प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना

 त्वचा पर असर

गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। ये हार्मोनल बदलाव त्वचा में मेलानिन (Melanin) का उत्पादन बढ़ाते हैं, जो त्वचा के गहरे रंग का कारण बनता है।

लिनिया निग्रा का प्रभाव

प्रेगनेंसी के दौरान पेट पर एक गहरे रंग की रेखा दिखाई देती है, जिसे लिनिया निग्रा कहा जाता है। यह रेखा नाभि से नीचे की ओर खिंचती है और इसके कारण नाभि का रंग भी गहरा हो सकता है।

बढ़ता पेट और खिंचाव

जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का विकास होता है, पेट का आकार बढ़ता है, जिससे त्वचा में खिंचाव होता है। इस खिंचाव के कारण भी नाभि का रंग काला हो सकता है।

घरेलू उपायों से राहत

नाभि के कालेपन को कम करने के लिए घरेलू उपाय जैसे बेसन, हल्दी, और एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनसे त्वचा का रंग हल्का करने में मदद मिलती है।

विशेषज्ञों की राय

नाभि का काला होना गर्भावस्था के दौरान सामान्य है और शिशु के जन्म के बाद यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन अगर इसके साथ दर्द या सूजन हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।

प्रेगनेंसी के बाद स्थिति

नाभि का कालापन शिशु के जन्म के कुछ हफ्तों बाद धीरे-धीरे हल्का हो जाता है। इसके लिए त्वचा को मॉइश्चराइज़ करना और धूप से बचाना जरूरी होता है।