
2 साल तक के बच्चों को क्या खिलाएं और क्या नहीं: बच्चों के पहले दो साल उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान बच्चों को सही और संतुलित आहार देना उनकी सेहत के लिए आवश्यक है। माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी है कि इस उम्र में बच्चों को कौन-कौन से खाद्य पदार्थ देने चाहिए और किनसे बचना चाहिए। सही पोषण बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ उनके मस्तिष्क और शारीरिक विकास में मदद करता है।
डायटीशियन के अनुसार, इस उम्र में बच्चों को प्राकृतिक और ताजे खाद्य पदार्थ देने चाहिए, जो उनके पाचन तंत्र के लिए भी अनुकूल हों। मां का दूध, फलों की प्यूरी, दाल का पानी, और नरम अनाज जैसे खाद्य पदार्थ (2 saal ke bacho ko kya khilaye or kya nahi) बच्चे की पोषण जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं।
मुख्य बिंदु (Key Highlights)
उम्र | क्या खिलाएं | क्या न खिलाएं |
---|---|---|
6-12 महीने | मां का दूध, दलिया, मसला हुआ फल, हल्की दाल का पानी। | शहद, नमक, चीनी, प्रोसेस्ड फूड। |
12-18 महीने | उबली सब्जियां, चावल, दाल, दही, नरम रोटी। | ज्यादा तला-भुना और मसालेदार भोजन। |
18-24 महीने | फलों के टुकड़े, सूखे मेवे, दूध, घी, घर का बना खाना। | जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, अधिक मिठाई। |
6-12 महीने के बच्चों के लिए आहार
1. मां का दूध
पहले 6 महीने तक मां का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण आहार होता है। इसमें बच्चे के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व होते हैं।
2. दलिया और हल्की दाल का पानी
6 महीने के बाद बच्चे को दलिया और हल्की दाल का पानी देना शुरू करें। यह पचने में आसान और पोषण से भरपूर होता है।
3. फलों की प्यूरी
मसले हुए केले, सेब या नाशपाती की प्यूरी शिशुओं के लिए आदर्श है। फलों में मौजूद नैचुरल शुगर और फाइबर बच्चे की ऊर्जा बढ़ाते हैं।
12-18 महीने के बच्चों के लिए आहार
1. उबली सब्जियां
गाजर, आलू, और ब्रोकली जैसी सब्जियों को उबालकर हल्के मसालों के साथ दें।

2. चावल और दाल
नरम चावल और हल्की दाल का मिश्रण बच्चों के पाचन के लिए उपयुक्त है।
3. दही और पनीर
दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों के लिए फायदेमंद हैं।
18-24 महीने के बच्चों के लिए आहार
1. फलों के टुकड़े
इस उम्र में बच्चे को छोटे-छोटे फलों के टुकड़े खाने की आदत डालें।
2. सूखे मेवे
बादाम, काजू और किशमिश जैसे सूखे मेवे बच्चों की ऊर्जा और पोषण बढ़ाते हैं।
3. घर का बना खाना
घर पर बना हल्का मसालेदार खाना, जैसे कि खिचड़ी, उपमा या इडली, बच्चों के लिए आदर्श है।
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किन खाद्य पदार्थों से बचें?
- शहद: शहद में बोटुलिज़्म का खतरा होता है, जो शिशु के लिए घातक हो सकता है।
- नमक और चीनी: अत्यधिक नमक और चीनी से बच्चों के गुर्दे पर असर पड़ सकता है।
- प्रोसेस्ड फूड: इनमें अतिरिक्त सोडियम और प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो बच्चों के लिए नुकसानदायक हैं।
- जंक फूड: बर्गर, पिज्जा और चिप्स जैसे फूड्स से बचना चाहिए।
बच्चों के लिए संतुलित डाइट चार्ट
सुबह का नाश्ता
- केला और दूध।
- ओटमील या दलिया।
दोपहर का भोजन
- चावल, दाल, और उबली सब्जियां।
- दही या छाछ।
शाम का स्नैक
- फलों का सलाद।
- सूखे मेवे।
रात का खाना
- खिचड़ी या नरम रोटी सब्जी।
- गुनगुना दूध।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. क्या 6 महीने से पहले ठोस आहार देना सही है?
नहीं, शिशु को 6 महीने तक केवल मां का दूध देना चाहिए।
2. क्या मैं अपने बच्चे को जूस दे सकता/सकती हूं?
ताजे फलों का रस दिया जा सकता है, लेकिन इसे पानी के साथ पतला करें।
3. बच्चे को शहद कब देना चाहिए?
शहद एक साल की उम्र के बाद ही देना चाहिए।
निष्कर्ष
2 साल तक के बच्चों की डाइट उनकी सेहत और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही आहार और पोषण से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को प्राकृतिक और ताजे खाद्य पदार्थ दिए जाएं और प्रोसेस्ड या जंक फूड से बचाया जाए।