Parenting Tips: दिन-रात किताबों के सामने बैठे रहने पर भी बच्चों को चीजें नहीं रहती याद? अपनाएं ये तरीके

क्या आपका बच्चा दिन-रात पढ़ाई करता है लेकिन चीजें याद नहीं रख पाता? इसके पीछे गलत पढ़ाई तकनीक हो सकती है। विजुअल लर्निंग, एक्टिव रीकॉल, स्टोरीटेलिंग और सही ब्रेक लेने जैसी रणनीतियां अपनाकर उसकी मेमोरी तेज की जा सकती है।

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By Nutan Bhatt

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Ghanto padhne ke baad bhi sab bhul jate hai bacche to apnae ye tips

Parenting Tips: बच्चे जब दिन-रात किताबों में सिर खपाते हैं, फिर भी चीजें उन्हें याद नहीं रहतीं, तो माता-पिता के लिए चिंता होना स्वाभाविक है। आजकल के कॉम्पिटिटिव माहौल में केवल पढ़ाई का समय बढ़ाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सही टेक्निक्स अपनाना भी जरूरी है। अगर आपका बच्चा भी घंटों पढ़ने के बावजूद चीजें भूल जाता है, तो कुछ विशेष रणनीतियों को अपनाकर उसकी मेमोरी को तेज किया जा सकता है।

बच्चों की मेमोरी बढ़ाने के लिए अपनाएं ये असरदार तरीके

1. विज़ुअल लर्निंग का उपयोग करें

Visual learning

शोध बताते हैं कि दिमाग तस्वीरों को शब्दों से ज्यादा जल्दी पकड़ता है। अगर बच्चे किसी टॉपिक को याद नहीं कर पा रहे, तो उन्हें डायग्राम, चार्ट्स, माइंड मैप्स और फ्लोचार्ट्स का सहारा लेने के लिए कहें। इससे जटिल विषय भी आसानी से याद रहेंगे।

2. एक्टिव रीकॉल टेक्निक अपनाएं

bacche ko tej kaise banaye jane

सिर्फ पढ़ने से चीजें दिमाग में दर्ज नहीं होतीं, बल्कि समय-समय पर रिविजन करना जरूरी है। एक्टिव रीकॉल टेक्निक के जरिए बच्चे पढ़े हुए विषय को खुद से दोहराते हैं, जिससे उनकी मेमोरी मजबूत होती है।

3. सीखने के लिए मल्टीसेंसरी अप्रोच अपनाएं

new skills

बच्चे सिर्फ पढ़कर ही नहीं, बल्कि देखकर, सुनकर और लिखकर भी सीख सकते हैं। यदि कोई बच्चा मैथ्स या साइंस के कॉन्सेप्ट्स याद नहीं रख पा रहा, तो उसे लिखकर प्रैक्टिस करने के लिए प्रेरित करें। ऑडियो लेक्चर्स, वीडियो ट्यूटोरियल्स और फ्लैशकार्ड्स जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग भी असरदार होता है।

4. पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेना जरूरी है

bacche ka dimag kaise tej karen

लगातार पढ़ाई करने से दिमाग जल्दी थक जाता है, जिससे चीजें याद रखना मुश्किल हो जाता है। पॉमोडोरो टेक्निक अपनाकर बच्चे 25-30 मिनट की पढ़ाई के बाद 5-10 मिनट का ब्रेक ले सकते हैं। इससे दिमाग को आराम मिलता है और सीखने की क्षमता बढ़ती है।

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5. स्टोरीटेलिंग और एसोसिएशन मेथड का इस्तेमाल करें

3 saal ke bacche ko bolna sikhaye

बच्चों को रटने के बजाय कहानियों या एसोसिएशन मेथड से पढ़ाना ज्यादा फायदेमंद होता है। उदाहरण के लिए, Periodic Table को याद करने के लिए अलग-अलग एलिमेंट्स को कहानी के रूप में जोड़कर याद करवाएं। इससे याददाश्त तेज होती है।

6. पर्याप्त नींद और सही डाइट का रखें ध्यान

bacche ka dimag tej karne ke jaruri tips

बच्चे अगर पर्याप्त नींद नहीं लेंगे, तो उनकी मेमोरी कमजोर हो सकती है। न्यूरोलॉजिस्ट्स के अनुसार, कम से कम 8 घंटे की नींद बच्चों के ब्रेन फंक्शन के लिए जरूरी होती है। इसके अलावा, ब्रेन फूड जैसे अखरोट, बादाम, डार्क चॉकलेट और ग्रीन वेजिटेबल्स उनके मानसिक विकास में मदद करते हैं।

7. पढ़ाई को मज़ेदार बनाएं

Baccho ka dimag tej kaise banaye

बच्चों के लिए पढ़ाई को बोरिंग बनाने के बजाय, इसे मजेदार गेम्स और क्विज़ के जरिए इंटरेक्टिव बनाया जा सकता है। गमिफिकेशन टेक्निक का इस्तेमाल कर बच्चों को ग्रुप स्टडी और ऑनलाइन क्विज़ में शामिल करें, जिससे वे पढ़ाई को एंजॉय कर सकें।

विशेषज्ञों की राय क्यों भूल जाते हैं बच्चे पढ़ी हुई चीजें?

1. ब्रेन साइंस (पढ़ाई और याददाश्त का संबंध)

न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. संदीप शर्मा के अनुसार, दिमाग की संरचना कुछ इस तरह होती है कि हम वही चीजें याद रखते हैं, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण लगती हैं। अगर बच्चों को विषयों से कनेक्शन नहीं महसूस होता या पढ़ाई उबाऊ लगती है, तो वे उसे जल्दी भूल जाते हैं। इसके लिए विजुअल लर्निंग और इंटरएक्टिव मेथड्स का सहारा लेना फायदेमंद हो सकता है।

2. गलत पढ़ाई तकनीक से होती है परेशानी

शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. रचना मेहरा का कहना है कि केवल रटने (Rote Learning) से चीजें लंबे समय तक याद नहीं रहतीं। बच्चे जब सिर्फ पढ़ते जाते हैं और खुद से दोहराते नहीं हैं, तो ब्रेन उन्हें महत्वपूर्ण नहीं मानता और भूल जाता है। “रीट्रीवल प्रैक्टिस और एक्टिव रीकॉल टेक्निक्स बच्चों की याददाश्त बढ़ाने में मदद करती हैं।”

3. ब्रेक और नींद की कमी से याददाश्त पर असर

डॉ. राहुल वर्मा, न्यूरोलॉजिस्ट, बताते हैं कि बिना ब्रेक लिए लगातार पढ़ाई करने से दिमाग जल्दी थक जाता है और जानकारी को स्टोर नहीं कर पाता। इसके अलावा, नींद का सीधा असर मेमोरी पर पड़ता है। उनका कहना है, “एक्सपेरिमेंट्स से साबित हुआ है कि जो बच्चे 8 घंटे की पूरी नींद लेते हैं, उनकी याददाश्त उन बच्चों से बेहतर होती है जो देर रात तक पढ़ाई करते हैं।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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