बच्चे को बुखार क्यों आता है? 100 डिग्री से ऊपर बुखार हो सकता है खतरनाक, यहाँ जाने बुखार हटाने के घरेलु इलाज

बुखार बच्चों में विभिन्न कारणों से आ सकता है, जैसे कि संक्रमण, वायरस, या अन्य गंभीर अवस्थाएं। बच्चों का बुखार उनकी प्रतिक्रिया का एक हिस्सा हो सकता है उस समय शिशु का शरीर इन्फेक्शन के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हो रहा होता है। इसके अलावा, तापमान का बढ़ना उनके शरीर की डिफेन्स सिस्टम के लिए एक संकेत हो सकता है।

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By Nutan Bhatt

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Navjaat Shishu Ko Bukhar Aana: अक्सर सर्दियों और बदलते मौसम के कारण नवजात और छोटे शिशुओं को कुछ गंभीर संक्रमणों का खतरा बना रहता है, क्योंकि इस समय उनकी शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती। इन संक्रमणों में सेप्सिस (ब्लड इन्फेक्शन), न्यूमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण), और मेनिंजाइटिस (ब्रेन टिश्यू इन्फेक्शन) शामिल होता है। यह संक्रमण बच्चे के जन्म से पहले या जन्म के दौरान हो सकता है इसलिए, नवजात शिशुओं और छोटे शिशुओं की देखभाल और सतर्कता की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।

बच्चों में बुखार की समस्या एक आम और चिंताजनक मुद्दा है, खासकर जब उनका रोग प्रतिरोधक क्षमता अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। इस कारण, बच्चे आसानी से बाहरी संक्रमणों का शिकार हो जाते हैं और उन्हें बार-बार बुखार होता है। आयुर्वेद में, बच्चों के बुखार को ठीक करने के लिए कई घरेलू उपाय उपलब्ध हैं। ये उपाय न केवल बच्चों को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं, बल्कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाते हैं, जिससे वे बुखार जैसे रोगों से लड़ने में सहायक होते हैं।

बच्चे को बुखार क्यों आता है

नवजात शिशु या बच्चों में बुखार (Navjaat Shisu Ko Bukhar Aane Par Kya Kare) आना अक्सर उनके शरीर में संक्रमण (इन्फेक्शन) के कारण होता है। जब बच्चे के शरीर में किसी प्रकार का वायरस, बैक्टीरिया या अन्य पैथोजेन प्रवेश करता है, तो उनका शरीर इसका सामना करने के लिए इम्यून सिस्टम का प्रतिक्रिया करता है। यह प्रतिक्रिया शरीर के तापमान को ऊपर उठा सकती है, जिससे बुखार होता है। बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे वे संक्रमणों का खतरा ज्यादा होता है और उन्हें बुखार हो सकता है। बच्चों में बुखार के अन्य कारणों में इम्यून सिस्टम का ग्रोे ना होना, अनियमित भोजन शामिल हो सकता है। इसे समय पर पहचानकर उचित उपचार करना महत्वपूर्ण है।

दोस्तों आपको बता दूँ, सर्दी जाने के बाद व गर्मी की दस्तक के चलते मेरे बच्चे को भी बुखार, खांसी जुकाम हो गया था। ऐसे में अगर आपके बच्चे को भी बुखार आदि आता है तो सबसे पहले आप घबराएं नहीं। मैंने अपने बच्चे के बुखार आने पर डॉक्टर से सलाह मशवरा करके उसे डॉक्टर द्वारा दी गयी मेडिसिन दी थी। इसी के साथ आपको अपने बच्चे का टेम्परेचर समय-समय पर नापना होगा यदि आपके बच्चे का तापमान 100 डिग्री से कम है तो आपके बच्चे को दवाई की जरूरत नहीं होगी लेकिन अगर आपके बच्चे के शरीर का तापमान 100 डिग्री से अधिक है तो आप डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

नवजात शिशु में बुखार आने का कारण

छोटे बच्चों में बुखार उनके इस बात का संकेत हो एकता है, की शिशु का शरीर रोग से लड़ रहा है, और उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता क्रियाशील है, हालांकि शिशु को बुखार कई कारणों से हो सकता है जैसे

बैक्टेरियल वा वायरल संक्रमण: शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उन्हें सर्दी, जुखाम और वायरल इन्फेक्शन या आंतोंआंतों का संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा कान के संक्रमण, बैक्टेरियल संक्रमण एवं निमोनिया जैसी बीमारी के कारण भी शिशु को बुखार आ सकता है।

टीकाकरण के बाद: अक्सर टीकाकरण करवाने के बाद शिशु को बुखार आना एक स्वाभाविक लक्षण है। ऐसे में अगर आप के शिशु को बुखार आता है तो उसे डॉक्टर द्वारा दी गयी बुखार की दवाई आप दे सकते है। दवाई पीने के बाद आपके बच्चे का बुखार हैट जायेगा।

बाहर का गर्म तापमान: कई बार शिशु को अधिक कपड़े पहनने या धूप में अधिक समय तक रखने की वजह से भी शिशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसलिए आपको हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने बच्चे को सर्दी के मौसम हो चाहे गर्मी के मौसम में रूम टेम्परेचर के अनुसार ही कपड़े पहनाएं।

अधिक कपड़े पहनना: नवजात शिशुओं को गर्म रखने के प्रयास में यदि उन्हें अधिक कपड़े पहनाए जाते हैं, तो उनके शरीर का तापमान बढ़ सकता है जिससे बुखार हो सकता है।

बच्चे का जन्मजात समस्या: कुछ जन्मजात समस्याएँ, जैसे कि मेटाबोलिक डिसऑर्डर, भी नवजात शिशु में बुखार का कारण बन सकती हैं।

नवजात शिशु में बुखार के लक्षण

नवजात शिशु में बुखार (Symptoms of fever in newborn baby) एक गंभीर स्थिति हो सकती है, और इसे ध्यान से नकारात्मक चिकित्सा देखभाल के लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह ली जानी चाहिए। नवजात शिशु में बुखार के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • तापमान की बढ़ोत्तरी: नवजात शिशु का तापमान आम तापमान से अधिक हो सकता है। बार-बार तापमान की माप करना महत्वपूर्ण होता है।
  • चिल्लाहट: शिशु कभी-कभी बुखार के साथ अत्यधिक चिल्लाहट का अनुभव कर सकता है।
  • अक्सर रोना: बुखार के साथ, शिशु अक्सर अधिक रोता है या अधिक आसानी से रोने लगता है।
  • अचानक और अपेक्षाकृत आसानी से चिढ़ापन: नवजात शिशु अचानक और अपेक्षाकृत आसानी से चिढ़ापन का अनुभव कर सकता है।
  • कम या अधिक सोना: शिशु बुखार के समय अधिक या कम सोता हो सकता है।
  • पोटी या गैस: शिशु बुखार के समय अधिक पोटी कर सकता है या गैस की समस्या हो सकती है।
  • पेट में दर्द: शिशु बुखार के साथ पेट में दर्द का अनुभव कर सकता है।
  • व्यवहार में बदलाव: नवजात शिशु बुखार में सुस्त और कम एक्टिव हो जाता है और सामान्य से अधिक रोता हैनवजात शिशु में बुखार एक गंभीर स्थिति हो सकती है, और इसे ध्यान से नकारात्मक चिकित्सा देखभाल के लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह ली जानी चाहिए।

ऐसे करें लक्षणों की पहचान

यदि आपको अपने बच्चे की सेहत में कुछ बदलाव दिखाई देता हैं जैसा उसे अचानक से बुखार आना या असहजता महसूस होना, तो समय रहते इन लक्षणों की पहचान कर उसका इलाज करना बेहद जरूरी है, तो चलिए जानते हैं क्या हैं बच्चे को बुखार आने के लक्षण और उनकी पहचान।

  • बच्चे का शरीर ठंडा लगता है लेकिन त्वचा गर्म महसूस होती है।
  • तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर आता है।
  • शरीर में थकावट और ठंडक महसूस करना।
  • बार-बार बुखार आना और बच्चे का रोना।
  • नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई होना।
  • चिड़चिड़ापना होना और कुछ भी खाने में मन न लगना।

नवजात शिशु के बुखार का घरेलू उपाय

नवजात शिशु के बुखार का घरेलू उपाय के लिए कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

स्पंजिंग (स्पंजिंग): एक लंबा स्पंज कपड़ा गर्म पानी में भिगोकर उसे धीरे-धीरे शिशु के शरीर पर मालिश करें। यह उनके तापमान को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

हाइड्रेशन: बच्चे को पर्याप्त पानी पिलाना बुखार के दौरान उसके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है। यह उसके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है और बुखार को सही करने में मदद करता है। लेकिन अगर आपका शिशु 6 महीने से नीचे है तो आप इसे अधिक से अधिक ब्रेस्टफीडिंग अवश्य करवाएं।

अगर आप एक न्यू मॉम है और आपको कम ब्रेस्टमिल्क बनता है या ब्रेस्टमिल्क नहीं आता है तो आप यह सभी घरेलु उपाय कर सकती है। बता दूँ यह सभी घरेलु उपाय में खुद किये है जिससे मेरा ब्रेस्टमिल्क प्रोडक्शन काफी अच्छा हो गया। ब्रेस्टमिल्क कैसे बढ़ाएं जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़े Breast milk kaise badhaye.

आराम: बुखार के समय शिशु को अधिक आराम दें। जब बच्चे को बुखार होता है, तो उन्हें आराम करने देना चाहिए। बुखार एक प्रोसेस हो सकती है। जब उनका शरीर किसी संक्रमण के खिलाफ लड़ रहा होता है। आराम करने से उनके शरीर को लड़ने और विश्राम करने के लिए समय मिलता है, जिससे वे ठीक हो सकते हैं।

बच्चे को नहलाएं– बुखार में आप अपने बच्चे को हल्का गरम पानी का इस्तेमाल करके नहला सकते है। यह आपके शिशु के तापमान पे भी निर्भर करता है यदि आपके बच्चे को तेज बुखार है तो आप उसे मत नहलाएं।

शिशु को दें स्किन टू स्किन कांटेक्ट: नवजात शिशु को उनकी माँ के साथ बारम्बार स्किन-टु-स्किन संपर्क में रहना चाहिए इससे आपका बच्चा अंदर से अच्छा फील करता है और वह जल्द ही स्वस्थ होने लगता है।

गर्मियों में भी सर्दी जुकाम होना बहुत ही आम बात है लेकिन नवजात शिशु को जुकाम होने पर बहुत ही परेशानी होती है ऐसे में न्यू मॉम्स कुछ घरेलु उपाय की मदद से शिशु की सर्दी जुकाम ठीक कर सकती है – न्यू बोर्न बेबी को खाँसी- जुकाम होने पर क्या करें, इन लक्षणों से जाने नवजात शिशु को जुकाम है या निमोनिया

अगर आप भी नवजात शिशु है और उसे बहुत अधिक गैस बनती है तो इन उपाय के जरिये आप बच्चे को गैस से राहत दिला सकते है- नवजात शिशु को गैस क्यों बनती है और इससे राहत कैसे पाएं

इस के साथ में आपको बता दूँ अगर आपके नवजात शिशु में ये सभी लक्षण हैं, तो तुरंत एक पेडियाट्रिशियन या बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करें। वे सही निदान और उपचार के लिए आपकी मदद करेंगे।

Author
Nutan Bhatt
मैं नूतन भट्ट हूँ, शिवांग की माँ और mumbabysparsh.com की संस्थापक। एक नई माँ के रूप में, मैंने अपनी मातृत्व यात्रा के दौरान सीखे गए सबक और अनुभवों को साझा करने का फैसला किया। मेरा लक्ष्य है अन्य नई माओं को प्रेरित करना और उनकी मदद करना, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण और खुशियों भरी यात्रा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। मेरे लेख बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य, और मातृत्व के सुखद अनुभवों पर केंद्रित हैं, सभी को हिंदी में सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मैं आशा करती हूँ कि मेरे विचार और सुझाव आपकी मातृत्व यात्रा को और अधिक खुशहाल और सुगम बनाने में मदद करेंगे।

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