
नवजात शिशु की आंखों से पानी क्यों आता है: नवजात शिशुओं की देखभाल करना माता-पिता के लिए एक जिम्मेदारी और चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। शिशुओं का शरीर बेहद कोमल और संवेदनशील होता है, जो उन्हें विभिन्न संक्रमणों और स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। इनमें से एक आम समस्या है शिशुओं की आंखों से पानी आना। कई माता-पिता इस समस्या को लेकर चिंतित हो जाते हैं, क्योंकि यह समझना मुश्किल होता है कि यह सामान्य स्थिति है या किसी गंभीर समस्या का संकेत।
आंखों से पानी निकलना आमतौर पर संक्रमण, टीयर डक्ट के ब्लॉक होने, या आंखों में एलर्जी का संकेत हो सकता है। हालांकि, यह समस्या सामान्य मानी जाती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। शिशुओं की आंखों का स्वास्थ्य उनके समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या जटिल हो सकती है और सर्जरी की आवश्यकता भी हो सकती है। इस लेख में, हम इस समस्या के संभावित कारणों, लक्षणों और समाधान के साथ-साथ उन स्थितियों की भी चर्चा करेंगे, जब डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक हो जाता है। इसके अलावा, शिशुओं के आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक सावधानियों को भी समझेंगे।
शिशुओं की आंखों से पानी आने के कारण (Eye discharge in newborn is normal or not)
1. टीयर डक्ट ब्लॉकेज
नवजात शिशुओं में आंखों से पानी आने का सबसे सामान्य (navjaat shishu ki ankho se pani kyu aata hai) कारण टीयर डक्ट का ब्लॉक होना है। 5 में से 1 शिशु में टीयर डक्ट पूरी तरह से विकसित नहीं होती, जिसके कारण आंखों से पानी और म्यूकस निकलता है। कुछ शिशुओं में यह समस्या एक आंख तक सीमित होती है, जबकि अन्य में दोनों आंखें प्रभावित हो सकती हैं।
समाधान:
टीयर डक्ट ब्लॉकेज आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाती है। आप शिशु की आंखों के आसपास साफ और गुनगुने पानी से हल्की सफाई कर सकते हैं। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर मालिश या सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
2. बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण
शिशुओं की आंखों से पानी निकलने का दूसरा आम कारण संक्रमण हो सकता है। बैक्टीरिया या वायरस के कारण शिशु की आंखें लाल हो (shishu ki annkho se keechad aana) सकती हैं, उनमें खुजली हो सकती है और सूजन भी हो सकती है।
लक्षण:
- आंखों में पस बनना
- लालिमा और सूजन
- शिशु का आंखों को बार-बार रगड़ना
समाधान:
संक्रमण के संकेत मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एंटीबायोटिक ड्रॉप्स या क्रीम का उपयोग करें।
3. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)
कंजक्टिवाइटिस, जिसे आम भाषा में आंख आना कहा जाता है, शिशुओं में एक सामान्य समस्या है। यह तब होता है जब आंख की सतह को ढकने वाली पतली परत सूज जाती है।
लक्षण:
- आंखों में लालिमा
- चिपचिपा पानी या म्यूकस का निकलना
- सुबह आंखें चिपकी होना
समाधान:
कंजक्टिवाइटिस को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह से सही दवा का उपयोग करें। इस दौरान शिशु की आंखों को साफ और संक्रमण मुक्त रखना बेहद जरूरी है।
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डॉक्टर से कब संपर्क करें?
नवजात शिशु की आंख से पानी क्यों निकलता है (Causes of eye discharge in newborn)) अगर आप इस बात से परेशान है तो आपको बता दें कि शिशु की आंखों से पानी आना सामान्य है, लेकिन निम्न स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है:
- यदि शिशु को तेज बुखार है।
- यदि शिशु की आंखें पूरी तरह से बंद हो रही हैं या वह कुछ भी नहीं देख पा रहा है।
- आंखों से अत्यधिक पानी या पस निकल रहा हो।
- यदि संक्रमण के अन्य लक्षण, जैसे आंखों की गंभीर लालिमा और सूजन हो।
- यदि टीयर डक्ट ब्लॉकेज लंबे समय तक बना रहे।
सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?
टीयर डक्ट ब्लॉकेज की समस्या अधिकांश मामलों में 12 से 15 महीनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाती है। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। सर्जरी केवल उन्हीं मामलों में की जाती है, जब अन्य सभी उपाय असफल हो जाएं।
शिशुओं की आंखों के स्वास्थ्य के लिए सुझाव
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: शिशु की आंखों को गुनगुने पानी और साफ कपड़े से नियमित रूप से साफ करें।
- संक्रमण से बचाव: यदि किसी अन्य व्यक्ति को आंखों का संक्रमण है, तो शिशु को उससे दूर रखें।
- नाखून छोटे रखें: शिशु के नाखून छोटे रखें ताकि वह अपनी आंखों को खरोंच न सके।
- मालिश: डॉक्टर के निर्देशानुसार आंखों के आसपास हल्की मालिश करें, जिससे टीयर डक्ट खुलने में मदद मिले।
- स्वास्थ्यकर वातावरण: शिशु के आसपास का वातावरण साफ-सुथरा और धूल-मुक्त रखें।
निष्कर्ष
नवजात शिशुओं की आंखों से पानी आना एक आम समस्या है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। सही समय पर ध्यान देने और उचित इलाज से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। माता-पिता को शिशु की आंखों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।