रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ने से शरीर में तरल पदार्थ की कमी होती है, जिससे प्यास अधिक लगती है।
उच्च रक्त शर्करा के कारण गुर्दे अधिक मात्रा में मूत्र बनाते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आता है।
शरीर की कोशिकाएँ ग्लूकोज का उपयोग नहीं कर पातीं, जिससे ऊर्जा की कमी होती है और भूख बढ़ती है।
भूख बढ़ने के बावजूद, शरीर वसा और मांसपेशियों को ऊर्जा के लिए तोड़ता है, जिससे वजन घटता है।
ऊर्जा की कमी के कारण लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।
रक्त शर्करा के असंतुलन से मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन हो सकता है।