बच्चों के लिए स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) सबसे स्वाभाविक और पोषक रूप है, लेकिन कई माताएँ ऐसे हालात में होती हैं जब उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के बजाय पंप किया हुआ दूध (expressed milk) देना पड़ता है। यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि क्या पंप किया हुआ दूध उतना ही फायदेमंद होता है जितना कि डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग?
इस लेख में हम जानेंगे कि पंप किया गया दूध और डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग में क्या अंतर है, और क्या पंप किया हुआ दूध भी उतना ही पोषक और फायदेमंद होता है (kya pump kiya dudh itna he faydemand hai jitna breastfeeding)
ब्रेस्टफीडिंग और पंप किया हुआ दूध में क्या अंतर है?
डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग और पंप किया हुआ दूध दोनों ही बच्चों के लिए अमूल्य पोषण प्रदान करते हैं, लेकिन इनके बीच कुछ अंतर भी होते हैं:
- ब्रेस्टफीडिंग (Direct Breastfeeding):
- स्वाभाविक तरीका है जिससे मां का दूध सीधे बच्चे के पेट तक पहुंचता है।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां का शरीर बच्चे के हिसाब से दूध का उत्पादन करता है, और बच्चे का मुंह और शरीर दूध निकालने के लिए सही तरीके से काम करता है।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां और बच्चे के बीच एक इमोशनल कनेक्शन बनता है, जो मानसिक और शारीरिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
- पंप किया हुआ दूध (Expressed Milk):
- पंप किया हुआ दूध वही स्तनपान होता है, जो मां के स्तनों से दूध निकालने के बाद संग्रहीत किया जाता है और बाद में बोतल या किसी अन्य कंटेनर में दिया जाता है।
- पंप किए हुए दूध को फ्रीज या रिफ्रिजेरेट किया जा सकता है, जिससे यह कई घंटों तक सुरक्षित रहता है।
- यह तरीका तब उपयोगी होता है जब मां को काम पर जाना हो या जब बच्चा स्तन से सीधे दूध नहीं पी पा रहा हो।
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पंप किया हुआ दूध और डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग में पोषण का अंतर
पंप किया हुआ दूध और डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग दोनों ही पोषण से भरपूर होते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हो सकते हैं:
- पोस्ट-डिलिवरी इम्यूनिटी और एंटीबॉडीज:
- डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को माँ के शरीर से सीधे एंटीबॉडीज मिलती हैं, जो बच्चे को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं।
- हालांकि, पंप किए हुए दूध में भी एंटीबॉडीज होते हैं, लेकिन दूध पंप करने के दौरान और फिर उसे स्टोर करने के कारण एंटीबॉडीज़ का स्तर थोड़ा कम हो सकता है।
- कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चों को मिलने वाली इम्यूनिटी पंप किए हुए दूध से अधिक प्रभावी हो सकती है, क्योंकि मुंह से सीधा संपर्क शरीर में ऑटोमैटिकली इम्यून रिस्पॉन्स को सक्रिय करता है।
- दूध की संरचना और गुणवत्ता:
- डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग में दूध का स्तर और संरचना बच्चे की जरूरतों के हिसाब से बदलता रहता है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, मां का दूध उसके विकास के हिसाब से बदलता है।
- पंप किए हुए दूध में दूध की संरचना उस समय के लिए उपयुक्त होती है जब इसे पंप किया गया था। यदि दूध को फ्रीज़ किया गया है, तो उसके कुछ पोषक तत्व, जैसे विटामिन C और लैक्टोफेरिन (जो शरीर को संक्रमण से बचाता है), थोड़े प्रभावित हो सकते हैं।
- सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते:
- डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग में बच्चे को सभी पोषक तत्व सही अनुपात में मिलते हैं, क्योंकि बच्चा मां के स्तन से दूध सीधे निकालता है। इस प्रक्रिया में ध्यान से सही मात्रा में दूध निकलता है, जो बच्चे की बढ़ती जरूरतों के हिसाब से होता है।
- वहीं, पंप किए हुए दूध में, विशेषकर यदि अत्यधिक समय तक पंप किया जाता है, तो मां का शरीर कभी-कभी कम फॅट या कम कैलोरी वाला दूध बना सकता है, जो बच्चे को उतनी ऊर्जा प्रदान नहीं कर पाता।
पंप किया हुआ दूध और डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग: मानसिक और शारीरिक प्रभाव
- माँ और बच्चे के बीच संबंध:
- डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग में माँ और बच्चे के बीच शारीरिक और मानसिक संबंध मजबूत होता है, क्योंकि यह सिर्फ पोषण नहीं, बल्कि संगठन और सुरक्षा का भी एक तरीका है।
- पंप किए हुए दूध में यह शारीरिक संपर्क नहीं होता, लेकिन यह तरीके के कारण माँ को आराम मिल सकता है, खासकर अगर वह काम पर जा रही हो।
- निवेदन और सुविधा:
- पंप किया हुआ दूध माँ को लचीलापन प्रदान करता है। इसके जरिए बच्चा अन्य लोगों से भी दूध ले सकता है, जैसे नानी, दादी, या पिता।
- डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग को किसी विशेष स्थान पर और समय में करने की आवश्यकता होती है, जो कुछ माताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर वे सार्वजनिक स्थानों पर हों या काम कर रही हों।
पंप किया हुआ दूध और डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग के फायदे
डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग के फायदे:
- माँ और बच्चे के बीच गहरा शारीरिक और मानसिक जुड़ाव।
- बच्चे को सीधे एंटीबॉडीज और इम्यूनिटी मिलती है।
- दूध की ताजगी और सभी पोषक तत्व।
- माँ के शरीर से प्राकृतिक रूप से दूध का उत्पादन होता है।
पंप किया हुआ दूध के फायदे:
- अधिक लचीलापन और स्वतंत्रता।
- माँ को काम पर जाने के दौरान बच्चों को पोषण प्रदान करना संभव।
- दूध को स्टोर करके बच्चे को बाद में भी दिया जा सकता है।
- पंप करने से माँ को स्तनपान में आराम मिल सकता है, खासकर यदि वह थकी हुई हो।