Kya chote bacho ko jukham mai kela de skte hai | क्या छोटे बच्चे को जुकाम में केला दे सकते हैं?

बच्चों को जुकाम में केला सीमित मात्रा में दिन के समय देना सुरक्षित​ हो सकता है लेकिन यदि ठंड का मौसम हैतो आप बच्चे को केला देने से बचे. Jaane Kya chote bacho ko jukham mai kela de skte hai?

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By Nutan Bhatt

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kya chote bacho ko jukham mai kela de skte hai
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छोटे बच्चों में जुकाम एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। जुकाम के दौरान बच्चों को सही आहार देना महत्वपूर्ण होता है ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे और वे जल्दी स्वस्थ हो सकें। केला एक पौष्टिक फल है, लेकिन सवाल यह है कि क्या जुकाम के दौरान छोटे बच्चे को केला देना सही है? (Bacho Ko Sardi Khansi Mai Kela De Skte hai kya) इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि केले का सेवन जुकाम के दौरान बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं।

यहाँ जाने केला और उसके पोषक तत्व

केला विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. विटामिन B6: यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  2. विटामिन C: यह एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
  3. पोटैशियम: यह इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने और मांसपेशियों के कार्य को सही रखने में सहायक होता है।
  4. फाइबर: यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
  5. मिनरल्स: केले में मैग्नीशियम और कैल्शियम भी होते हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Kya chote bacho ko jukham mai kela de skte hai

  1. ऊर्जा का स्रोत: जुकाम के दौरान बच्चे अक्सर सुस्त और थके हुए महसूस करते हैं। केला एक त्वरित ऊर्जा प्रदान करने वाला फल है जो बच्चों को उर्जा देता है और उन्हें सक्रिय बनाए रखता है।
  2. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है (इम्युनिटी बूस्ट): केले में मौजूद विटामिन C और B6 प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं, जो बच्चों को जुकाम से लड़ने में मदद करता है।
  3. पाचन तंत्र के लिए अच्छा: जुकाम के दौरान कुछ बच्चों को पाचन समस्याएं हो सकती हैं। केला फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करता है।
  4. आसानी से डायजेस्ट होना: केला आसानी से पचने वाला फल है। जुकाम के दौरान जब बच्चे का पाचन तंत्र कमजोर होता है, तो केला एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  5. हाइड्रेशन में मदद करता है: जुकाम के दौरान हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। केले में पानी की मात्रा होती है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है।
bacho ko jukham mai kela dena chahiye ya nahi
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जुकाम के दौरान केला देने के संभावित नुकसान

हालांकि केला जुकाम के दौरान फायदेमंद हो सकता है, कुछ स्थितियों में इसे देने से बचना चाहिए:

  1. अधिक मीठा: केले में नेचुरल मिठास होती है। यदि बच्चा डायबिटीज़ या मीठे के प्रति संवेदनशील है, तो केले का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
  2. गले में खराश: कुछ बच्चों को जुकाम के दौरान गले में खराश हो सकती है। ठंडा या बहुत अधिक पकाया हुआ केला गले में खराश को बढ़ा सकता है। ऐसे मामलों में, केला सामान्य तापमान पर या थोड़ा गर्म देकर खिलाना उचित होगा।
  3. एलर्जी: हालांकि केले से एलर्जी दुर्लभ होती है, लेकिन कुछ बच्चों को इससे एलर्जी हो सकती है। यदि बच्चे को केले से एलर्जी है, तो उसे जुकाम के दौरान केला नहीं देना चाहिए।

बच्चे को कैसे दें जुकाम के दौरान केला

  1. स्मूदी: केले को दूध या दही के साथ मिलाकर स्मूदी बनाएं। यह बच्चों के लिए पौष्टिक और स्वादिष्ट विकल्प हो सकता है।
  2. मैश किया हुआ केला: छोटे बच्चों के लिए मैश किया हुआ केला देना सुरक्षित और आसान होता है। यह गले में आसानी से नीचे चला जाता है और पचाने में भी आसान होता है।
  3. दलिया के साथ: दलिया में केले के टुकड़े मिलाकर देने से इसका पोषण मूल्य बढ़ जाता है और बच्चे के लिए इसे खाना आसान होता है।
  4. फल सलाद: अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो अन्य फलों के साथ केले के टुकड़े मिलाकर फल सलाद दिया जा सकता है।

जुकाम के दौरान छोटे बच्चे को केला देना सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है। केला न केवल ऊर्जा का स्रोत है, बल्कि यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और पाचन तंत्र को सुधारने में भी मदद करता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में जैसे कि मीठे की संवेदनशीलता, गले में खराश या केले से एलर्जी होने पर सावधानी बरतनी चाहिए।

जुकाम के दौरान बच्चे के आहार में केले को शामिल करने से पहले हमेशा बच्चे की स्थिति और जरूरतों को ध्यान में रखें। यदि किसी भी प्रकार की चिंता हो, तो बच्चे के डॉक्टर से परामर्श करें। सही पोषण और उचित देखभाल के साथ, जुकाम के लक्षणों को कम किया जा सकता है और बच्चे को जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिल सकती है।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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