गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में बच्चा गर्भाशय में स्वतंत्र रूप से तैरता है। उसकी कोई निश्चित स्थिति नहीं होती क्योंकि उस समय गर्भ में जगह काफी होती है। बच्चा किसी भी दिशा में हो सकता है—बाएं, दाएं, या बीच में।
इस दौरान बच्चे का आकार बड़ा होने लगता है, लेकिन अभी भी वह गर्भ में घूम सकता है। बच्चा बाईं या दाईं किसी भी ओर हो सकता है। इस समय तक डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से बच्चे की पोजीशन को ट्रैक कर सकते हैं।
अब बच्चे की स्थिति स्थिर होने लगती है, और ज्यादातर मामलों में बच्चा सिर नीचे और पैर ऊपर की ओर हो जाता है। इसे "सेफेलिक पोजीशन" कहते हैं। अगर बच्चा बाईं ओर सिर करके होता है, तो इसे "लेफ्ट ओसीपुट एंटीरियर (LOA)" पोजीशन कहते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर्स बाईं ओर सोने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे गर्भाशय में खून का प्रवाह बेहतर होता है और बच्चे को अधिक ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।
आखिरी महीनों में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और मैनुअल चेकअप से बच्चे की पोजीशन को मॉनिटर करते हैं। यदि बच्चे की पोजीशन सही नहीं होती, तो डॉक्टर विशेष तकनीक का सहारा लेकर बच्चे को सही स्थिति में लाने की कोशिश कर सकते हैं।