प्रेगनेंसी में हाथ, पैर में खुजली होना | Why does it itch during pregnancy?

गर्भावस्था के दौरान हाथ और पैरों में खुजली सामान्य है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इस लेख में हम आपको खुजली के कारण, उसके समाधान और जरूरी मेडिकल सलाह के बारे में जानकारी देंगे।

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By Nutan Bhatt

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Pregnancy me haath aur paer me khujli kyu hoti hai

प्रेगनेंसी का समय हर गर्भवती महिला के लिए एक बेहद ही खास अनुभव होता है, लेकिन इसके साथ कई तरह की शारीरिक और हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को हाथ और पैर में खुजली महसूस होती है, जो चिंता का कारण बन सकती है। हालांकि, ये समस्या सामान्य है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकती है। इस लेख में हम इस समस्या के पीछे के कारण, इसके संभावित उपचार और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

गर्भावस्था में खुजली क्यों होती है? (Why does it itch during pregnancy?)

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं। इन बदलावों का असर त्वचा पर भी पड़ता है, जिससे खुजली की समस्या हो सकती है। खासतौर पर पेट, स्तन, हाथ और पैर जैसे हिस्सों में ये खुजली अधिक होती है।

सामान्य कारण:

  1. त्वचा का खिंचना: जैसे-जैसे गर्भावस्था के दौरान पेट और स्तनों का आकार बढ़ता है, त्वचा खिंचने लगती है, जिससे खुजली होती है।
  2. हार्मोनल बदलाव: गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोनों के स्तर में बदलाव आता है, जो त्वचा को संवेदनशील बना सकता है।
  3. सूखी त्वचा: प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा का रूखा होना भी खुजली का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

गंभीर कारण:

  1. ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस: यदि खुजली अत्यधिक हो रही है, खासकर हाथ और पैरों में, तो यह ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस (Obstetric Cholestasis) का संकेत हो सकता है। यह एक लिवर संबंधी समस्या है, जिसमें शरीर की पित्त नलिकाएं (bile ducts) सही तरीके से काम नहीं करतीं और यह भ्रूण के लिए भी खतरनाक हो सकता है​।

सारणी: प्रेगनेंसी में खुजली के कारण और समाधान

समस्याकारणसमाधान
सामान्य खुजलीत्वचा का खिंचना, हार्मोनल बदलाव, सूखी त्वचामॉइस्चराइजर का उपयोग, ढीले कपड़े पहनें
अत्यधिक खुजलीऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिसडॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
खुजली के साथ लालिमा और रैशेजबैक्टीरियल या फंगल संक्रमणऐलोवेरा, नीम, और तुलसी जैसे प्राकृतिक उपचार का उपयोग

प्रेगनेंसी में खुजली कम करने के उपाय

1. मॉइस्चराइज़र और क्रीम

खुजली को कम करने के लिए त्वचा को मॉइस्चराइज करना बहुत जरूरी है। नारियल तेल, जैतून का तेल, और विटामिन ई युक्त क्रीम का उपयोग त्वचा को नम बनाए रखने में मदद करता है।

2. प्राकृतिक उपचार

  • तुलसी और नीम: एक चम्मच तुलसी के रस, नीम के तेल, और नींबू के रस का मिश्रण खुजली को शांत करने में मदद करता है। इसे प्रभावित हिस्से पर लगाने के बाद कुछ मिनट छोड़ दें और फिर धो लें​।
  • एलोवेरा जेल: एलोवेरा के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खुजली और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं​।
  • दही और बेसन: दही और बेसन से बने पेस्ट का उपयोग करने से त्वचा की डेड सेल्स हटती हैं और खुजली कम होती है​।

विशेषज्ञों के अनुसार, एलोवेरा में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सूजन और खुजली को शांत कर सकते हैं। साथ ही, तुलसी और नीम जैसे प्राकृतिक तत्वों का उपयोग भी त्वचा को आराम प्रदान करता है।

3. ढीले कपड़े पहनें

प्रेगनेंसी के दौरान तंग कपड़ों से बचें। सूती और ढीले कपड़े पहनने से त्वचा को सांस लेने का मौका मिलता है और खुजली कम होती है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर खुजली बहुत ज्यादा हो रही है, खासकर रात के समय या इसके साथ अन्य लक्षण जैसे पीले रंग का मूत्र, अत्यधिक थकान, या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस का लक्षण हो सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है​।

विशेषज्ञों की राय

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनमें से एक है हाथ और पैरों में खुजली। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या सामान्य होती है, लेकिन कुछ मामलों में गंभीर भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि विभिन्न विशेषज्ञ इस समस्या के बारे में क्या कहते हैं।

1. डॉ. रजालक्ष्मी वी.के. (AIIMS की विशेषज्ञ)

डॉ. रजालक्ष्मी का मानना है कि हल्की खुजली सामान्य है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान त्वचा में खिंचाव और हार्मोनल बदलाव होते हैं। हालांकि, अगर खुजली अत्यधिक हो रही है, खासकर हाथ और पैरों में, तो यह ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस का लक्षण हो सकता है, जो एक लिवर संबंधी समस्या है। इस स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है, क्योंकि यह स्थिति भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकती है​।

2. डॉ. समर नकवी (मॉम्स एंड मेटरनिटी विशेषज्ञ)

डॉ. समर नकवी बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान त्वचा का खिंचना, हार्मोनल बदलाव और रक्त संचार में वृद्धि खुजली का प्रमुख कारण होते हैं। हालांकि, यदि खुजली के साथ रैशेज या लालिमा हो, तो यह त्वचा संक्रमण का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है​।

3. डॉ. नीता मिश्रा (स्त्री रोग विशेषज्ञ, मायुपचार)

डॉ. मिश्रा कहती हैं कि खुजली को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि यह खुजली रात में बढ़ती है या इसके साथ अन्य लक्षण जैसे कि आंखों या त्वचा का पीला होना, मतली, या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो, तो यह ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस का संकेत हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को इस स्थिति में तुरंत मेडिकल सलाह लेनी चाहिए

FAQs

1. क्या प्रेगनेंसी में खुजली सामान्य है?
हाँ, हल्की खुजली सामान्य है और यह त्वचा के खिंचने और हार्मोनल बदलाव के कारण होती है। लेकिन अत्यधिक खुजली पर डॉक्टर से संपर्क करें।

2. क्या घरेलू उपचार से खुजली कम हो सकती है?
जी हाँ, तुलसी, नीम, एलोवेरा और दही जैसे घरेलू उपाय खुजली को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

3. ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस क्या है?
यह एक लिवर संबंधी समस्या है, जिसमें शरीर की पित्त नलिकाएं सही तरीके से काम नहीं करतीं और इससे हाथ और पैरों में अत्यधिक खुजली होती है। यह स्थिति भ्रूण के लिए भी खतरनाक हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान हाथ और पैरों में हल्की खुजली एक सामान्य समस्या है, लेकिन यदि यह खुजली ज्यादा होने लगे या अन्य लक्षणों के साथ हो, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना जरूरी है। घरेलू उपचार और सही देखभाल से इस समस्या को कम किया जा सकता है, लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति में मेडिकल मदद लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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