Right method to mix formula milk for baby: बच्चे का फार्मूला मिल्क बनाते वक्त ये छोटी सी गलती बिगाड़ देती है सेहत, जानें सही तरीका

फार्मूला मिल्क बनाते समय स्वच्छता, सही तापमान, और उचित मिश्रण विधि का पालन करना शिशु की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। इन सावधानियों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चे को सुरक्षित और पौष्टिक दूध प्रदान कर सकते हैं।​

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By Nutan Bhatt

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Right method to mix formula milk for baby: बच्चे के लिए फार्मूला मिल्क तैयार करना जितना आसान लगता है, उतना ही यह संवेदनशील प्रक्रिया भी है। कई बार माता-पिता जाने-अनजाने छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं, जिससे दूध का पोषण कम हो जाता है और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। गलत अनुपात में पानी और पाउडर मिलाना, साफ-सफाई का ध्यान न रखना या ज्यादा देर तक तैयार दूध को रखने जैसी आदतें बच्चे के पाचन तंत्र और इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकती हैं। नवजात शिशु का शरीर बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए हर माता-पिता को यह समझना जरूरी है कि फार्मूला मिल्क कैसे सही तरीके से तैयार किया जाए।

इस लेख में हम आपको फार्मूला मिल्क बनाने का सही तरीका और उससे जुड़ी सामान्य गलतियों से बचने के उपाय बताएंगे (bacho ke liye formula milk banane ke sahi tarika ), ताकि आपका बच्चा स्वस्थ और मजबूत बना रहे।

फार्मूला मिल्क बनाने का सही तरीका:

  1. साफ-सफाई का ध्यान रखें: दूध बनाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन और पानी से धोएं। बोतल, निप्पल और अन्य उपकरणों को उबलते पानी में कम से कम 5 मिनट तक स्टेरलाइज करें। यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी जीवाणु शिशु के दूध में न पहुंचे।
  2. पानी का चयन और उबालना: फार्मूला मिल्क बनाने के लिए ताजे नल के पानी का उपयोग करें। पानी को तब तक उबालें जब तक उसमें बुलबुले न उठने लगें, और फिर उसे लगभग 30 मिनट तक ठंडा होने दें, ताकि उसका तापमान लगभग 70 डिग्री सेल्सियस हो जाए। यह तापमान फार्मूला पाउडर में मौजूद संभावित जीवाणुओं को मारने के लिए पर्याप्त है। ​
  3. निर्देशों का पालन करें: फार्मूला पाउडर के पैकेट पर दिए गए निर्देशों के अनुसार सही मात्रा में पाउडर और पानी मिलाएं। अधिक या कम पाउडर मिलाने से शिशु की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।​
  4. धीरे-धीरे मिलाएं: पाउडर और पानी को मिलाने के बाद बोतल को धीरे-धीरे हिलाएं। बोतल को जोर से शेक करने से उसमें एयर बबल्स बन सकते हैं, जो शिशु के पेट में गैस का कारण बन सकते हैं।
  5. दूध का तापमान जांचें: दूध पिलाने से पहले उसकी कुछ बूंदें अपनी कलाई के अंदरूनी हिस्से पर डालकर तापमान जांचें। दूध हल्का गर्म होना चाहिए, बहुत ज्यादा गर्म नहीं।​

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सावधानियां:

  • बचे हुए दूध का निपटान: शिशु द्वारा छोड़े गए दूध को एक घंटे के भीतर फेंक दें। इसे दोबारा उपयोग में न लाएं, क्योंकि इसमें जीवाणु तेजी से बढ़ सकते हैं
  • माइक्रोवेव का उपयोग न करें: फार्मूला मिल्क को गर्म करने के लिए माइक्रोवेव का उपयोग न करें, क्योंकि यह दूध को असमान रूप से गर्म कर सकता है, जिससे शिशु के मुंह में जलन हो सकती है।​
  • बोतलबंद पानी से बचें: फार्मूला मिल्क बनाने के लिए बोतलबंद पानी का उपयोग न करें, क्योंकि इसमें सोडियम या सल्फेट की मात्रा अधिक हो सकती है। ताजे नल के पानी को उबालकर ही उपयोग करें। ​

निष्कर्ष:

शिशु के लिए फार्मूला मिल्क तैयार करते समय स्वच्छता और सही विधि का पालन अत्यंत आवश्यक है। सही तरीके से बनाया गया दूध शिशु के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है और उसे आवश्यक पोषण प्रदान करता है।​

Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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