6 month baby ka diet chart: अपने 6 महीने के बच्चे को खिलाएं यह सभी चीजें

6 महीने के बच्चे को सॉलिड फूड (ठोस आहार) की शुरुआत करने का सही समय होता है, क्योंकि इस समय तक बच्चे का पाचन तंत्र ठोस भोजन को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से विकसित हो जाता है।

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By Nutan Bhatt

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6 month baby ka diet chart
6 month baby ka diet chart

6 month baby ka diet chart: छह महीने का समय आपके बच्चे के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इस समय पर, आप धीरे-धीरे ठोस आहार की शुरुआत कर सकते हैं, जबकि स्तनपान या फॉर्मूला दूध अभी भी उसके पोषण का प्रमुख स्रोत रहेगा। ठोस आहार की शुरुआत सही ढंग से करना बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल में, हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार और किन आहारों के साथ आप अपने बच्चे की ठोस आहार देना शुरू कर सकते है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अधिकांश बाल रोग विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ठोस आहार (सॉलिड फूड) की शुरुआत 6 महीने की उम्र से करनी चाहिए। इस उम्र में, बच्चे का पाचन तंत्र ठोस आहार को पचाने के लिए विकसित हो जाता है, और उन्हें अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होने लगती है।

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6 month baby ka diet chart in Hindi

जैसा कि आप जानते ही है कि अब आपको अपने बच्चे को ठोस आहार देना जरुरी है (6 mahine ke bacho ko kya khilana chahiye) जिसके बाद ही आपका बच्चा खाना सीखेगा। हम यहाँ आपको यहाँ जानकारी देने जा रहे है की आप सुबह से लेकर श्याम तक कैसे अपने बच्चे को क्या क्या खिला सकते है।

सोमवार से रविवार

सुबह (सुबह 8 बजे)

  • स्तनपान/फॉर्मूला दूध: ये तो आप जानते ही है, कि 6 महीने के बाद भी आपके बच्चे को स्तनपान या फॉर्मूला दूध की आवश्यकता होती है। तो आप बच्चे को सॉलिड शुरू करने के साथ साथ समय समय पर दूध देते रहे।

नाश्ता (सुबह 10 बजे)

  • दलिया या चावल का पानी: 1-2 चम्मच से शुरू करें और धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएँ। इसे अच्छी तरह से पकाकर दें।
  • फलों की प्यूरी: जैसे कि सेब, केला या नाशपाती की प्यूरी।

दोपहर का भोजन (दोपहर 1 बजे)

  • मूंग दाल का पानी: हल्का और पौष्टिक, बच्चे के पाचन के लिए अच्छा है।
  • चावल की खिचड़ी: चावल और मूंग दाल की पतली खिचड़ी बनाएं। इसे अच्छे से पकाकर मुलायम कर लें।
  • सब्जियों की प्यूरी: जैसे गाजर, आलू, या कद्दू।

शाम का नाश्ता (शाम 4 बजे)

  • स्तनपान/फॉर्मूला दूध: दूध से उसकी भूख शांत होती है और पोषण भी मिलता है।
  • साबूदाना या रागी की खीर: इसे पतला और आसानी से पचने वाला बनाएं।

रात का खाना (शाम 7 बजे)

  • दाल-चावल की खिचड़ी: पहले की तरह लेकिन थोड़ी मोटी बना सकते हैं।
  • सब्जियों का सूप: मुलायम और छाना हुआ, जैसे कि पालक का सूप।

सोने से पहले (रात 9 बजे)

  • स्तनपान/फॉर्मूला दूध: यह बच्चे को संतुष्ट रखता है और सोने में मदद करता है।

जानकारी के लिए बता दें माता पिता जब भी कोई नया खाना शुरू करें, तो उसे 3-5 दिनों तक लगातार दें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चे को किसी प्रकार की एलर्जी या समस्या नहीं हो रही है।खाने की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं: बच्चे के अनुसार उसकी भूख के हिसाब से मात्रा को बढ़ाएं। इसी के साथ आप अपने बच्चे को थोड़ा-थोड़ा पानी भी दें।

6 महीने के बच्चे को खिलाएं ये सभी चीजें

  • फल: सेब, एवोकाडो, केला, आम, नाशपाती, आलूबुखारा, चीकू आदि को प्यूरी के रूप में दें।
  • सब्जियां: गाजर, शकरकंद, मटर, कद्दू, आलू आदि को उबाल कर मेश करें।
  • अनाज और दालें: चावल, जौ, ओट्स, मसूर आदि को नरम होने तक पकाएं और फिर मेश करें।
  • मांस: प्यूरी किया हुआ और स्ट्यूड पोल्ट्री या मछली (कम पारा वाली) दे सकते हैं। हड्डियों को हटा कर दें।

6 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए

जब बच्चा 6 महीने का हो जाता है, तब उसे ठोस आहार से परिचित कराना महत्वपूर्ण होता है। इस समय बच्चों को आहार में विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों की प्यूरी, अनाज और दाल की प्यूरी, और अन्य सरल खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। यहां कुछ सरल और पौष्टिक रेसिपीज दी गई हैं जो आपके 6 महीने के बच्चे के लिए आदर्श हैं।

1. राइस प्यूरी (चावल की प्यूरी)Rice puree

सामग्री:

  • 2 बड़े चम्मच चावल
  • 1 कप पानी

विधि:

  • चावल को अच्छी तरह धो लें।
  • एक पैन में चावल और पानी डालकर मध्यम आंच पर पकाएं।
  • चावल को तब तक पकाएं जब तक वे बहुत नरम न हो जाएं।
  • पकाए हुए चावल को ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बना लें।
  • आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर वांछित स्थिरता प्राप्त करें।
  • ठंडा होने पर बच्चे को खिलाएं।

2. केले की प्यूरीbanana puree

सामग्री:

  • 1 पका हुआ केला

विधि:

  • केले को छीलकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • एक कटोरी में केले के टुकड़ों को अच्छे से मैश कर लें।
  • अगर जरूरत हो, तो थोड़ा सा दूध या पानी मिलाकर प्यूरी बनाएं।
  • ताजा परोसें।

3. गाजर प्यूरी

Carrot puree

सामग्री:

  • 1 गाजर
  • पानी (उबालने के लिए)

विधि:

  • गाजर को धोकर छील लें और छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • एक पैन में पानी उबालें और उसमें गाजर के टुकड़े डालें।
  • गाजर को तब तक उबालें जब तक वे नरम न हो जाएं।
  • गाजर को निकालकर ठंडा कर लें।
  • ब्लेंडर में गाजर के टुकड़े डालकर प्यूरी बना लें।
  • आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर वांछित स्थिरता प्राप्त करें।
  • ठंडा होने पर बच्चे को खिलाएं।

4. आलू और मटर की प्यूरीPea puree

सामग्री:

  • 1 छोटा आलू
  • 1/4 कप मटर
  • पानी (उबालने के लिए)

विधि:

  • आलू को छीलकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • मटर और आलू को एक पैन में डालें और पानी डालकर उबालें।
  • इन्हें तब तक पकाएं जब तक वे बहुत नरम न हो जाएं।
  • मिश्रण को निकालकर ठंडा कर लें।
  • ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बना लें।
  • आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर वांछित स्थिरता प्राप्त करें।
  • ठंडा होने पर बच्चे को खिलाएं।

5. सेब की प्यूरीApple puree

सामग्री:

  • 1 सेब
  • पानी (उबालने के लिए)

विधि:

  • सेब को धोकर छील लें और छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • एक पैन में सेब के टुकड़े डालें और थोड़ा पानी डालें।
  • सेब को तब तक पकाएं जब तक वे नरम न हो जाएं।
  • मिश्रण को निकालकर ठंडा कर लें।
  • ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बना लें।
  • आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर वांछित स्थिरता प्राप्त करें।
  • ठंडा होने पर बच्चे को खिलाएं।

माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण टिप्स:

  • हर नई प्यूरी को 3-4 दिन तक दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे को किसी प्रकार की एलर्जी नहीं हो रही है।
  • भोजन की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं और बच्चे के संकेतों पर ध्यान दें।
  • हर भोजन के बाद बच्चे को ठंडा किया हुआ उबला पानी दें, लेकिन भोजन के बीच में पानी न दें ताकि उसका भोजन का सेवन कम न हो।

इन सरल और पौष्टिक रेसिपीज से आप अपने 6 महीने के बच्चे को विभिन्न प्रकार के स्वाद और बनावट से परिचित करा सकते हैं, जिससे उनका विकास और पोषण सुनिश्चित होता है। इस चार्ट को अपने बच्चे की पसंद और आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित करें। हमेशा बच्चे की डाइट के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इस मार्गदर्शिका से आपको अपने बच्चे के लिए एक स्वस्थ और संतुलित डाइट योजना बनाने में मदद मिलेगी।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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