प्रेगनेंसी के 9 महीने में कैसे सोना चाहिए

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में बाईं करवट सोना सबसे सही माना जाता है। इससे शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, और माँ को कमर दर्द से राहत मिलती है। पीठ के बल सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है​।

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By Nutan Bhatt

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Pregnancy ke 9 mahine me kaise sona chahiye

गर्भावस्था के नौवें महीने में आपका शरीर और गर्भ में पल रहा शिशु डिलीवरी के लिए पूरी तरह तैयार हो रहे होते हैं। इस समय, सही तरीके से सोना आपके और आपके बच्चे दोनों की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस अंतिम चरण में आपको कैसे सोना चाहिए, ताकि आपकी और शिशु की सेहत सुरक्षित रहे।

9 महीने में नींद की पोजीशन क्यों है महत्वपूर्ण?

गर्भावस्था के नौवें महीने में शिशु का विकास पूरी तरह से हो चुका होता है। इस समय, आपका शिशु गर्भ में जन्म के लिए सही फीटल पोजीशन में आ जाता है। ऐसे में सोने की सही स्थिति न केवल आपके आराम के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपके शिशु की सुरक्षा और गर्भ में उसके सही पोषण के लिए भी महत्वपूर्ण है​।

9 महीने में नींद से संबंधित महत्वपूर्ण बातें

गर्भावस्था के नौवें महीने में सही नींद की पोजीशन अपनाना माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाईं करवट सोना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह शिशु तक ऑक्सीजन और पोषण के प्रवाह को बनाए रखता है और माँ को आराम प्रदान करता है। साथ ही, तकियों का उपयोग और हल्का भोजन करना आपकी नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

जानकारीविवरण
सोने की सही पोजीशनबाईं करवट सोना सबसे अच्छा
पीठ के बल सोने से बचेंइससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ सकता है
पेट के बल सोनागर्भाशय पर दबाव डालने के कारण सुरक्षित नहीं
तकियों का उपयोगपैरों और पेट के नीचे तकिया रखकर आरामदायक नींद लें
नींद की अवधिरोजाना 7-9 घंटे की नींद लें

प्रेगनेंसी के 9 महीने में सोने की सही स्थिति

  1. बाईं करवट सोना सबसे अच्छा
    विशेषज्ञों की सलाह है कि गर्भवती महिलाओं को नौवें महीने में बाईं करवट सोना चाहिए। इस पोजीशन में सोने से गर्भाशय पर कम दबाव पड़ता है, जिससे शिशु तक ऑक्सीजन और पोषण की सही मात्रा पहुंचती है। यह पोजीशन रक्त प्रवाह को भी सही बनाए रखती है, जिससे माँ को कमर दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है​।
  2. पीठ के बल सोने से बचें
    नौवें महीने में पीठ के बल सोने से गर्भाशय का भार आपके रक्त वाहिकाओं और रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है। इससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और शिशु को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती, जिससे उसकी सेहत पर असर पड़ सकता है।
  3. पेट के बल सोना सही नहीं
    इस अवस्था में पेट के बल सोना असंभव हो जाता है क्योंकि इससे गर्भाशय पर सीधा दबाव पड़ता है। यह स्थिति आपके और आपके शिशु दोनों के लिए असुरक्षित है​।
  4. तकिए का उपयोग करें
    नींद के दौरान तकिए का सही उपयोग बहुत मददगार हो सकता है। आप घुटनों के बीच और पेट के नीचे एक तकिया रख सकती हैं, जिससे आप अधिक आरामदायक महसूस करेंगी। इसके साथ ही यह पोजीशन आपके कमर दर्द और सूजन को भी कम करने में मदद करती है​।
  5. सही बिस्तर चुनें
    गर्भावस्था के अंतिम महीनों में एक अच्छा और सपोर्टिव बिस्तर बेहद आवश्यक है। यह न केवल आपकी पीठ और कूल्हों पर दबाव को कम करता है बल्कि आपको गहरी और शांत नींद दिलाने में भी मदद करता है।

सोने से पहले कुछ आवश्यक बातें

  • हल्का भोजन करें: रात को भारी भोजन करने से बचें क्योंकि इससे गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है, जो आपके सोने में रुकावट डाल सकती है।
  • रिलेक्सिंग एक्सरसाइज: सोने से पहले डीप ब्रीदिंग जैसी हल्की रिलेक्सिंग एक्सरसाइज करने से नींद में सुधार हो सकता है।
  • पानी की मात्रा नियंत्रित करें: रात को सोने से पहले बहुत ज्यादा पानी पीने से बचें ताकि आपको बार-बार पेशाब के लिए न उठना पड़े​।

गर्भावस्था के अंतिम महीनों में नींद की स्थिति माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है। कई विशेषज्ञ इस पर जोर देते हैं कि सही तरीके से सोने से गर्भवती महिला को राहत मिलती है और शिशु का विकास सही ढंग से होता है।

1. डॉ. दीप्ति सक्सेना (स्त्री रोग विशेषज्ञ)

डॉ. दीप्ति सक्सेना के अनुसार, गर्भावस्था के नौवें महीने में बाईं करवट सोना सबसे बेहतर माना जाता है। वह कहती हैं, “बाईं करवट सोने से गर्भ में शिशु तक रक्त और ऑक्सीजन की सही मात्रा पहुँचती है, जिससे उसका विकास सही ढंग से होता है। इस स्थिति में गर्भाशय पर कम दबाव पड़ता है और माँ को कमर और पीठ दर्द से राहत मिलती है।” पीठ के बल सोने से बचने की सलाह देते हुए, वह बताती हैं कि पीठ के बल सोने से रक्त प्रवाह में समस्या हो सकती है, जिससे माँ और शिशु दोनों को नुकसान हो सकता है​।

2. डॉ. रोशनी सेन (गर्भावस्था विशेषज्ञ)

डॉ. रोशनी सेन का कहना है कि, “नौवें महीने में पीठ के बल सोने से गर्भाशय का वजन रक्त वाहिकाओं और रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता है, जिससे शिशु तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँचती। बाईं करवट सोने से इस स्थिति से बचा जा सकता है।” डॉ. सेन सलाह देती हैं कि गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी तकिया का उपयोग करना चाहिए, ताकि सोते समय उन्हें अधिक आराम मिले और नींद की गुणवत्ता में सुधार हो​

3. डॉ. मीनाक्षी वर्मा (स्त्री रोग विशेषज्ञ)

डॉ. मीनाक्षी वर्मा के अनुसार, “बाईं तरफ सोना गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थिति है, क्योंकि इससे न केवल रक्त प्रवाह सही रहता है, बल्कि यह शिशु को भी जन्म के लिए सही पोजीशन में आने में मदद करता है।” डॉ. वर्मा यह भी बताती हैं कि तकिए का इस्तेमाल घुटनों के बीच और पेट के नीचे करने से माँ को अधिक आराम मिलता है और नींद में कोई परेशानी नहीं होती​।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

  1. क्या गर्भावस्था के 9वें महीने में पीठ के बल सोना सुरक्षित है?
    नहीं, नौवें महीने में पीठ के बल सोना सुरक्षित नहीं है क्योंकि इससे गर्भाशय का दबाव आपकी रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है​।
  2. बाईं करवट सोने का क्या फायदा है?
    बाईं करवट सोने से शिशु तक सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है, और यह पोजीशन आपकी रीढ़ और रक्त प्रवाह के लिए भी बेहतर होती है।
  3. क्या गर्भवती महिलाएं दाईं करवट सो सकती हैं?
    हाँ, दाईं करवट सोना भी सुरक्षित है, लेकिन बाईं करवट सोने को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह शिशु के लिए अधिक सुरक्षित और लाभदायक है।
  4. क्या प्रेगनेंसी के 9 महीने में तकिए का उपयोग करना जरूरी है?
    हाँ, तकियों का उपयोग आपके शरीर को सपोर्ट करने और आरामदायक नींद पाने के लिए बेहद जरूरी है। तकिया आपके घुटनों और पेट के नीचे रखें।
Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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