Normal delivery benefits: मां को ही नहीं शिशु को भी मिलते हैं नॉर्मल डिलीवरी के फायदे

क्या आप जानते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी सिर्फ मां ही नहीं, बल्कि शिशु के लिए भी फायदेमंद होती है? तेजी से रिकवरी, इम्यूनिटी बूस्ट और बेहतर स्वास्थ्य जैसे अद्भुत लाभ जो हर पैरेंट को जानने चाहिए! पढ़ें पूरी जानकारी और समझें क्यों नॉर्मल डिलीवरी एक वरदान है।

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By Nutan Bhatt

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मां को ही नहीं शिशु को भी मिलते हैं नॉर्मल डिलीवरी के फायदे

Normal delivery benefits: नॉर्मल डिलीवरी-Normal Delivery एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। यह न केवल प्रसव के दौरान कम जटिलताएं उत्पन्न करती है, बल्कि मां को तेजी से रिकवरी करने में भी मदद करती है। आज के दौर में, जहां सी-सेक्शन-C-section का चलन बढ़ रहा है, नॉर्मल डिलीवरी के फायदों को समझना और इसे प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी हो गया है।

मां के लिए नॉर्मल डिलीवरी के फायदे

नॉर्मल डिलीवरी के बाद मां जल्दी रिकवर कर सकती है। इसमें कोई बड़ी सर्जरी नहीं होती, जिससे इंफेक्शन या ब्लड लॉस का खतरा कम हो जाता है। यह प्रक्रिया शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखती है और हार्मोनल बैलेंस भी सामान्य रहता है, जिससे मां को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बने रहने में मदद मिलती है।

एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद मां जल्दी से स्तनपान-Breastfeeding शुरू कर सकती है। इससे शिशु को आवश्यक पोषण मिलता है और उसका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा, मां के शरीर में जल्दी से ऊर्जा वापस आने लगती है, जिससे वह अपने शिशु की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकती है।

शिशु के लिए नॉर्मल डिलीवरी के फायदे

शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी नॉर्मल डिलीवरी फायदेमंद होती है। जन्म के दौरान जब शिशु बर्थ कैनाल से गुजरता है, तो उसके फेफड़ों से अतिरिक्त द्रव बाहर निकल जाता है, जिससे उसे श्वसन संबंधी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। यह प्रक्रिया शिशु को प्राकृतिक रूप से सांस लेने के लिए तैयार करती है, जिससे उसके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

इसके अलावा, नॉर्मल डिलीवरी के दौरान शिशु को मां के बैक्टीरिया मिलते हैं, जो उसकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। यह बैक्टीरिया उसे एलर्जी, अस्थमा और अन्य संक्रमणों से बचाने में मदद करते हैं। शोध बताते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी से जन्मे बच्चों में मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

सी-सेक्श बनाम नॉर्मल डिलीवरी

हालांकि, कुछ मामलों में सी-सेक्शन जरूरी हो सकता है, लेकिन यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें मां को ज्यादा रिकवरी टाइम लगता है। नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले सी-सेक्शन में जटिलताओं का खतरा ज्यादा होता है। इसमें मां को अधिक दर्द हो सकता है और भविष्य में किसी भी गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयारी कैसे करें?

यदि आप नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है। योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज से डिलीवरी के दौरान दर्द सहन करने की क्षमता बढ़ती है। मानसिक रूप से तैयार रहना और सही समय पर सही निर्णय लेना भी नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ा सकता है।

विशेषज्ञों की राय

1. नॉर्मल डिलीवरी से मां को तेजी से रिकवरी मिलती है

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि शर्मा के अनुसार, “नॉर्मल डिलीवरी से मां को जल्दी रिकवरी मिलती है। इसमें सर्जरी नहीं होती, जिससे इंफेक्शन और अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा कम रहता है। इसके अलावा, मां जल्दी से अपने सामान्य जीवन में लौट सकती है और शिशु की देखभाल अच्छे से कर पाती है।”

2. शिशु के फेफड़ों के विकास में मददगार

नवजात विशेषज्ञ डॉ. अमित अग्रवाल का कहना है, “नॉर्मल डिलीवरी के दौरान जब शिशु बर्थ कैनाल से गुजरता है, तो उसके फेफड़ों में मौजूद अतिरिक्त द्रव बाहर निकल जाता है। इससे श्वसन संबंधी समस्याओं की संभावना कम हो जाती है। यह प्रक्रिया शिशु के लिए प्राकृतिक रूप से सांस लेने की क्षमता को बढ़ाती है और उसे भविष्य में होने वाले अस्थमा जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करती है।”

3. शिशु की इम्यूनिटी को मजबूत करता है

पीडियाट्रिशियन (बाल रोग विशेषज्ञ) डॉ. संजय गुप्ता बताते हैं, “प्राकृतिक प्रसव के दौरान शिशु को मां से आवश्यक बैक्टीरिया मिलते हैं, जो उसके माइक्रोबायोम को विकसित करने में मदद करते हैं। ये बैक्टीरिया शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं, जिससे वह एलर्जी, संक्रमण और अन्य बीमारियों से बचा रहता है।”

4. शिशु के न्यूरोलॉजिकल विकास में सहायक

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रिद्धिमा वर्मा कहती हैं, “शोध से पता चलता है कि नॉर्मल डिलीवरी से जन्म लेने वाले बच्चों का न्यूरोलॉजिकल विकास बेहतर होता है। यह बच्चे की ब्रेन फंक्शनिंग और न्यूरल कनेक्शन को मजबूत करता है, जिससे वह आगे चलकर बेहतर मानसिक क्षमताओं का प्रदर्शन करता है।”

5. सी-सेक्शन के मुकाबले कम जटिलताएं

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा जैन कहती हैं, “सी-सेक्शन के बाद मां को अधिक देखभाल और आराम की जरूरत होती है, क्योंकि यह एक बड़ी सर्जरी होती है। वहीं, नॉर्मल डिलीवरी में मां जल्दी स्वस्थ हो जाती है और उसका हार्मोनल बैलेंस भी जल्दी सामान्य हो जाता है। यह मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है।

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FAQs

1. नॉर्मल डिलीवरी के लिए कौन से व्यायाम फायदेमंद हैं?
गर्भावस्था में की जाने वाली हल्की स्ट्रेचिंग, वॉकिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज नॉर्मल डिलीवरी में मदद कर सकती हैं।

2. नॉर्मल डिलीवरी से होने वाले दर्द को कैसे कम किया जा सकता है?
योग, प्रेग्नेंसी मसाज और ब्रीदिंग तकनीक से प्रसव के दौरान दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है।

3. क्या हर महिला के लिए नॉर्मल डिलीवरी संभव है?
अधिकांश महिलाओं के लिए नॉर्मल डिलीवरी संभव होती है, लेकिन कुछ चिकित्सीय स्थितियों में डॉक्टर सी-सेक्शन की सलाह दे सकते हैं।

4. क्या नॉर्मल डिलीवरी के बाद मां को कोई विशेष देखभाल की जरूरत होती है?
हां, शरीर को रिकवर करने के लिए पर्याप्त आराम, पोषण युक्त आहार और हल्के व्यायाम की जरूरत होती है।

नॉर्मल डिलीवरी मां और शिशु दोनों के लिए कई फायदे प्रदान करती है। यह न केवल प्राकृतिक और सुरक्षित प्रक्रिया है, बल्कि इससे मां जल्दी स्वस्थ हो सकती है और शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में सी-सेक्शन आवश्यक हो सकता है, लेकिन जहां तक संभव हो, नॉर्मल डिलीवरी को प्राथमिकता देना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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