नवजात शिशु को गैस क्यों बनती है और इससे राहत कैसे पाएं

नवजात शिशु में गैस बनना आम बात है क्यूंकि अभी उनका डायजेस्टिव सिस्टम पूरी तरह से तैयार नहीं होता। गैस की समस्या को कम करने के लिए ये सभी उपाय अपनाएं। अगर गैस की समस्या अधिक बनी रहती है, तो एक पेड़ियाट्रिशियन से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।

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By Nutan Bhatt

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न्यू मॉम्स के लिए ये जानना थोड़ा मुश्किल होता है कि उनका शिशु क्यों रो रहा है तो में आपको बता दूँ कई बार शिशु पेट में गैस होने के कारण भी रोते है। शिशु को गैस की समस्या माँ के खाने में किसी नये पदार्थ के सेवन के कारण जिसे आपका बच्चा पचा नहीं पाता है उससे भी होती है।

यह समस्या इसलिए भी होती है क्यूंकि शिशु के पाचन तंत्र (डायजेस्टिव सिस्टम) को मजबूत होने में धीरे-धीरे समय लगता है, ऐसे में बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उसे समय पर दूध पिलाने से लेकर उसकी रोजाना मालिश का भी अच्छे से ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। हालांकि कई बार बच्चे का पूरा ध्यान रखने के बाद भी वह अचानक रोने लगते हैं और असहजता महसूस करते हैं। बच्चे खुद से बोल नही सकते लेकिन इसकी वजह उनका पेट दर्द और गैस की समस्या भी हो सकती है, जिसे अक्सर माता-पिता समझ नही पाते और बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर घबरा जाते हैं।

ऐसे में यदि आपके घर में भी नवजात शिशु है और उन्हें भी पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्या होती रहती है, तो आपको परेशान होने की बिलकुल जरूरत नही है। इस लेख के जरिए हम आपको नवजात शिशु को गैस क्यों बनती है? और आप इसे किस तरह ठीक कर सकते हैं, इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे, जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद ही काम की साबित होगी।

शिशु में गैस बनने के कारण

नवजात शिशु को गैस की समस्या उनके पेट में जमा हवा के कारण होती है। जैसा की अक्सर दूध पीते समय चाहे वह ब्रेस्टफीडिंग हो या माँ का दूध हो बच्चे दूध के साथ बहुत सारी हवा भी अपने अंदर ले लेते हैं और कई बार रोते समय या सांस लेते हुए भी वह हवा अपने अंदर भर लेते हैं। ऐसे में गैस अंदर जाने से शिशु को बिना अधिक दूध पिए ही पेट भरा भरा सा महसूस होता है और गैस के कारण उन्हें तकलीफ और कब्ज की समस्या होने लगती है।

बहुत से शिशुओं के पेट में अधिक गैस की समस्या देखने को मिलती है, जिसका एक कारण दूध या भोजन का अच्छे से न पच पाना भी हो सकता है, एसी स्थिति में शिशु को दूध पिलाने के बाद डकार दिलाना बेहद ही जरूरी होता है।

आप किस तरह से शिशु को डकार दिलाएं और कैसे आप अपने नवजात शिशु की देखभाल करें। इसके लिए आप हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल पढ़ सकते है – इस तरह करें नवजात शिशु की देखभाल- यह 10 जरुरी चीजे बनाएंगी आपके बच्चे को मजबूत

शिशु को गैस है इसका पता कैसे लगेगा?

अगर आप भी नई-नई माँ है तो आप यह जरूर जानना चाहती होंगी कि आप कैसे पता लगा सकते है कि आपके शिशु को पेट में गैस बन रही है। बता देते है, नवजात शिशु को गैस है इसका पता तभी लग सकता है, जब शिशु दूध पीते समय मुंह बोतल से बिना पूरा दूध पिए ही हटा देता है या वह दूसरे स्तन से दूध पीने को तैयार नही होता, तो इस स्थिति में शिशु के पेट में गैस की समस्या हो सकती है। ऐसे में, बच्चा तनाव या डिस्कम्फर्ट महसूस कर सकता है, विशेष रूप से जब आप उसे बोतल से दूध पिलाने का प्रयास करते हैं और वह इनकार करता है।

कुछ शिशुओं में गैस के कारण कसमसाहट और मुंह बनाने की प्रारंभिक संकेत दिखाई देते हैं, विशेष रूप से जब वे अपनी पीठ को चापाकार में मोड़ते हैं या अपनी टांगें उठाकर फैलाते हैं। ये लक्षण कॉलिक (जिसमें बच्चा असहनीय दर्द और असहजता का अनुभव करता है) या गैस के प्रभाव के हो सकते हैं, जिसके कारण बच्चा असहज महसूस कर सकता है।

शिशुओं में पहले तीन महीनों में गैस की समस्या सामान्य है, क्योंकि इस समय उनकी आंतें पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं। इसी तरह, छह से 12 महीने के बच्चों में भी यह सामान्य है, क्योंकि वे अलग-अलग खाने की प्रक्रिया को समझ रहे होते हैं और उनकी पर्याप्त पाचन प्रक्रिया नहीं होती है। हालांकि बच्चे की इन आदतों से माता-पिता यह समझ सकते हैं, कि बच्चे की परेशानी का कारण कब्ज और गैस की समस्या है।

शिशु के पेट में गैस की समस्या को ऐसे करें दूर

जैसा के पेट में गैस की समस्या से निजात पाने के लिए, पूर्वजों द्वारा प्रयोग किए गए कुछ पारंपरिक उपचार हैं। इन उपायों को अपनाकर आप अपने शिशु को गैस की समस्या से निजात दिला सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है:

पेट में मसाज करें: शिशु का पेट मसाज करना बेहद ही महत्त्वपूर्ण है, ऐसा करने से बच्चे के पेट की गैस दूर होती है और शिशु को आराम मिलता है। इसके लिए, हल्के हाथों से शिशु के पेट को घुमाना और उसे ऊपर से नीचे की ओर मसाज करना चाहिए।शिशु के पेट में गैस की समस्या को ऐसे करें दूर

पेट के बल लिटा दें: जब कभी बच्चे को पेट में गैस होती है, तो उसे पेट के बल लिटा (Tummy Time) देने की प्रक्रिया काफी साधारण होती है। यह उपाय पेट में गैस को पास करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, बच्चे को इस पोजिशन में बहुत ज्यादा समय तक नहीं रखना चाहिए, आपको बच्चे को केवल एक से दो मिनट के लिए ही पेट के बिल लेटना चाहिए, अधिक समय तक बच्चे को पेट के बाल रखना खतरनाक हो सकता है।new born baby ka colic pain kese thek kare

हींग का उपयोग: शिशु को पेट में दर्द और गैस की समस्या होने पर हींग का उपयोग किया जा सकता है। यह एक पारंपरिक औषधि उपाय है जो गैस से राहत प्रदान कर सकता है, इसके लिए आप हींग का गाढ़ा पेस्ट बनाकर उनके पेट के ऊपर या नाभी के आसपास लगा दें। यह उपाय बच्चे की गैस पास करने में मदद करता है और उन्हें असहजता से आराम दिलाता है।navjaat shishu ki gas thek krne ke upay

टम्मी रोल ऑन : आपको में बता दूँ आप अपने शिशु पर Tummy Roll On लगा सकती है। यह खासकर के छोटे बच्चों को कोलिक पैन से राहत दिलाने के लिए बनाया गया है। आप इसे किसी भी मेडिकल स्टोर या ऑनलाइन तरीके से मंगा सकते है। tummy roll for gas releif

साइकिल एक्सरसाइज चलाएं: बच्चों को गैस पास करने में मदद करने के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है अपने बच्चे को साइकिल चलवायें। इसके लिए आपको उन्हें घुटनों को मोड़ने और पैरों को ऊपर-नीचे करने के लिए साइकिल चलाई जा सकती है। इस आसान व्यायाम से पेट में फंसी गैस को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।bacho ko gas se releif kese dilaye

बोतल का निपल जांचें: कई बार, बहुत से पेरेंट्स बच्चों को ज्यादा दूध पीने के लिए बोतल का छेद मोटा कर दिया जाता है, जिससे बच्चे के पेट में दूध के साथ-साथ हवा भी घुस जाती है और उन्हें गैस समस्या हो जाती है, इसे में यदि आपके बच्चे की बोतल के निपल का छेद बड़ा है, तो उसे बदलकर नया निपल लगाएं।Navjaat shishu ki gas kese thek karein

ये सभी तरीके आपको बच्चे के पेट में गैस की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं और उसे आराम प्रदान कर सकते हैं।

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Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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