
Benefits and side effect of spoon feeding : बच्चे की देखभाल में स्वच्छता और सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है। माता-पिता को अपने बच्चों के खाने और स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए ताकि वे स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें। शिशुओं के लगभग 6 महीने के होने पर ठोस आहार शुरू करना आवश्यक हो जाता है। अधिकतर माता-पिता इस समय चम्मच का उपयोग करके शिशु को प्यूरी और मैश किया हुआ सूप आदि खिलाते हैं। हालांकि माता-पिता का अतिस्नेह कई बार बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
जिसमे एक ऐसी ही आदत है, बच्चों को खाना फूंक-फूंक कर खिलाना। यह आदत न केवल अप्रभावी है, बल्कि इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव भी पड़ सकता है। अब आप सोच रहे होंगे की बच्चों को चम्मच से फूंक मारकर खाना खिलाना किस तरह से नुकसानदायक हो सकता है, तो चलिए इस लेख का माध्यम से समझते हैं बच्चों को चम्मच से खिलने के फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी।
बच्चों को चम्मच से फूंक मारकर खाना खिलाने के नुकसान
बच्चों को चम्मच से फूंक मारकर खाना खिलाना एक आम प्रथा है, जिसे माता-पिता अक्सर अपनाते हैं ताकि खाना जल्दी ठंडा हो जाए और बच्चे को आसानी से खिला सकें। हालांकि, इस आदत से कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो सकते हैं, जिनके बारे में जागरूकता होना आवश्यक है जैसे:
बैक्टीरिया का फैलाव
जब मां खाना फूंक-फूंक कर बच्चे को खिलाती है, तो उसके मुंह के बैक्टीरिया भोजन में प्रवेश कर सकते हैं। यह बैक्टीरिया बच्चे के मुंह में प्रवेश करके उसके स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं। दांतों में कैविटी के बैक्टीरिया आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा सकते हैं। यदि मां के दांतों में कैविटी है और वह बच्चे के खाने को फूंक रही है, तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि उसके मुंह के बैक्टीरिया बच्चे के खाने में प्रवेश कर जाएंगे।
कैविटी का खतरा
मुंह के बैक्टीरिया बच्चे के मुंह में प्रवेश करके प्लाक बनाना शुरू कर देते हैं, जिससे बच्चे के दांत निकलने से पहले ही कैविटी बनने लगती है। यह प्रक्रिया केवल 5-6 महीने के भीतर शुरू हो सकती है और बच्चे के दांत सड़ने लगते हैं। इस प्रकार, बच्चे के दांतों में कैविटी की संभावना बढ़ जाती है, जिससे उसकी मौखिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इमोशनल बॉन्डिंग
बच्चे को हाथ से खाना खिलाना भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण माना जाता है। जब आप बच्चे को खाना खिलाते हैं, तो उससे इमोशनल बॉन्डिंग मजबूत होती है। बच्चा आपके स्पर्श को जानने और महसूस करने लगता है, जिससे वह सुरक्षित महसूस करता है। इससे माता-पिता और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होते हैं।
सुरक्षित खिलाना
हाथ से खाना खिलाने का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे बच्चे के गले में खाना फंसने का खतरा कम हो जाता है। चम्मच के बजाय हाथ से खाना खिलाने पर, आप बच्चे की सुविधा के अनुसार निवाला देते हैं, जिससे खाना गले में फंसने का डर नहीं रहता है। इसके अलावा, बच्चे का पाचन तंत्र भी मजबूत होता है क्योंकि वह धीरे-धीरे से चबाकर खाना खाता है, जिससे पाचन प्रक्रिया आसान हो जाती है। हालांकि बच्चे को खाना खिलाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना और नाखूनों को छोटा रखना ताकि उनमें किसी तरह की मिट्टी या गंदगी न रह जाए यह ध्यान रखना बेहद ही आवश्यक होता है, जिससे आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर इसका कोई बुरा प्रभाव न पड़े।
उचित देखभाल के टिप्स
- मुंह की साफ-सफाई: बच्चे के मुंह की साफ-सफाई नियमित रूप से करें। खाने या दूध पीने के बाद बच्चे की जीभ, दांत और गाल को अच्छी तरह से साफ करें।
- जूठा चम्मच न इस्तेमाल करें: अपने जूठे चम्मच से बच्चे को खाना न खिलाएं और न ही झूठा पानी पिलाएं।
- खिलाने के दौरान फूंक न मारें: बच्चों के खाने को मुंह से फूंक न मारें, इससे बैक्टीरिया का फैलाव हो सकता है।
- डेंटल हाइजीन बनाएं रखें: अपने मुंह की डेंटल हाइजीन बनाए
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