Bacho ke der se chlane ke piche ka karan: शिशुओं में देर से चलने के क्या कारण हैं?

बच्चों के चलने में देरी के कई कारण हो सकते हैं, और ये सामान्य रूप से अलग-अलग बच्चों में भिन्न हो सकते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि हर बच्चा अपनी गति से विकसित होता है और कुछ बच्चे दूसरों की तुलना में थोड़े अधिक समय ले सकते हैं।

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By Nutan Bhatt

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bacho ke der se chlane ke piche ka karan
bacho ke der se chlane ke piche ka karan

किसी भी माता-पिता के लिए अपने नन्हे शिशु को धीरे-धीरे बढ़ते हुए देखना एक बेहद ही खुशी का पल होता है, बच्चे के खिलखिलाने से लेकर उसकी बढ़ती शरारतें आसानी से मन मोह लेती हैं। शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के साथ वह न केवल अपने आसपास के वातावरण को पहचानने लगते हैं बल्कि अपने आप से बैठने का प्रयास करना, बातचीत करने की कोशिश करना और इसके अलावा शिशु का पहला कदम जो हर पेरेंट्स के लिए बेहद ही खास लम्हा होता है। बच्चे का चलना सीखना एक विकासात्मक कदम होता है जो उन्हे स्वतंत्रता की नई भावना को दर्शाता है।

आमतौर पर बच्चे 11 से 16 महीने के बीच में चलना शुरू कर देते हैं, तो वहीं कुछ 18 महीने तक चलना शुरू नही करते हैं। कुछ बच्चे चलने में देरी कर सकते हैं या उन्हे चलने में काफी समय लग सकता है। हालांकि यदि बच्चा 18 महीने के बाद भी खुद से खड़ा नही हो पा रहा है या घुटनों के बल चलता है और उसके साथ के बच्चों ने एक या दो महीने पहले से चलना शुरू कर दिया है तो यह चिंता का विषय हो सकता है, जिसके समाधान के लिए आप बाल रोक विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

बच्चे के देरी से चलने का कारण

बच्चों के शारीरिक विकास में हर चरण महत्वपूर्ण होता है, और इनमें से एक महत्वपूर्ण चरण है चलना सीखना। हालांकि, कुछ बच्चे समय पर चलना नहीं सीख पाते और इसके कई कारण हो सकते हैं (Bacho ke Der Se Chalne Ke Karan)। जिनमे से निम्नलिखित कारण मुख्य रूप से बच्चे के देर से चलने की वजह बन सकते हैं।

मांसपेशियों के विकास में कमी

बच्चे के चलने में देर का एक प्रमुख कारण है मांसपेशियों का विकास न हो पाना। शरीर की मांसपेशियाँ चलने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती हैं। चलने के लिए आवश्यक है कि बच्चे की मांसपेशियाँ और तंत्रिका तंत्र सही ढंग से विकसित हो। मांसपेशियों की कमजोरी या उनके विकास में रुकावट से बच्चा अपने पैरों को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता, जिससे चलने की प्रक्रिया में देरी होती है। मांसपेशियों के विकास में रुकावट के संभावित कारण जन्मजात विकार, पोषण की कमी और पर्यावरणीय कारण हो सकते हैं। हालांकि सही पोषण और आहार की मदद से बच्चे के विकास में तेजी आती है और वह चलना शुरू कर सकेंगे।

तलवे मुड़े होना

कुछ बच्चों में जन्म के समय या जन्म के तुरंत बाद तलवे मुड़े हुए हो सकते हैं। यह स्थिति ‘क्लबफुट’ या ‘कॉनजेनिटल टेलिपेस इक्विनोवेरस’ के रूप में जानी जाती है। इस स्थिति में बच्चे के पैर के तलवे अंदर की ओर मुड़ जाते हैं, जिससे बच्चे के लिए चलना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या आनुवांशिक कारण (यदि परिवार में किसी को यह समस्या है तो बच्चे को होने की संभावना हो सकती है) गर्भावस्था के दौरान तलवे मुड़े होने के कारण हो सकती है, हालांकि यह समस्या समय के साथ ठीक हो सकती है लेकिन यदि यह ठीक नहीं होती तो बड़े होने के बाद बच्चे को समस्या आ सकती है। इसके लिए समय से इलाज के लिए आप फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह ले सकते हैं।

हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)

हाइपोथायरायडिज्म एक स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती। यह हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है और बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। थायरॉयड हार्मोन की कमी से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कुछ बच्चों में इस प्रक्रिया में देरी हो सकती है। कुछ बच्चों के चलने में देरी का एक प्रमुख कारण है हाइपोथायरायडिज्म भी हो सकता है, हाइपोथायरायडिज्म के कारण बच्चों का शारीरिक विकास धीमा हो जाता है। जिससे वे समय पर चलना नहीं सीख पाते और उनकी हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो सकती हैं।

पैरों का झुका होना

पैरों का झुका होना, जिसे ‘बो लेग्स’ (Bow Legs) के नाम से भी जाना जाता है, एक सामान्य स्थिति है जिसमें बच्चे के पैर घुटनों से बाहर की ओर झुके होते हैं। यह समस्या अक्सर जन्म के समय या जीवन के शुरुआती वर्षों में देखी जाती है। बच्चों के पैरों के झुकने की समस्या उनमें कैल्शियम और विटामिन डी की कमी, अनुवांशिक कारण या हड्डियों एक विकास ना होने के कारण हो सकती है, कई मामलों में देखा गया है की यह समस्या बच्चों में दो वर्ष की आयु के बाद अपने आप ठीक होने लगती है। लेकिन यदि यह उसके बाद भी ठीक न हो तो चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।

मस्तिष्क संबंधी विकार (Neurological Disease)

मस्तिष्क संबंधी विकार उन समस्याओं को संदर्भित करते हैं जो मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और स्नायु कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं। यह विकार बच्चों के शारीरिक विकास और चलने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। मस्तिष्क संबंधी विकार कई कारणों जैसे Cerbral Palsy (यह विकार मस्तिष्क के विकास में असामान्यताओं जैसे मांसपेशियों के नियंत्रण और समन्वय को प्रभावित करता है) और Myopathy (मांसपेशियों में बीमारी का समूह जो मांसपेशियों को कमजोर और क्षतिग्रस्त होना) के चलते हो सकते हैं। मस्तिष्क संबंधी विकारों के कारण बच्चों की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, जिससे वे अपने पैरों पर खड़े होने और चलने में असमर्थ हो सकते हैं।

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बच्चे को चलना कैसे सिखाएं

  • यदि आपका बच्चा चलने में देरी करता है तो थोड़ा प्रयास आपको भी अपनी तरफ से करना चाहिए, बच्चे को फिजिकली फिट रखना बेहद ही इसके लिए आप रोजाना उसके हाथों और पैरों की मालिश करें जिससे उसके पर मजबूत बनेंगे और उन्हें खड़े होने में मदद मिल सकेगी।
  • आप अपने बच्चे की फेवरेट चीजें देने के लिए बुला सकते हैं, बच्चा अकसर रंग-बिरंगे खिलौनों की तरफ आकर्षित होते हैं जिससे वह खिलौने को पकड़ने के लिए उठने का प्रयास करेगा और उनकी तरफ चलने की कोशिश करते हैं।
  • बच्चे को पूरे दिन अपनी गोद में न रखें उसे नीचे खेलने दे और यदि वह खेलते-खेलते गिर जाता है या उसे चोट लग जाति है तो उन्हें अपने आप से उठने की कोशिश करने दें।
  • इसके अलावा आप बच्चे का हाथ पकड़कर उसे उठने और चलने में मदद कर सकते हैं, जिससे वह धीरे-धीरे बिना सहारे के चलना शुरू कर सके।
Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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