिता परेशान हो जाते हैं और समझ नहीं पाते कि वे क्या करें। इस विषय पर हमने कुछ बाल विशेषज्ञों से बात की और उनकी राय के आधार पर 5 असरदार तरीके आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. बच्चे को गले लगाकर प्यार से थपकी दें
(डॉ. आर.के. अग्रवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ, एम्स दिल्ली)
डॉ. अग्रवाल के अनुसार, बच्चे को प्यार से गले लगाना और थपकी देना एक बेहद कारगर तरीका है। जब बच्चा माता-पिता के स्पर्श को महसूस करता है, तो उसे सुरक्षा का एहसास होता है, जिससे वह जल्दी शांत हो जाता है। स्पर्श चिकित्सा (टच थेरेपी) शिशु के न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट में भी सहायक होती है।
2. हल्की धुन गाएं या सफेद शोर (White Noise) चलाए
(डॉ. अनीता गुप्ता, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस हॉस्पिटल)
डॉ. अनीता गुप्ता बताती हैं कि कई शोधों में यह पाया गया है कि सफेद शोर (जैसे वैक्यूम क्लीनर, हेयर ड्रायर या धीमी बारिश की आवाज़) नवजात शिशुओं को शांत करने में मदद कर सकता है। इसी तरह, माँ की मीठी लोरी या हल्की धुनें भी बच्चे को सहजता का अनुभव कराती हैं और रोना कम कर देती हैं।
3. ध्यान भटकाने की तकनीक अपनाएं
(डॉ. संजय मिश्रा, बाल विकास विशेषज्ञ, अपोलो हॉस्पिटल)
डॉ. मिश्रा के अनुसार, जब बच्चा रो रहा हो, तो उसका ध्यान किसी और चीज़ की ओर मोड़ने की कोशिश करें। चमकीले रंगों वाले खिलौने, कार्टून, शीशे में उसकी खुद की परछाई, या हल्के-हल्के आवाज़ निकालकर उसका ध्यान बंटाना एक प्रभावी तरीका है। इससे बच्चा रोना भूल सकता है और धीरे-धीरे शांत हो जाता है।
FAQs
1. यदि बच्चा बिना किसी कारण के रोता रहे तो क्या करें?
अगर बच्चा लगातार रो रहा है और कोई स्पष्ट कारण समझ नहीं आ रहा, तो उसे गोद में लेकर प्यार से थपथपाएं और शांत करने की कोशिश करें। यदि यह भी काम न करे, तो चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी हो सकता है।
2. क्या बच्चा भूख लगने पर ही रोता है?
नहीं, बच्चे कई कारणों से रो सकते हैं, जैसे कि थकान, असहजता, गीली नैपी, गैस या माता-पिता का ध्यान आकर्षित करने के लिए।
3. क्या बच्चे को ज्यादा गोद में लेने से वह बिगड़ सकता है?
नहीं, नवजात और छोटे बच्चों को गोद में लेना उन्हें सुरक्षा का एहसास कराता है। यह उनके मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए जरूरी है।
4. क्या हर बार रोने पर बच्चे को दूध पिलाना चाहिए?
हर बार रोने का कारण भूख नहीं होती। पहले रोने का कारण समझें और फिर जरूरत के हिसाब से दूध पिलाएं।