नवजात शिशुओ का शरीर बेहद ही संवेदनशील होता है जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उनके बेहतर विकास और स्वास्थ्य के लिए मां का दूध बेहद ही फायदेमंद होता है। हालांकि कई बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को विकसित होने में समय लगता है जिसके कारण वह आसानी से बीमारी की चपेट में आ जाते हैं । ऐसी ही एक समस्या नवजात बच्चों में दस्त (Diarrhea) की भी देखी जाती है, जो अक्सर 6 महीने के बाद जब बच्चे के दांत आने शुरू होते है या जब बच्चा ठोस आहार लेने लगता है तब इंफेक्शन या अन्य कई कारणों के चलते हो सकती है । डायरिया (दस्त) एक ऐसा लक्षण है जिसमें किसी व्यक्ति को अधिक बार या कम मल त्याग करना पड़ता है और वे प्रति दिन 3 या अधिक बार पतला या तरल मल (मल) त्यागते हैं।
दस्त की समस्या नवजात बच्चे को परेशान कर सकती है, बार-बार तरल मल त्यागने से बच्चे को कमजोरी आ सकती है। क्योंकि इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो जाती है और अधिक लूज मोशन होने पर बच्चे में चिड़चिड़ापन आ जाता है और उन्हें उल्टी और बुखार की समस्या हो सकती है। ऐसे में नवजात बच्चों को दस्त क्यों होते हैं, इस प्रश्न का उत्तर विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। यह अधिकतर मामलों में उसके पाचन तंत्र (डायजेस्टिव सिस्टम) के विकास के संबंधित होता है, जो नवजात शिशु के शारीरिक विकास का मुख्य स्रोत होता है।
कब होता है नवजात शिशु को दस्त
किसी भी नवजात शिशु को डायरिया तब होता है जब वह बार-बार पानी जैसा चिपचिपा मल त्यागता है। यह समस्या किसी इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकती है और इसके साथ बच्चे को उल्टी भी हो सकती है। इसे गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (पेट का एक कीड़ा) कहा जाता है, जो आमतौर पर रोटावायरस जैसे वायरस के कारण होता है।
बड़े बच्चों की तुलना में नवजात शिशुओं में दस्त (Bache Ke Dast Ke Gharelu Upay) और उल्टी अधिक गंभीर होती है क्योंकि बच्चे आसानी से अपने शरीर से बहुत अधिक तरल पदार्थ खो सकते हैं और डिहायड्रेट हो सकते हैं। वे सुस्त या चिड़चिड़े हो सकते हैं, उनका मुंह सूख सकता है और उनका रंग पीला या धुला हुआ हो सकता है। यदि आपका बच्चा बार बार लूज़मोशन होने की वजह से दिहायड्रेट हो जाता है, तो वह अधिक पेशाब नहीं कर पाएगा और वह अपना दूध पीना बंद कर सकता है। यह बताना मुश्किल हो सकता है कि दस्त होने पर वह कितनी बार पेशाब करेंगे।
डायरिया के क्या लक्षण होते हैं
नवजात शिशु में दस्त के लक्षण कई हो सकते हैं। निम्नलिखित पॉइंट्स में इन्हें विस्तार से बताया गया है:
- बार-बार मल त्यागना: दस्त लगने का एक सामान्य लक्षण यह है कि नवजात शिशु बार-बार मल त्यागता है, जिसमें उनके मल की मात्रा अधिक होती है और वह तरल होता है।
- बेडौल मल: मल का रंग सामान्य हरा या हल्का भूरा कहा जा सकता है कि बेडौल मल होता है, जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
- बुखार आना: दस्त के कारण शिशु को बुखार आ सकता है और इससे उसका वजन भी तेजी से कम होता है।
- उल्टी: दस्त के साथ-साथ शिशु को उल्टी की समस्या भी हो सकती है।
- पेट में दर्द: बार बार मल त्यागने के कारण शिशु के पेट में मरोड़ पड़ने लगती है जिससे वह कई बार दस्त के साथ पेट में दर्द की शिकायत करते हैं।
- उनका चेहरा पीला पड़ना: दस्त के समय, शिशु का चेहरा पीला और थका हुआ हो सकता है।
- उन्हें बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है: नवजात शिशु दस्त के समय अधिक पानी पीने की इच्छा रखते हैं, ताकि उनके शरीर का पानी का स्तर बना रहे। इसलिए यदि आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है तो उसे समय समय पर ब्रेस्टमिल्क या फ़ॉर्मूलामिल्क पिलाते रहे।
शिशु व बच्चों में दस्त के क्या कारण हो सकते है?
छोटे बच्चों को दस्त होने के कई कारण हो सकते हैं, इनमे सॉलिड आहार से लेकर संक्रमण (इन्फेक्शन) का खतरा भी शामिल हो सकता है।
आहार संबंधित कारण: नवजात शिशु को दस्त के कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण है उनके आहार में किसी प्रकार की समस्या। यदि आपका बच्चा 6 महीने से कम का है तो उसे आप कुछ भी आहार ना खिलाएं और यदि वह 6 महीने से अधिक है तो उसे पहले पहले ही सॉलिड आहार न दें क्यूंकि बच्चे शुरुवात में सॉलिड खाना पचा नहीं पाते है।
किसी तरह का इन्फेक्शन : नवजात शिशु को दस्त का कारण अक्सर उन्हें संक्रामक रोगों से भी हो सकता है। इसमें बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी शामिल हो सकते हैं। उनके नाशक कारणों से शिशु का पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे वे दस्त का शिकार होते हैं।
गंदा पानी पीने से: नवजात शिशु को गंदा पानी पीने से भी दस्त हो सकता है। बच्चों को अक्सर जल से होने वाले संक्रमण संबंधित बीमारियों के कारण दस्त हो सकता है।
शिशु को पहली बार सॉलिड आहार खिलाना : कई बार, जब नवजात शिशु 6 महीने का हो जाता है तो उसे नए प्रकार के आहार खिलाये जाते है जिसके कारण उनका डायजेस्टिव सिस्टम पचा नहीं पाटा और उन्हें दस्त हो जाते है।
अन्य कारण: नवजात शिशु को दस्त होने के अन्य कारण शारीरिक संतुलन में किसी प्रकार की समस्या, अधिक तापमान, तनाव, या और किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
शिशु के दस्त ठीक करने के घरेलू उपाय
दस्त एक सामान्य समस्या है जो बच्चों में हो सकती है और इसे ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय हैं। दस्त लगने पर आप बच्चे को यह सभी चीजे खिला सकते है। ये उपाय शिशु को अधिकतम पोषण प्रदान करके उसके शारीरिक संतुलन को बनाए रखते हैं।
- नारियल पानी: अगर आपका बच्चा 6 महीने से ज्यादा उम्र का है तो आप उसे थोड़ी मात्रा में नारियल पानी पिला सकते है। नारियल पानी (Coconut Water) में मिले विभिन्न खनिज तत्व शिशु को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकते हैं और इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स, मिनरल्स एवं फाइबर कॉन्टेंट बच्चे के दस्त को ठीक करने में सहायक हो सकते हैं।
- नींबू पानी: नींबू पानी शिशु को हाइड्रेटेड रखता है और उसके शरीर से टॉक्सिंस को निकालने में मदद कर सकता है। इसे शिशु को प्यास बुझाने के लिए भी दिया जा सकता है।
- केला: दस्त होने पर शिशु को केला खिलाना फायदेमंद हो सकता है। केला फाइबर और पोटेशियम का अच्छा स्रोत होता है और दस्त को ठीक करने में मदद कर सकता है। ध्यान रखें कि केला पका हुआ होना चाहिए जिसकी आप प्यूरी बनाकर बच्चे को दे सकते हैं।
- दही और जीरा: अगर आपके शिशु को दस्त लगे हुए है तो आप उन्हें दही अवश्य खिलाएं। दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स बच्चे के पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं, जबकि जीरा शिशु की पाचन शक्ति को बढ़ावा देता है। इससे बच्चे को दस्त से काफी आराम मिलता है।
- नमक-चीनी का पानी: नमक-चीनी का पानी शिशु को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और उसके लिए जरूरी विटामिन्स और खनिजों को पुनर्प्राप्त करने में सहायक होता है।
नवजात शिशु को दस्त से बचाव के लिए, माताओं को ध्यान देना चाहिए कि वे अपने शिशु को समृद्ध और स्वस्थ आहार प्रदान करें, उन्हें साफ पानी पिलाएं, हाथों को साफ रखें, और अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि शिशु को दस्त होता है। अधिकतर मामलों में, नवजात शिशु के दस्त का उपचार अक्सर घर पर ही संभव होता है, लेकिन यदि स्थिति गंभीर है, तो चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी हो सकता है।
नवजात शिशु को दस्त होने पर क्या खिलाना चाहिए?
नवजात शिशु को दस्त होने पर आप ब्रेस्टमिल्क या फार्मूला मिल्क ही समय समय पर पिलायें। यदि बच्चे के दस्त नहीं रुकते तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बेबी को लूज़ मोशन होने पर कौन सी दवा देनी चाहिए?
बेबी को लूज़ मोशन होने पर ORS का घोल पिला सकते है लेकिन आप ORS भी बच्चे को तभी दें जब आपका डॉक्टर आपको इसे बच्चे को पिलाने के लिए कहे। अपनी मर्जी से बच्चे को कुछ भी दवाई ना दें। डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
क्या मेरे बच्चे को दांत निकलने की वजह से दस्त हो रहे है?
यदि आपके बच्चे के दांत निकल रहे है तो आप अपने बच्चे में यह सभी लक्षण जैसे: चिड़चिड़ा पन, लूज़मोशन, सिर गर्म रहना, लार टपकना, मुँह में दाने, मसूड़े रगड़ना, कान रगड़ना, काटना आदि देख सकते है।
शिशु के दस्त रोकने के घरेलु उपाय क्या है?
शिशु के दस्त रोकने के घरेलु उपाय की जानकारी हमने आपको ऊपर आर्टिकल में प्रदान कर दी है। जानकारी जानने के लिए आप आर्टिकल को पढ़े।