7-7-7 Rule of Parenting: बच्चों की परवरिश में माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। बदलते समय के साथ, परवरिश के तरीकों में भी बदलाव आ रहे हैं। आजकल ‘7-7-7 पैरेंटिंग नियम’ (7-7-7 Parenting Rule) माता-पिता के बीच लोकप्रिय हो रहा है, जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के साथ-साथ माता-पिता और बच्चों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने में सहायक है।
चलिए आज हम आपको अपने आर्टिक्ल में 7-7-7 नियम क्या है? इसे आप कैसे फॉलो करें। इसकी पूरी जानकारी विस्तारपूर्वक बताने जा रहे है। इससे जुडी अधिक जानकारी जान ने के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
विषय | विवरण |
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7-7-7 नियम क्या है? | माता-पिता को हर दिन अपने बच्चे के साथ कम से कम 7 मिनट सुबह, 7 मिनट शाम और 7 मिनट रात में बिताने चाहिए। |
सुबह के 7 मिनट | बच्चों के दिन की सकारात्मक शुरुआत के लिए। |
शाम के 7 मिनट | दिनभर के अनुभवों को साझा करने और भावनात्मक समर्थन के लिए। |
रात के 7 मिनट | सोने से पहले बोंडिंग बढ़ाने और सुकून देने के लिए। |
लाभ | बच्चों में आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान, और मानसिक शांति का विकास। |
7-7-7 पैरेंटिंग नियम क्या है?
7-7-7 पैरेंटिंग नियम के अनुसार, माता-पिता को हर दिन अपने बच्चे के साथ कम से कम 7 मिनट सुबह, 7 मिनट शाम और 7 मिनट रात में बिताने चाहिए। ये छोटे-छोटे समय के टुकड़े बच्चों के विकास और उनके साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
सुबह के 7 मिनट: दिन की सकारात्मक शुरुआत
सुबह के 7 मिनट का महत्व इसलिए है क्योंकि इससे बच्चों के पूरे दिन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चों को जगाने के समय माता-पिता उन्हें प्यार से मोटिवेट कर सकते हैं। इन 7 मिनट में बच्चे के दिन की योजना पर चर्चा की जा सकती है, जैसे कि स्कूल में क्या-क्या खास होगा, किन विषयों पर ध्यान देना है। इस समय माता-पिता बच्चे को प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें पॉजिटिविटी से भर सकते हैं, जिससे वे पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करेंगे।
शाम के 7 मिनट: दिनभर की बातें साझा करें
दिनभर की थकान और अनुभवों को बांटने का सबसे अच्छा समय शाम के 7 मिनट होते हैं। बच्चों के साथ बैठकर उनसे पूछें कि स्कूल में उनका दिन कैसा रहा, क्या नया सीखा और कौन-कौन से मजेदार अनुभव हुए। इस समय में माता-पिता बच्चों की छोटी-छोटी बातों को ध्यान से सुनें और अगर कोई समस्या है तो उसका हल भी निकालें। यह समय बच्चों के साथ रिश्तों को मजबूत करने का अवसर देता है।
रात के 7 मिनट: सोने से पहले बोंडिंग का बेहतरीन समय
रात के 7 मिनट बच्चों के लिए सबसे स्पेशल होने चाहिए। सोने से पहले का यह समय माता-पिता और बच्चों के बीच बोंडिंग को बढ़ाता है। इस समय बच्चों को कहानी सुनाने, दिनभर के अच्छे पलों को याद करने, या फिर उन्हें गले लगाने का अवसर होता है। यह नियम बच्चों के दिमाग में सुकून और शांति का भाव लाता है, जिससे उनकी नींद भी अच्छी होती है। इससे बच्चे अगले दिन के लिए फ्रेश और खुश महसूस करते हैं।
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7-7-7 नियम के लाभ
7-7-7 पैरेंटिंग नियम माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद को बढ़ाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। इस नियम का पालन करने से माता-पिता बच्चों की भावनाओं को समझ सकते हैं और उन्हें सुरक्षित महसूस करा सकते हैं। बच्चों को जब लगता है कि उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ हैं और उनके अनुभवों को महत्व देते हैं, तो वे अधिक खुले और ईमानदार बनते हैं। यह नियम बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उनमें आत्म-सम्मान और संयम के गुण भी विकसित करता है।
FAQs
1. क्या 7-7-7 पैरेंटिंग नियम सभी आयु के बच्चों के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह नियम सभी आयु के बच्चों के लिए उपयुक्त है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है क्योंकि यह उनके विकास के महत्वपूर्ण समय में माता-पिता के साथ मजबूत बोंडिंग स्थापित करता है।
2. क्या 7-7-7 नियम का पालन करने से बच्चों की शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है?
हाँ, माता-पिता के साथ नियमित संवाद और समर्थन से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है, जो उनके शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार ला सकता है।
3. क्या यह नियम व्यस्त माता-पिता के लिए संभव है?
हाँ, यह नियम केवल 21 मिनट प्रतिदिन की मांग करता है, जो व्यस्त माता-पिता भी अपने बच्चों के लिए निकाल सकते हैं।
4. क्या 7-7-7 नियम से बच्चों के व्यवहार में सुधार होता है?
हाँ, नियमित संवाद और माता-पिता के साथ समय बिताने से बच्चों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
5. क्या यह नियम माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है?
हाँ, बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने से माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है और वे अपने बच्चों के साथ मजबूत संबंध महसूस करते हैं।
7-7-7 पैरेंटिंग नियम बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नियम न केवल बच्चों के लिए बल्कि माता-पिता के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह उनके संबंधों को मजबूत और सौहार्दपूर्ण बनाता है। अपने बच्चों के साथ बिताए गए ये 21 मिनट उनके भविष्य के निर्माण में एक अहम योगदान दे सकते हैं।