6 से 12 महीने के बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट एक्टिविटीज: जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे वैसे माता और पिता के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण भरा विषय यह हो जाता है कि उनके बच्चे का शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक विकास भी बेहतर बना सके। जब तक बच्चा 6 महीने से नीचे रहता है तब तक हम बेफिक्र होते है क्यूंकि उस समय वह इतनी एक्टिविटीज नहीं कर पाता लेकिन जैसे ही आपका शिशु 6 महीने या उससे अधिक महीने का हो जाता है वह तरह तरह की चीजों को अच्छे से समझने लगता है खिलोने के साथ खेलने लगता है, चलने व बैठने की कोशिश करने लगता है। यही समय बच्चे के विकास के लिए बेहद ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है, तो चलिए जानते हैं 6 से 12 महीने के बच्चों के दिमागी विकास के लिए टॉप 13 एक्टिविटीज जिससे आपके बच्चे का बेहतर ब्रेन डेवलपमेंट हो सके।
दोस्तों अक्सर आज के समय में लोग अपने छोटे से बच्चों को मोबाइल दिखाना शुरू कर देते है जिससे उनकी आंखे बहुत ही कमजोर हो जाती है ऐसे में हर माता-पिता को यह कोशिश करनी चाहिए कि आपका बच्चा मोबाइल को न देखकर आउटडोर एक्टिविटीज व गेम में ध्यान दें लेकिन इसके लिए आपको अपने बच्चे के लिए समय देना आवश्यक है। आज में आपको अपने अनुभव से बच्चों के मानसिक विकास के लिए क्या करें, Bachon Ka Mansik Vikas Ke Liye Kya Kiya Jaye उसके लिए कुछ एक्टिविटीज बताने जा रही हूँ जिससे आपका बच्चा वह गतिविधियाँ करेगा और सबसे बड़ी बात कि मोबाइल से दूर रहेगा।
बच्चों के साथ रहना व खेलना जरुरी
सभी माता-पिता को यदि अपने बच्चे का शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक विकास (bachon ke liye activities) करना है तो आपको उन्हें अपना समय देना बेहद ही जरुरी है क्यूंकि इस समय बच्चा बाहरी दुनिया को देखने के लिए बेहद ही उत्सुक होता है वह अपने 6 महीने के अंतर्गत चलना, रेंगना शुरु करने लगता है
नोवा साउथईस्टर्न यूनिवर्सिटी (डेवी) में मेलमैन सेगल सेंटर फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट के डीन एवं लेट्स प्ले एंड लर्न टुगेदर के को-ऑथर रोनी कोहेन लीडरमैन पीएचडी का कहना है कि जब भी हम बच्चों के साथ समय बिताते है और उनके साथ खेलते है उनसे जुड़ते है तो ऐसे में उनका मस्तिक का विकास होता है क्यूंकि बच्चों को माता-पिता का प्यार, उनकी केयर, टाइम व उनका टच बेहद ही अच्छा लगता है।
जाने 6 से 12 महीने के बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए यह एक्टिविटीज
1. खिलोने के साथ लुका छुपी:
- बच्चे के मानसिक विकास के लिए यह खेल बहुत ही फायदेमंद है। आपको किसी भी खिलोने को कम्बल या किताब के नीचे रखना है लेकिन उसका कुछ हिस्सा दिखना चाहिए।
- इसके बाद आप अपने बच्चे को पूछे कि खिलौना कहा है और बच्चे को खिलौना ढूंढ़ने को प्रेरित करें। यदि आपका बच्चा छिपी चीजों को ढूंढ़ने में माहिर हो जाएँ तो फिर आप खिलोने को पूरी तरह छुपाएं।
- इससे आपके बच्चे की मोटर स्किल का विकास होगा (Brain Development Tips)।
2. बच्चों के सामने ताली बजाएं:
डॉ. लीडरमैन कहते हैं कि लगभग 6 से 8 महीने की उम्र में आपका बच्चा ताली बजाना सीख जाते है इससे वह कहानियों व पहेलियों को सुनकर ताली बजाकर उससे प्रेरित होते है आप इस पोयम को बच्चे के सामने गायें।
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क्लैप, क्लैप, क्लैप, विद, मी
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क्लैप, क्लैप, 6, 7, 8
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क्लैप, क्लैप, 9,10
क्लैप, क्लैप, लेट्स डू इट अगेन3. कंटेनर प्ले
माता पिता को कुछ खिलौनों (जैसे गेंद, खूंटे, प्लास्टिक की कड़ियाँ या अन्य छोटी वस्तुएँ) को एक कंटेनर में रखने है ध्यान दें खिलोने या अन्य चीजे बड़ी हो ताकि बच्चा अपने मुँह के अंदर ना डाल दें। अब कंटेनर को अपने शिशु को दें, जो खुद से इसे बार-बार पलटेगा, जिससे कुछ खिलौने बाहर गिर जाएँगे।
एक्सपर्ट कोली कहते हैं, ऐसा करने से “आखिरकार, आपके बच्चे को एहसास होगा कि अंदर कुछ खड़खड़ा रहा है और खिलौने उसमें से गिरते हुए दिख रहे हैं, इसलिए वे हिलना, टकराना और कंटेनर के अंदर पहुँचना शुरू कर देंगे।” कंटेनर को समय-समय पर तब तक फिर से भरें जब तक कि आपका बच्चा यह न सीख ले कि इसे खुद कैसे करना है।
इन सब से आपका बच्चा बार बार ट्राय करेगा और गलती करने के बाद से ही सही ढंग से चीजे कैसे करनी है वह सीखेगा कि उसे वस्तुओं को कंटेनर में फिट करने के लिए उन्हें मोड़ना है
4. चित्र पुस्तकें दिखाना और कहानी सुनाना:
- रंग-बिरंगी चित्र पुस्तकें चुनें और बच्चे को बैठाकर उनके पन्ने पलटें। हर चित्र का नाम बताएं और उससे संबंधित छोटी-छोटी कहानियाँ सुनाएं।
- इससे बच्चे की दृश्य और शब्दावली क्षमता बढ़ती है और वे नए शब्द और चित्र पहचानना सीखते हैं।
5. म्यूज़िकल टॉयज और राइम्स:
- आप अपने बच्चों के लिए संगीत (म्यूजिकल) बजाने वाले खिलौने जैसे कि पियानो, झंकार या ड्रम को लें और उनको लेके बच्चे के सामने रखें और उन्हें बजाने दें। बच्चों के लिए राइम्स और गाने भी गाएं।
- इससे उनका मानसिक विकसित होता है, साथ ही संगीत की धुनें उनके दिमाग में पॉजिटिव वाइब्स डालती हैं।
6. चेहरे के भाव और आईने (शीशे) के सामने खेलना:
- बच्चे के सामने विभिन्न चेहरे के भाव दिखाएं, जैसे हँसना, उदासी, आश्चर्य आदि। बच्चे को आईने के सामने रखें और उनके साथ हँसें, बात करें।
- इससे उनकी भावनात्मक समझ और आत्म-जागरूकता बढ़ती है। वे अपने चेहरे के भाव और शरीर की गतिविधियों को पहचानना सीखते हैं।
7. सॉफ्ट ब्लॉक्स और निर्माण खिलौने:
- आपको अपने बच्चे को नर्म ब्लॉक्स या निर्माण खिलौनों का सेट लेके देना चाहिए और बच्चे को उन्हें जोड़ने और ढेर बनाने के लिए प्रेरित करें।
- इससे उनकी समस्या समाधान और निर्माण क्षमता बढ़ती है। वे समझते हैं कि कैसे वस्तुओं को संतुलित किया जाता है और रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है।
8. टमी टाइम:
- टमी टाइम बच्चे के लिए बेहद ही जरुरी है। आप बच्चे को पेट के बल एक साफ और नरम सतह पर लेटने दें, उसके सामने रंगीन खिलौने या छोटा शीशा रखें ताकि वह उन्हें देखने की कोशिश करे।
- इससे उनकी गर्दन और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जो उनके मोटर विकास के लिए महत्वपूर्ण है और उनके चलने-फिरने की क्षमता में सुधार आता है।
9. हाथ के पपेट्स और कहानियाँ:
- हाथ के पपेट्स का उपयोग करके बच्चों को कहानियाँ सुनाएं। पपेट्स को विभिन्न किरदारों के रूप में प्रस्तुत करें।
- इससे उनकी कल्पनाशक्ति और सुनने की क्षमता बढ़ती है। वे विभिन्न आवाज़ों और किरदारों के बीच का अंतर समझना सीखते हैं।
10. फिंगर फूड और सेल्फ-फीडिंग:
- बच्चों को छोटे-छोटे खाद्य पदार्थ दें, जैसे उबली हुई सब्जियाँ, छोटे फल के टुकड़े, जिन्हें वे अपने हाथों से उठा सकें।
- इससे उनकी फाइन मोटर स्किल्स और खुद से खाने की क्षमता विकसित होगी। और वे आत्मनिर्भरता और हाथ-आँख के समन्वय को बेहतर तरीके से सीखते हैं।
11. सेंसरी प्ले और विभिन्न बनावट वाले खिलौने:
- विभिन्न प्रकार के बनावट वाले खिलौनों से खेलाएं, जैसे रबर, कपड़ा, लकड़ी आदि। बच्चों को अलग-अलग सतहों पर चलने, छूने और महसूस करने दें।
- इससे उनकी स्पर्श-संवेदना विकसित होती है। वे विभिन्न वस्तुओं और सतहों के बीच के अंतर को पहचानना सीखते हैं।
12. गाने और नृत्य:
- बच्चे के साथ गाने गाएं और हल्के-फुल्के नृत्य करें। बच्चे को गोद में लेकर नृत्य करें या उनके साथ फर्श पर बैठकर नाचें।
- इससे उनकी सुनने की क्षमता, लय समझने की क्षमता और मोटर कौशल का विकास होता है। संगीत और नृत्य का आनंद उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से एक्टिव रखता है।
13. संख्या (नंबर्स) और रंग पहचानना:
- रंग-बिरंगी गेंदें या खिलौने लें और बच्चे को उनके रंग और संख्या के बारे में बताएं। बच्चे के सामने गेंदों को गिनें और उनके रंगों के नाम दोहराएं।
- इससे बच्चे की संख्या और रंग पहचानने की क्षमता बढ़ती है। वे धीरे-धीरे रंगों और संख्याओं को पहचानना और उनकी पहचान करना सीखते हैं।
इन सभी एक्टिविटीज से बच्चे का संज्ञानात्मक, शारीरिक और सामाजिक-भावनात्मक विकास प्रोत्साहित होता है। यह उनके मस्तिष्क को सक्रिय और उत्तेजित रखता है, जिससे वे तेजी से और स्वस्थ रूप से विकसित होते हैं।